Report: 2025-26 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विकास की रफ्तार में दिखेगा भारत का दम, मूडीज की भविष्यवाणी
मूडीज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार 2025 में 7 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.4 प्रतिशत जीडीपी विस्तार के साथ, भारत उभरते बाजारों और पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में विकास का नेतृत्व करेगा। भारतीय रुपये में लगातार गिरावट आने के बावजूद अधिकांश रेटेड कंपनियों पर इसका सीमित असर पड़ेगा।
विस्तार
भारत 2025 में सात प्रतिशत और 2026 में 6.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज कर सकता है। मूडीज रेटिंग्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार यह वृद्धि दर उभरते बाजारों और पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक होगी। एजेंसी ने कहा कि भारत की मजबूत घरेलू मांग, निवेश गतिविधि और संरचनात्मक सुधार उसकी आर्थिक मजबूती को वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी बनाए हुए हैं।
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रुपये में गिरावट के बावजूद रेटेड कंपनियों पर पड़ेगा सीमित असर
मूडीज के अनुसार, भारतीय रुपये में लगातार गिरावट आने के बावजूद अधिकांश रेटेड कंपनियों पर इसका सीमित असर पड़ेगा। एजेंसी ने कहा कि कंपनियों के पास या तो सक्रिय मुद्रा जोखिम प्रबंधन रणनीतियां हैं या फिर मजबूत वित्तीय सुरक्षा-तंत्र मौजूद हैं, जो उतार-चढ़ाव को संभालने में मदद करते हैं।
उभरते बाजारों में भारत का नेतृत्व मजबूत
मूडीज ने यह भी बताया कि इन्वेस्टमेंट-ग्रेड भारतीय कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजारों तक अपनी मजबूत पहुंच को साबित किया है। रेटिंग्स ने कहा कि भारत उभरते बाजारों और पूरे क्षेत्र में विकास का नेतृत्व करेगा, जिसकी जीडीपी 2025 में 7 प्रतिशत और 2026 में 6.4 प्रतिशत बढ़ेगी।
एपीएसी (एशिया-प्रशांत) में इसकी अनुमानित औसत जीडीपी वृद्धि 2026 में 3.4 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी, जबकि 2024 में यह 3.3 प्रतिशत रही और 2025 में 3.6 प्रतिशत की अपेक्षित वृद्धि होगी। मूडीज ने कहा कि भारित औसत के आधार पर, उभरते बाजार इस क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को गति देंगे। इनकी औसत वृद्धि 5.6 प्रतिशत होगी, जबकि उन्नत बाजारों में औसत वृद्धि 1.3 प्रतिशत होगी।