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New Tax Regime: '90% से ज्यादा आयकरदाता अपनाएंगे नई कर व्यवस्था', CBDT प्रमुख बोले- अभी यह 75% पर है स्थिर
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 02 Feb 2025 07:50 PM IST
सार
New Tax Regime: केंद्र सरकार ने बजट में आम जनता को राहत देते हुए 12 लाख तक के आय पर कर से छूट दी है। वहीं इस पर सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया है कि नई कर व्यवस्था को 90 फीसदी से ज्यादा आयकरदाता अपनाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल नई कर व्यवस्था में 75% आयकरदाता शामिल हैं।
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रवि अग्रवाल, चेयरमैन, सीबीडीटी
- फोटो : ANI
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विस्तार
सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर की बजट घोषणा और सभी कर स्लैबों में बदलाव से 90 प्रतिशत से अधिक व्यक्तिगत करदाता नई कर व्यवस्था अपना सकते हैं। अभी यह लगभग 75 प्रतिशत है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा, सरलीकृत आईटीआर-1 में आय की रिपोर्ट करने के लिए उपलब्ध प्रक्रियाएं बहुत जटिल नहीं थीं।
आम करदाता के लिए चीजें काफी सरल हुईं- रवि अग्रवाल
उन्होंने कहा, नई कर व्यवस्था में पुरानी व्यवस्था की तरह कोई कटौती या छूट नहीं है। इसलिए यहां करदाता बिना किसी पेशेवर की मदद से खुद अपना रिटर्न भर सकता है। आगे बढ़ने के लिए हमेशा सुधार की गुंजाइश बनी रहती है और यह सभी क्षेत्रों में सच है। लेकिन कुल मिलाकर, आम करदाता के लिए चीजें काफी हद तक सरल हो गई हैं।
करों का भुगतान कीजिए और खुश रहिए- सीबीडीटी अध्यक्ष
उन्होंने कहा, आयकर भुगतान के संबंध में बजट में की गई घोषणाओं के साथ, अधिक से अधिक करदाताओं को नई व्यवस्था का विकल्प चुनने के लिए प्रेरित किया जाएगा। नई छूट से न केवल उन लोगों को लाभ होगा जो प्रति वर्ष 12 लाख रुपये कमाते हैं, बल्कि सभी को लाभ होगा। कर अधिकारी अब तमाम झंझटों या प्रक्रियाओं की जगह करदाता को बस संकेत देते हैं कि करों का भुगतान कीजिए और खुश रहिए।
कई डाटा से एकत्रित होती है जानकारी- रवि अग्रवाल
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, वे बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं जिसमें एआई का उपयोग और इलेक्ट्रॉनिक रूप से कई डाटा का दोहन शामिल है। उन्होंने कहा, हमें कई डाटा स्रोतों से जानकारी मिल रही है। हम उस डाटा को एकत्रित कर रहे हैं और करदाता के लिए उपलब्ध करा रहे हैं। अब अधिक से अधिक करदाता अपने तरफ से किए गए लेनदेन की विविधता के बारे में जागरूक हो रहे हैं। जब वे अपना रिटर्न दाखिल करते हैं तो अनुपालन करते हैं। गलत या फर्जी कटौती का दावा करने वाले लगभग 90,000 करदाताओं ने संशोधित रिटर्न दाखिल किया है और पिछले वर्ष के दौरान करों में 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
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आम करदाता के लिए चीजें काफी सरल हुईं- रवि अग्रवाल
उन्होंने कहा, नई कर व्यवस्था में पुरानी व्यवस्था की तरह कोई कटौती या छूट नहीं है। इसलिए यहां करदाता बिना किसी पेशेवर की मदद से खुद अपना रिटर्न भर सकता है। आगे बढ़ने के लिए हमेशा सुधार की गुंजाइश बनी रहती है और यह सभी क्षेत्रों में सच है। लेकिन कुल मिलाकर, आम करदाता के लिए चीजें काफी हद तक सरल हो गई हैं।
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करों का भुगतान कीजिए और खुश रहिए- सीबीडीटी अध्यक्ष
उन्होंने कहा, आयकर भुगतान के संबंध में बजट में की गई घोषणाओं के साथ, अधिक से अधिक करदाताओं को नई व्यवस्था का विकल्प चुनने के लिए प्रेरित किया जाएगा। नई छूट से न केवल उन लोगों को लाभ होगा जो प्रति वर्ष 12 लाख रुपये कमाते हैं, बल्कि सभी को लाभ होगा। कर अधिकारी अब तमाम झंझटों या प्रक्रियाओं की जगह करदाता को बस संकेत देते हैं कि करों का भुगतान कीजिए और खुश रहिए।
कई डाटा से एकत्रित होती है जानकारी- रवि अग्रवाल
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, वे बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं जिसमें एआई का उपयोग और इलेक्ट्रॉनिक रूप से कई डाटा का दोहन शामिल है। उन्होंने कहा, हमें कई डाटा स्रोतों से जानकारी मिल रही है। हम उस डाटा को एकत्रित कर रहे हैं और करदाता के लिए उपलब्ध करा रहे हैं। अब अधिक से अधिक करदाता अपने तरफ से किए गए लेनदेन की विविधता के बारे में जागरूक हो रहे हैं। जब वे अपना रिटर्न दाखिल करते हैं तो अनुपालन करते हैं। गलत या फर्जी कटौती का दावा करने वाले लगभग 90,000 करदाताओं ने संशोधित रिटर्न दाखिल किया है और पिछले वर्ष के दौरान करों में 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।