बैलेंस ट्रांसफर: होम लोन की EMI घटाने में मिल सकती है मदद, वर्तमान में 9% से अधिक ब्याज पर पेशकश कर रहे बैंक
हाल ही में कई बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे होम लोन और महंगा हो गया है। लोग अब कर्ज का बोझ कम करने के तरीके तलाश रहे हैं। अगर आप भी यह बोझ घटाना चाहते हैं तो बैलेंस ट्रांसफर बेहतर विकल्प हो सकता है।
विस्तार
आरबीआई ने रेपो दर को लगातार नौंवी बार यथावत रखते हुए इसे 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। मई, 2022 और फरवरी, 2023 के बीच रेपो दर में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद होम लोन की ब्याज दरें इस समय करीब 9 फीसदी और उससे अधिक के उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। इससे कर्जदारों पर ईएमआई का बोझ बढ़ा है या कर्ज भुगतान की अवधि बढ़ी है। हाल ही में कई बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे होम लोन और महंगा हो गया है। लोग अब कर्ज का बोझ कम करने के तरीके तलाश रहे हैं। अगर आप भी यह बोझ घटाना चाहते हैं तो बैलेंस ट्रांसफर बेहतर विकल्प हो सकता है। यह सुविधा लेने से पहले जानना जरूरी है कि बैलेंस ट्रांसफर चुनना कब मददगार होगा।
क्या है बैलेंस ट्रांसफर
यह एक कर्ज प्रबंधन रणनीति है। इसमें पूरी बकाया मूल राशि किसी दूसरे बैंक या नए ऋणदाता को कम ब्याज दर पर ट्रांसफर कर दी जाती है। इससे मासिक ईएमआई और कर्ज पर कुल ब्याज को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे उधारकर्ताओं को वित्तीय राहत मिल सकती है।
सुविधा चुनने के फायदे
- कम ब्याज दर : अगर आपने बिना जांच-पड़ताल के या पात्रता संबंधी समस्याओं के कारण अधिक ब्याज दर पर होम लोन ले लिया है तो बैलेंस ट्रांसफर सुविधा आपके कर्ज को कम ब्याज पर हस्तांतरित करने में मदद कर सकती है। इससे कुल कर्ज का बोझ कम हो जाएगा।
- बढ़ सकती है अवधि : तंगी के समय बैलेंस ट्रांसफर आपके कर्ज भुगतान अवधि बढ़ाकर मदद कर सकता है। इससे ईएमआई की रकम घट जाएगी, जिससे कर्ज के कुशल प्रबंधन में मदद मिलेगी।
जानें...कब होगा लाभकारी
बैलेंस ट्रांसफर आपके लिए कारगर होगा या नहीं, यह जानने के लिए इस सुविधा के चयन के बाद मौजूदा और नए होम लोन के बीच अंतर की गणना करनी चाहिए। अगर नया लोन काफी कम है, तो बैलेंस ट्रांसफर सुविधा चुनने पर विचार कर सकते हैं।
- दूसरी ओर, अगर आपका होम लोन खत्म होने वाला है या आपने ब्याज भुगतान के साथ कर्ज की शुरुआती किस्तें चुका दी हैं और सिर्फ एक छोटा हिस्सा ही बचा है तो बैलेंस ट्रांसफर सुविधा नहीं लेना ही बेहतर होगा। इसके लिए आप होन लोन बैलेंस ट्रांसफर कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं।
- बैलेंस ट्रांसफर को चुनते समय अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करें। विभिन्न कर्जदाताओं के नियमों और शर्तों की तुलना करें।
चुनें कम ब्याज पर कर्ज देने वाला बैंक
आरबीआई आगामी बैठक में रेपो दर घटा सकता है। अधिकांश होम लोन फ्लोटिंग दर पर दिए जाते हैं। यह दर रेपो रेट में संशोधन के साथ बदलती रहती है। हालांकि, फिक्स्ड दर वाला होम लोन फ्लोटिंग के मुकाबले अब भी सस्ता है, जो बैलेंस ट्रांसफर को अधिक आकर्षक बना सकता है। अगर बैलेंस ट्रांसफर कराना चाहते हैं तो यह भी देखें किस बैंक का ब्याज कम है। -आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार