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PwC की रिपोर्ट में दावा: इनोवेशन की ताकत के साथ विश्व गुरु बनेगा भारत, वैश्विक नेतृत्व की ओर तेजी से बढ़ाए कदम

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Tue, 08 Jul 2025 04:05 PM IST
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सार

पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार नवाचार के केंद्र के रूप में उभर रहा भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। देश पारंपरिक क्षेत्र की सीमाओं को पार करते हुए विकास के नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है। वर्ष 2023 में भारत का इनोवेशन प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा।

India will become Vishwa Guru with the power of innovation, claim in PWC report
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI

विस्तार
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भारत इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ एक मजबूत खिलाड़ी बना जा रहा है। प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (PwC) की रिपोर्ट के अनुसार भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने की राह पर है। इसमें कहा गया कि देश में मजबूत आर्थिक और औद्योगिक गति देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण है विस्तारित विनिर्माण क्षेत्र और बढ़ती नवाचार क्षमताएं। 

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भारत ने पारंपरिक सीमाओं को किया पार

पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय संगठन मौलिक मानवीय और व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पारंपरिक क्षेत्र की सीमाओं को पार करते हुए विकास के नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं। वर्ष 2023 में भारत का इनोवेशन प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। देश निम्न-मध्यम आय वाले देशों,  मध्य और दक्षिणी एशिया में नवाचार रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर रहा। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों द्वारा औद्योगिक डिजाइन के लिए किए गए आवेदन 2023 में 36.4 प्रतिशत बढ़े। यह उत्पाद डिजाइन, रचनात्मक उद्योगों और विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ती रुचि को दर्शाता है।


रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वैश्विक सफलता से सीख लेते हुए भारतीय कंपनियां अब पारंपरिक उद्योग सीमाओं को तेजी से तोड़ रही हैं। कुछ कंपनियाँ जिन्होंने मोबाइल फोन के निर्माण से शुरुआत की थी, अब वित्त, स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन के क्षेत्र में भी अपना विस्तार कर रही हैं। वहीं, ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अंतरिक्ष, ऊर्जा और संचार जैसे क्षेत्रों में प्रवेश किया है। यह बदलाव केवल तकनीकी कंपनियों तक ही सीमित नहीं है। पारंपरिक खुदरा कंपनियां भी अब स्वास्थ्य और वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रही हैं, जो भारत की नवाचार क्षमता और रणनीतिक साझेदारियों का प्रतीक है।

विनिर्माण क्षेत्र की अहम भूमिका

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की 30 ट्रिलियन डॉलर की संभावित अर्थव्यवस्था में 2047 तक 25 प्रतिशत योगदान के लिए विनिर्माण क्षेत्र को 22 से 23 वर्षों में 16 गुना बढ़ाने की आवश्यकता होगी। 'मेक' डोमेन के तहत ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) के 2035 तक लगभग 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

डिजिटल तकनीक अपनाने पर जोर

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रिपोर्ट में डिजिटल तकनीकों को अपनाकर उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। साथ ही, कंपनियों को विविध क्षेत्रों में अवसर तलाशने की सलाह दी गई है ताकि व्यापक मूल्य सृजन सुनिश्चित किया जा सके।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत 2023 से 2026 तक लगातार चार वर्षों तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारतीय स्टार्टअप और व्यवसायों ने इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है, जो देश की प्रगति के इंजन के रूप में कार्य कर रहे हैं। 


 

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