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उपलब्धि: 2025 में आईपीओ से जुटाए गए रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़, नए साल में भी जारी रहेगी तेजी
अमर उजाला ब्यूरो/एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 24 Dec 2025 04:41 AM IST
सार
घरेलू बाजार में मजबूत नकदी और निवेशक भरोसे के चलते 2025 में आईपीओ बाजार ने रिकॉर्ड बनाया और कंपनियों ने 1.76 लाख करोड़ रुपये जुटाए। इस साल स्टार्टअप लिस्टिंग में भी तेजी रही, जबकि ओएफएस के जरिये सबसे ज्यादा पूंजी जुटाई गई और साल के दूसरे हिस्से में गतिविधियां तेज हुईं।
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आईपीओ (सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
घरेलू बाजार में पर्याप्त नकदी, मजबूत निवेशक विश्वास और सहायक वृहद आर्थिक कारकों से प्रेरित 2025 में कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये जुटाए। आईपीओ बाजार की यह तेजी नए साल में भी जारी रहने की उम्मीद है।
2025 की एक बड़ी उपलब्धि स्टार्टअप कंपनियों का सूचीबद्ध होना रहा। इस साल लेंसकार्ट, ग्रो, मीशो एवं फिजिक्सवाला समेत 18 स्टार्टअप सूचीबद्ध हुए और संयुक्त रूप से 41,000 करोड़ से अधिक जुटाए। वहीं, 2024 में स्टार्टअप ने 29,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। साथ ही, बिक्री पेशकश (ओएफएस) धन जुटाने की गतिविधियों में प्रमुख बना रहा। इस साल कुल जुटाई गई पूंजी में इसकी करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी रही।
बाजार प्रतिभागी 2026 यानी नए साल में भी आईपीओ गतिविधियों को लेकर आशावादी हैं। इक्विरस कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं निवेश बैंकिंग प्रमुख भावेश शाह ने कहा, आईपीओ का परिदृश्य प्रोत्साहक बना हुआ है। इसे आगामी आईपीओ और मजबूत क्षेत्रीय विविधता का समर्थन प्राप्त है।
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पहले सात महीनों में गतिविधियों में रही सुस्ती, अगस्त से सुधार: भावेश ने कहा, आईपीओ बाजार में तेजी पूरे वर्ष समान नहीं रही। बाजार की अस्थिरता, विदेशी निवेशकों की कमजोर भागीदारी और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच पहले सात महीनों में प्राथमिक बाजार की गतिविधि सुस्त बनी रही।
अगस्त से परिस्थितियों में काफी हद तक सुधार आया, क्योंकि वृहद आर्थिक चिंताएं कम हुईं। नकदी की मजबूत स्थिति के साथ शेयर बाजार स्थिर हुए। इससे कंपनियों के सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया में तेजी देखने को मिली।
इस साल आए 103 आईपीओ: एक्सचेंजों के मुताबिक, 2025 में कुल 103 नए आईपीओ पेश किए गए, जिससे रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। यह 2024 में 90 कंपनियों की ओर से जुटाए गए 1.6 लाख करोड़ और 2023 में 57 कंपनियों के जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपये से अधिक है।
ये भी पढ़ें: WTO: सौर ऊर्जा व आईटी क्षेत्र के सामानों पर भारत की सख्ती से चीन परेशान, जानिए डब्ल्यूटीओ से क्या गुहार लगाई
नए साल में आ सकते हैं 175 से अधिक इश्यू, 75 को मंजूरी
नए साल यानी 2026 में 175 से अधिक आईपीओ बाजार में आ सकते हैं। 75 से अधिक कंपनियों को आईपीओ के लिए पहले ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपने निर्गम नहीं शुरू किए हैं वहीं, अन्य 100 कंपनियां आईपीओ लाने के लिए सेबी की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रही हैं।
आगामी आईपीओ में प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, इन्फ्रा, ऊर्जा एवं उपभोक्ता क्षेत्रों के निर्गम शामिल हैं, जो व्यापक सहभागिता को दर्शाते हैं। इसमें रिलायंस जियो, एसबीआई म्यूचुअल फंड, ओयो और फोनपे जैसे प्रमुख निर्गमों के शामिल होने की भी संभावना है।
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2025 की एक बड़ी उपलब्धि स्टार्टअप कंपनियों का सूचीबद्ध होना रहा। इस साल लेंसकार्ट, ग्रो, मीशो एवं फिजिक्सवाला समेत 18 स्टार्टअप सूचीबद्ध हुए और संयुक्त रूप से 41,000 करोड़ से अधिक जुटाए। वहीं, 2024 में स्टार्टअप ने 29,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। साथ ही, बिक्री पेशकश (ओएफएस) धन जुटाने की गतिविधियों में प्रमुख बना रहा। इस साल कुल जुटाई गई पूंजी में इसकी करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी रही।
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बाजार प्रतिभागी 2026 यानी नए साल में भी आईपीओ गतिविधियों को लेकर आशावादी हैं। इक्विरस कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं निवेश बैंकिंग प्रमुख भावेश शाह ने कहा, आईपीओ का परिदृश्य प्रोत्साहक बना हुआ है। इसे आगामी आईपीओ और मजबूत क्षेत्रीय विविधता का समर्थन प्राप्त है।
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अगस्त से परिस्थितियों में काफी हद तक सुधार आया, क्योंकि वृहद आर्थिक चिंताएं कम हुईं। नकदी की मजबूत स्थिति के साथ शेयर बाजार स्थिर हुए। इससे कंपनियों के सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया में तेजी देखने को मिली।
इस साल आए 103 आईपीओ: एक्सचेंजों के मुताबिक, 2025 में कुल 103 नए आईपीओ पेश किए गए, जिससे रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। यह 2024 में 90 कंपनियों की ओर से जुटाए गए 1.6 लाख करोड़ और 2023 में 57 कंपनियों के जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपये से अधिक है।
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नए साल में आ सकते हैं 175 से अधिक इश्यू, 75 को मंजूरी
नए साल यानी 2026 में 175 से अधिक आईपीओ बाजार में आ सकते हैं। 75 से अधिक कंपनियों को आईपीओ के लिए पहले ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपने निर्गम नहीं शुरू किए हैं वहीं, अन्य 100 कंपनियां आईपीओ लाने के लिए सेबी की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रही हैं।
आगामी आईपीओ में प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, इन्फ्रा, ऊर्जा एवं उपभोक्ता क्षेत्रों के निर्गम शामिल हैं, जो व्यापक सहभागिता को दर्शाते हैं। इसमें रिलायंस जियो, एसबीआई म्यूचुअल फंड, ओयो और फोनपे जैसे प्रमुख निर्गमों के शामिल होने की भी संभावना है।