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Tariff: अमेरिका ने जवाबी टैरिफ की समयसीमा 1 अगस्त तक बढ़ाई, निर्यातकों ने जताई राहत पर बरतनी होगी सतर्कता

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Tue, 08 Jul 2025 12:51 PM IST
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सार

अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमा को 1 अगस्त का बढ़ा दिया है। इस निर्णय पर भारतीय निर्यतकों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा है कि इससे कुछ दिनों की राहत जरूर मिली है लेकिन भविष्य के लिए सतर्कता बरतनी होगी। 

deadline for retaliatory tariffs till August 1, exporters expressed relief but caution will have to be exercis
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI

विस्तार
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अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर दुनियाभर के देशों की चिंता को कुछ दिनों की राहत दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमा को 1 अगस्त तक बढ़ा दिया है। इस फैसले पर निर्यतकों ने कहा कि रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमा बढ़ाना अमेरिका की अपनी व्यापारिक साझेदारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है। 

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व्यापार समझौते से भारत को लाभ मिलने की संभावना 

भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि यह कदम व्यापारिक वार्ता के लिए अवसर प्रदान करता है। इससे भारत को शेष मुद्दों को सुलझाने के लिए और समय मिला है। उन्होंने कहा कि अगर भारत इस महीने के अंत तक अमेरिका के साथ कम से कम वस्तुओं पर द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) कर लेता है, तो भारत को अन्य देशों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी लाभ मिल सकता है।  

घरेलू उद्योग को कुछ दिनों की राहत मिली 

एक अन्य निर्यातक ने कहा कि इस निर्णय से घरेलू उद्योग को राहत मिलेगी। भारत को अंतरिम व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बात करने के लिए 12 से 13 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ विश्वजीत धर ने इसे भारत के लिए राहत भरा कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा कुछ मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने के कारण आई है। फियो के अध्यक्ष और लुधियना स्थित इंजीनियरिंग निर्यात ने कहा कि हालांकि यह एक छोटी सी राहत है, फिर भी हम उम्मीद लगाए बैठे हैं। 

भारत को नए बाजार तलाशने की जरूरत 

मुंबई के निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (इंडिया) के संस्थापक शरद कुमार सराफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहुत अप्रत्याशित हैं। भारतीय निर्यातकों को नए बाजार तलाशने चाहिए। 

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

भारत और अमेरिका इस साल सितंबर-अक्टूबर तक एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला चरण पूरा करना चाहते हैं। इससे पहले वे एक अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। वर्ष 2021-22 से अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर का रहा, जिसमें भारत का निर्यात 86.51 अरब डॉलर और आयात 45.33 अरब डॉलर था। भारत को 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष प्राप्त हुआ।

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