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इस साल पीसीए से बाहर होंगे चार और बैंक, एनपीए में आएगी गिरावट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संदीप भट्ट
Updated Tue, 03 Sep 2019 05:20 AM IST
सार
- यूनाइटेड बैंक का विलय होगा और यह पीसीए से बाहर निकल जाएगा।
- अन्य बैंकों को पीसीए से निकालने के लिए सरकार की पूंजी पर्याप्त होगी।
- एनपीए को 6 फीसदी से नीचे लाने में मिलेगी मदद।
- वित्त मंत्रालय का अनुमान, नई पूंजी मिलने से आएगी मजबूती
- 10,800 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी सरकार इन बैंकों में
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विस्तार
वित्त मंत्रालय ने अनुमान जताया है कि सरकार की ओर से नई पूंजी मिलने के बाद चार अन्य बैंक भी पीसीए से बाहर आ सकते हैं। आरबीआई ने सार्वजनिक क्षेत्र के इन बैंकों की खराब हालत को देखते हुए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) फ्रेमवर्क की निगरानी में डाल दिया था।
वित्त सचिव राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि अभी इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई की पीसीए निगरानी में हैं। सरकार ने इन चारों बैंकों को कुल 10,800 करोड़ रुपये की पूंजी देने का एलान किया है।
इसमें से 3,800 करोड़ की सबसे ज्यादा राशि आईओबी को मिलेगी, जबकि सेंट्रल बैंक को 3,300 करोड़, यूको बैंक में 2,100 करोड़ और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में 1,600 करोड़ की पूंजी डाली जाएगी।
वित्त सचिव ने कहा कि यूनाइटेड बैंक का विलय होगा और यह पीसीए से बाहर निकल जाएगा, जबकि अन्य बैंकों को पीसीए से निकालने के लिए सरकार की पूंजी पर्याप्त होगी। इसके साथ ही इन बैंकों पर लागू कर्ज नहीं देने सहित कई प्रतिबंध समाप्त हो जाएंगे।
इससे पहले एनपीए में उछाल और लगातार घाटे को देखते हुए आरबीआई ने 11 सरकारी बैंकों को पीसीए निगरानी की सूची में डाला था। इसमें शामिल देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया था, जबकि आईडीबीआई बैंक का एलआईसी ने अधिग्रहण कर लिया था। अन्य बैंक भी पूंजी मिलने के बाद निगरानी से बाहर आ गए थे।
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वित्त सचिव राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि अभी इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई की पीसीए निगरानी में हैं। सरकार ने इन चारों बैंकों को कुल 10,800 करोड़ रुपये की पूंजी देने का एलान किया है।
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इसमें से 3,800 करोड़ की सबसे ज्यादा राशि आईओबी को मिलेगी, जबकि सेंट्रल बैंक को 3,300 करोड़, यूको बैंक में 2,100 करोड़ और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में 1,600 करोड़ की पूंजी डाली जाएगी।
वित्त सचिव ने कहा कि यूनाइटेड बैंक का विलय होगा और यह पीसीए से बाहर निकल जाएगा, जबकि अन्य बैंकों को पीसीए से निकालने के लिए सरकार की पूंजी पर्याप्त होगी। इसके साथ ही इन बैंकों पर लागू कर्ज नहीं देने सहित कई प्रतिबंध समाप्त हो जाएंगे।
एनपीए में आएगी गिरावट
वित्त सचिव का मानना है कि सरकार की ओर से मिलने वाली पूंजी से बैंकों का तरलता स्तर बढ़ेगा और उन्हें अपने एनपीए को 6 फीसदी से नीचे लाने में मदद मिलेगी। बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में 1.21 लाख करोड़ का एनपीए वसूला था।इससे पहले एनपीए में उछाल और लगातार घाटे को देखते हुए आरबीआई ने 11 सरकारी बैंकों को पीसीए निगरानी की सूची में डाला था। इसमें शामिल देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया था, जबकि आईडीबीआई बैंक का एलआईसी ने अधिग्रहण कर लिया था। अन्य बैंक भी पूंजी मिलने के बाद निगरानी से बाहर आ गए थे।