Tourism: भारत में पर्यटन को बढ़ावा; 20% से ज्यादा तेजी की उम्मीद, 50 नए पर्यटन स्थलों को मिला खास दर्जा
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भरोसा जताया कि भारत में पर्यटन उद्योग आने वाले वर्षों में 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, मजबूत होता बुनियादी ढांचा और बढ़ता मध्यम वर्ग पर्यटन को नई दिशा दे रहे हैं।
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देश में पर्यटन क्षेत्र तेज रफ्तार पकड़ने की ओर है। केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भरोसा जताया कि भारत में पर्यटन उद्योग आने वाले वर्षों में 20 प्रतिशत से ज्यादा की वार्षिक कंपाउंड ग्रोथ रेट (CAGR) दर्ज कर सकता है।
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इन कारणों ने पर्यटन को दी नई दिशा
एफआईसीसीआई की 98वीं एजीएम के दौरान मंत्री ने बताया कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, मजबूत होता बुनियादी ढांचा और बढ़ता मध्यम वर्ग पर्यटन को नई दिशा दे रहे हैं। साथ ही व्यक्तिगत आय पर 12 लाख रुपये तक की कर छूट ने भी घरेलू पर्यटन को बढ़ावा दिया है।
राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करने के लिए पूरे देश को दी बधाई
उन्होंने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के अधिकार प्राप्त करने के लिए अहमदाबाद और पूरे देश के लोगों को बधाई दी। मंत्री शेखावत ने कहा कि मेरा मानना है कि इस बड़े आयोजन से भारत की पर्यटन क्षमता 2030 तक और उसके बाद भी बढ़ेगी। इससे कई गुना प्रभाव पड़ेगा।
पर्यटन में व्यक्तिगत पहल जैसी कोई चीन नहीं होती
यह पूछे जाने पर कि भारत को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाने के लिए सरकार ने क्या विशेष पहल की है, मंत्री ने कहा कि पर्यटन में व्यक्तिगत पहल जैसी कोई चीज नहीं होती, बल्कि यह सामूहिक प्रयास होता है। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी पहलों से अंततः आम जनता को लाभ होता है, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है और लोगों की खर्च करने योग्य आय बढ़ती है। ये सभी कारक हमारे पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बूस्टर खुराक का काम करते हैं।
50 पर्यटन स्थलों को मिला इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस
इस अवसर पर मंत्री ने यह भी बताया कि 50 पर्यटन स्थलों को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस दिया गया है, और इसके अलावा देश के वे सभी गंतव्य जिनकी आबादी 10 लाख से कम है, वे भी इस श्रेणी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि देश में 30-40 ऐसे शहर ही हैं, जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है, यानी व्यावहारिक रूप से पूरा देश इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस के दायरे में आ गया है।
मंत्री शेखावत ने कहा कि भारत को आतिथ्य मॉडलों की पुनर्कल्पना, नवोन्मेषी अनुभवात्मक पर्यटन उत्पादों के विकास, विश्व स्तर पर मानकीकृत सेवा उत्कृष्टता स्थापित करने और मजबूत सामुदायिक संबंध बनाने के लिए साहसिक निजी निवेश की आवश्यकता है। सरकार ने एक अनुकूल वातावरण तैयार किया है, अब उद्योग जगत की बारी है कि वह नेतृत्व करते हुए भारत के पर्यटन ब्रांड को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाए।