RBI के दायरे में आए 1,540 सहकारी बैंक, PMC घोटाले के बाद लिया सरकार ने फैसला
मोदी सरकार ने देशभर के सहकारी बैंकों में जमा आम आदमी के पैसों को सुरक्षित बनाने के लिए बुधवार को कानून में बदलाव को मंजूरी दे दी। अब देशभर के 1,540 सहकारी बैंक आरबीआई के दायरे में आ गए हैं, जिनका ऑडिट केंद्रीय बैंक के नियमों के तहत किया जाएगा। पीएमसी बैंक में हाल में हुई धोखाधड़ी के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया है।
जमा हैं पांच लाख करोड़ रुपये
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बैंकिंग नियमन एक्ट में बदलाव कर सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान की गई है। अभी देशभर के सहकारी बैंकों में 8.60 लोगों के करीब 5 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। नए प्रस्ताव के तहत सहकारी बैंकों का नियमन अब आरबीआई के नियमानुसार किया जाएगा। इनका ऑडिट भी आरबीआई नियमों के तहत होगा। अगर कोई बैंक वित्तीय संकट में फंसता है, तो उसके बोर्ड पर निगरानी भी आरबीआई ही रखेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि सहकारी बैंकों को आरबीआई की गाइडलाइन को अपनाने के लिए निश्चित समय-सीमा दी जाएगी। कैबिनेट ने यह फैसला बजट 2020-21 में किए गए प्रावधानों के बाद लिया है। इसमें वित्त मंत्री ने कहा था कि सहकारी बैंकों को पेशेवर बनाने और उसमें जमा रकम को सुरक्षित करने के लिए इसके एक्ट में बदलाव किया जाएगा।
प्रशासनिक भूमिका में रहेंगे सहकारी रजिस्ट्रार
नियमों में बदलाव के बाद भी सहकारी बैंकों के प्रबंधन का जिम्मा रजिस्ट्रार के पास ही रहेगा। यह बदलाव बैंकों की वित्तीय मजबूती के लिए किया गया है और इन बैंकों में सीईओ की नियुक्ति के लिए जरूरी अर्ह्ता की स्वीकृति भी आरबीआई से लेनी होगी। इससे पहले सरकार ने बजट में बैंकों में जमा राशि की सुरक्षा गारंटी को भी एक लाख से बढ़ाकर लाख रुपये कर दिया था।