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एयर इंडिया की नसीहत: विनिवेश पूरा होने तक खर्चे काबू में रखें कर्मचारी, प्रक्रिया पूरी होने में लगेंगे 10 सप्ताह
एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 16 Oct 2021 02:05 AM IST
सार
एयर इंडिया के सीएमडी सचिव राजीव बंसल ने कर्मचारियों को जारी संदेश में कहा कि अपने रोजमर्रा के खर्चों को नियंत्रित करने के साथ पूंजी बचाने पर जोर दिया जाना चाहिए। बेहद जरूरी होने पर ही पूंजी खर्च की जाए। विनिवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में है और बोलीदाता को जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया है।
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एयर इंडिया
- फोटो : Air India
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विस्तार
टाटा समूह के हाथ जाने को तैयार सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को विनिवेश पूरा होने तक खर्चों को काबू में रखने की नसीहत दी है। कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) ने कहा है कि विनिवेश प्रक्रिया पूरी होने में करीब 10 सप्ताह का समय लगेगा।
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विमानन सचिव राजीव बंसल के पास ही एयर इंडिया के सीएमडी पद की जिम्मेदारी है। उन्होंने कर्मचारियों को जारी संदेश में कहा कि अपने रोजमर्रा के खर्चों को नियंत्रित करने के साथ पूंजी बचाने पर जोर दिया जाना चाहिए। बेहद जरूरी होने पर ही पूंजी खर्च की जाए। विनिवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में है और बोलीदाता को जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया है।
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कंपनी के प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश हैं कि वित्त निदेशक और सीएमडी की मंजूरी के बिना किसी भी तरह के नए अनुबंध नहीं किए जाएंगे। हालांकि, यह प्रतिबंध अधिकतम 31 मार्च, 2022 तक रहेगा। आदेश में कहा गया है कि सभी निदेशक, कार्यकारी निदेशक और विभाग प्रमुख को इन नियमों के सख्त पालन की चेतावनी भी दी गई है। गौरतलब है कि टाटा समूह ने 18,000 करोड़ की बोली लगाकर को एयर इंडिया को अपने नाम किया है।
एयर इंडिया निजीकरण के बाद सरकार इसकी चार अनुसंगी कंपनियों के मुद्रीकरण की तैयारी में
एयर इंडिया का सफलतापूर्वक निजीकरण करने के बाद केंद्र सरकार अब इसकी चार अनुसंगी कंपनियों के मुद्रीकरण की तैयारी में है। इन चार कंपनियों में अलाएंस एयर शामिल है।
इसके अलावा 14,700 करोड़ रुपये की अचल परिसंपत्तियां, जिनमें भूमि और इमारतें शामिल हैं, उनका मुद्रीकरण भी किया जाएगा। विनिवेश एवं जन संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि उनका विभाग अब एआईएएसएल के पास मौजूद एयर इंडिया की चार अनुषंगी कंपनियों के मुद्रीकरण और दायित्वों को कम करने की योजना पर काम करेगा।
एयर इंडिया की चार अनुषंगी कंपनियों एयर इंडिया ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयरलाइन अलाइड सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजिनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ गैर महत्वपूर्ण संपत्तियां, पेंटिंग्स और कलाकृतियां एवं अन्य नॉन ऑपरेशनल संपत्तियां इसे सौंप दी गई थी।
सरकार ने 8 अक्तूबर को कर्ज के बोझ से दबी नेशनल कॅरिअर एअर इंडिया का स्वामित्व टाटा संस को सौँपने की घोषणा की थी।
एयर इंडिया के निजीकरण में अहम भूमिका निभाने वाले पांडे ने कहा, हमारे पास एआईएएसएल की संपत्तियों के मुद्रीकरण की योजना है। हालांकि एआईएएसएल के दायित्वों और संपत्तियों का निपटारा करना बहुत बड़ा काम है।