Adani: अदाणी समूह को ऑस्ट्रेलिया में सुप्रीम कोर्ट से राहत, एक्टिविस्ट को गोपनीय डेटा की जांच से रोका गया
Adani: ऑस्ट्रेलिया की अदालत से अदाणी समूह के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट ने एक जीवाश्म ईंधन विरोधी एक्टिविस्ट को अदाणी की कारमाइकल कोयला खदानों से जुड़ी गोपनीय जानकारी हासिल करने और उसका उपयोग करने से स्थायी रूप से रोक दिया है। इस फैसले के साथ अदाणी समूह और उसके लंबे समय से विरोधी के बीच चला आ रहा कानूनी संघर्ष अब समाप्त हो गया है। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
विस्तार
ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट से अदाणी समूह की एक कंपनी को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने एक जीवाश्म ईंधन विरोधी एक्टिविस्ट को अदाणी की कारमाइकल कोयला खदानों से जुड़ी गोपनीय जानकारी हासिल करने और उसका उपयोग करने से रोकने के लिए स्थायी आदेश जारी किया है। इस तरह अदाणी समूह और उसके लंबे समय से एक विरोधी के बीच कई वर्षों से चल रहा कानूनी विवाद समाप्त हो गया है।
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अदाणी समूह से जुड़ी कंपनी ब्रावस माइनिंग एंड रिसोर्सेज की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, बेन पेनिंग्स को ब्रावस के कर्मचारियों, ठेकेदारों या भावी ठेकेदारों से गोपनीय व्यावसायिक जानकारी प्राप्त करने के सभी प्रयासों को रोकना होगा। इसके साथ ही उन्हें दूसरों को ऐसी जानकारी का खुलासा करने के लिए प्रोत्साहित करने से भी रोक दिया गया है।
अदाणी समूह ने हर्जाना नहीं लेने पर सहमति जताई
हालांकि, अदाणी समूह का हिस्सा ब्रावस ने भी कानूनी हर्जाना नहीं वसूलने पर सहमति जताई है। यह कंपनी गैलिली बेसिन में कारमाइकल कोयला खदान का संचालन करती है। यह निर्यात बाजार के लिए हर साल लगभग 1 करोड़ टन कोयला उत्पादित करती है। स्थायी आदेश पेनिंग्स को गोपनीय जानकारी का खुलासा करने की मांग करने या उसे बढ़ावा देने से रोकते हैं, इसमें अंदरूनी जानकारी लीक करने के मकसद से की गई प्रत्यक्ष कार्रवाई भी शामिल हैं। ये आदेश उनके वैध विरोध या वकालत में शामिल होने की क्षमता पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाते हैं।
क्या है पूरा मामला यहां समझिए?
ब्रावस ने गैलिली ब्लॉकेड समूह के राष्ट्रीय प्रवक्ता पेनिंग्स के खिलाफ एक दीवानी मुकदमा दायर किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कारमाइकल कोयला खदान, उसके आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों के संचालन को बाधित करने की कोशिश की थी। इसके मुख्य परिचालन अधिकारी मिक क्रो ने अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि कंपनी का उद्देश्य हमेशा से उत्पीड़न और धमकी भरे आचरण को रोकना रहा है।
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उन्होंने कहा, "हमने सुप्रीम कोर्ट में यह कानूनी कार्रवाई पेनिंग्स को हमारे कर्मचारियों और ठेकेदारों को परेशान करने और धमकाने से रोकने के लिए शुरू की थी। यह हर्जाना दावा कभी भी पैसों से जुड़ा नहीं था। हम बस यही चाहते थे कि पेनिंग्स हमारी गोपनीय जानकारी हासिल करने और उसका इस्तेमाल हमारे ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं को परेशान करने और धमकाने के लिए करना बंद करें।
दावा- अदाणी समूह की कंपनी को विरोध के कारण उठाना पड़ा नुकसान
अदालत में पेश साक्ष्यों के अनुसार, पेनिंग्स के अभियान- जिसमें नाकेबंदी, कार्यालय में घुसपैठ और आपूर्तिकर्ताओं पर लक्षित दबाव शामिल थे- के कारण कई प्रमुख व्यवसायों ने ब्रावस के साथ संबंध तोड़ लिए। अन्य को अतिरिक्त सुरक्षा में निवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पेनिंग्स को इससे पहले पिंकेंबा में कारमाइकल खदान और रेल परियोजना के काम में बाधा डालने के लिए किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। बयान में कहा गया है, "यह समझौता तब हुआ है जब पेनिंग्स सर्वोच्च न्यायालय से मुकदमे से पहले साक्ष्य प्रस्तुत करने से छूट पाने में असफल रहे, इसके बाद उन्हें डर था कि वे खुद दोषी साबित हो जाएंगे।"
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कंपनी का दावा- खदान और रेल नेटवर्क से हजारों लोगों को मिल रहा रोजगार
ग्रीन्स पार्टी के पूर्व प्रचारक और ब्रिस्बेन मेयर पद के उम्मीदवार पेनिंग्स, गैलिली नाकाबंदी, स्टॉप अदाणी आंदोलन और गैस विरोधी समूह जेनरेशन अल्फा के प्रमुख चेहरे रहे हैं। ब्रावस ने कहा कि कारमाइकल खदान और कारमाइकल रेल नेटवर्क दोनों चार वर्षों से अधिक समय से संचालित हो रहे हैं और हजारों क्वींसलैंडवासियों को रोजगार देते हैं। उन्होंने कहा कि पेनिंग्स के अभियानों के कारण निर्माण और कमीशनिंग के चरणों के दौरान काफी व्यवधान उत्पन्न हुआ।