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Budget 2024: अंतरिम बजट में केंद्रीय कर्मियों के हाथ खाली, OPS को लेकर मौन रही सरकार, धूमिल हुई उम्मीद

Jitendra Bhardwaj जितेंद्र भारद्वाज
Updated Thu, 01 Feb 2024 06:43 PM IST
सार
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा, अंतरिम बजट में देश के करोड़ों कर्मचारियों के विषय पर कोई फैसला न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से कर्मचारियों में मायूसी छाई हुई है। सरकार, निजीकरण की ओर भागती जा रही है...
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Budget 2024: government remained silent on old pension and changes in tax slab
Budget 2024 - फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar

विस्तार
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केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में करोड़ों सरकारी कर्मियों के हाथ खाली रहे। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को उम्मीद थी कि सरकार इस बजट में पुरानी पेंशन जैसे मुद्दों पर कोई घोषणा कर सकती है। सरकार ने इस बाबत कोई घोषणा नहीं की। केंद्रीय कर्मियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की चेतावनी दे रखी है।

एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा, अंतरिम बजट में देश के करोड़ों कर्मचारियों के विषय पर कोई फैसला न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से कर्मचारियों में मायूसी छाई हुई है। सरकार, निजीकरण की ओर भागती जा रही है। बंधु ने गुरुवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा, यह बजट वर्तमान सरकार का आखिरी बजट था। इस बजट के बाद सरकार को चुनाव में जाना है। इस कारण केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी, प्रधानमंत्री मोदी की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे थे।

सरकारी कर्मियों को उम्मीद थी कि भारत सरकार बजट में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करेगी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से रेलवे, रक्षा, डाक, आयकर, अकाउंट एंड ऑडिट, केंद्रीय सचिवालय, इसरो, डीएई, स्वायत्तता प्राप्त संगठन, केंद्रीय अर्धसैनिक बल, सभी राज्यों के सरकारी कर्मचारी, यूटी क्षेत्रों के कर्मी, प्राथमिक टीचर, हाई स्कूल टीचर, उच्च शिक्षा विभाग, कालेज एवं यूनिवर्सिटी आदि का स्टाफ निराश है।

बंधु ने कहा, यह देश का दुर्भाग्य है कि देश कि सेवा में दिन-रात लगे रहने वाले करोड़ों कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया गया। देश में निजीकरण बढ़ता जा रहा है। रोजगार पर भी सरकार को कोई स्पष्ट विजन सामने नहीं आया। ऐसे में रोजगार के अवसर कहां से और कैसे उपलब्ध होंगे, कोई नहीं जानता। सरकार का फोकस आउटसोर्सिंग/संविदा के तहत कर्मचारियों की भर्ती पर है। इससे कर्मचारियों का शोषण लगातार जारी रहेगा।

संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉक्टर नीरजपति त्रिपाठी ने कहा, अंतरिम बजट सरकारी कर्मचारियों के लिए अत्यधिक निराशाजनक है। शिक्षक एवं दूसरे कर्मियों के विषय में वर्तमान सरकार संवेदनहीन है। देश के विकास में इन कर्मियों का अतुलनीय योगदान है। इसके बावजूद कर्मचारी वर्ग को नजरअंदाज किया जा रहा है। कर्मियों के मुद्दों पर आंखें बंद करना, यह सरकार की नियति व नीति, दोनों को दर्शाता है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने कहा, कर्मचारी वर्ग को टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से भारी निराशा है। कर्मियों को अंतरिम बजट से बहुत उम्मीदें थीं, मगर सरकार ने निराश कर दिया।

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