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Trade Deal: अमेरिका से जल्द ही व्यापारिक समझौते को अंतिम रूप दे सकता है भारत, GTRI का सुझाव- सावधानी से बढ़ें

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Tue, 08 Jul 2025 01:08 PM IST
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सार

Trade Deal: अमेरिका ने अपने विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने की समय-सीमा 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर दी है। ऐसे में टैरिफ लागू होने से पहले अब भारत समेत अन्य देशों को समझौते के लिए और तीन सप्ताह का समय मिल गया है। इस बारे में जीटीआरआई ने क्या कहा है, आइए जानें।

India may soon finalise trade deal as Trump issues tariff letters, but must tread carefully: GTRI
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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भारत जल्द ही जल्द ही अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप दे सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के कई देशों को औपचारिक टैरिफ पत्र जारी कर व्यापार समझौते से जुड़ा जवाब बढ़ा दिया है। हालांकि हमें इस समझौते को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के दौरान सावधानी से कदम उठाना चाहिए। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव जीटीआरआई ने यह टिप्पणी की है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा, "ट्रम्प का मॉडल कोई मुक्त व्यापार समझौता नहीं है, यह एक YATRA यानी अमेरिकी टैरिफ प्रतिशोध समझौता है।"

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अमेरिका ने अपने विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने की समय-सीमा 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर दी है। ऐसे में अब भारत समेत अन्य देशों को समझौते के लिए और तीन सप्ताह का समय मिल गया है। यह समय विस्तार 2 अप्रैल को शुरू किए गए व्यापक व्यापार अभियान का हिस्सा है। इस अभियान की शुरुआत में ट्रम्प ने विशेष टैरिफ के लिए लगभग 60 देशों को चुना था। अब तक केवल केवल ब्रिटेन और वियतनाम ने ही अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया है। चीन के साथ भी एक अस्थायी समझौता हुआ है।
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जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, "अब ट्रम्प दबाव बढ़ा रहे हैं। 7 जुलाई को उन्होंने 14 देशों को औपचारिक पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसमें बताया गया कि अगर वे देश समझौता करने में विफल रहे तो 1 अगस्त से उन्हें कितनी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।"

सोमवार को ट्रम्प प्रशासन ने जापान, दक्षिण कोरिया, कजाकिस्तान, मलेशिया, ट्यूनीशिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की; दक्षिण अफ्रीका, बोस्निया और हर्जेगोविना पर 30 प्रतिशत; इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत; बांग्लादेश, सर्बिया पर 35 प्रतिशत; कंबोडिया, थाईलैंड पर 36 प्रतिशत; और लाओस, म्यांमार पर 40 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। श्रीवास्तव ने कहा कि व्हाइट हाउस द्वारा 'अंतिम नोटिस' बताई गई इन चेतावनियों के कारण देशों के पास दो विकल्प रह गए हैं कि वे अमेरिकी शर्तों पर समझौते पर हस्ताक्षर करें या दंडात्मक शुल्क का सामना करने के लिए तैयार रहें।

उन्होंने कहा कि टैरिफ वृद्धि से व्यापार प्रवाह बाधित होने, अमेरिका में उपभोक्ता कीमतें बढ़ने तथा वैश्विक स्तर पर आपूर्ति शृंखला में व्यापक जटिलताएं उत्पन्न होने की आशंका है। मई 2025 में चीन से अमेरिका का आयात पिछली अवधि की तुलना में 35 प्रतिशत कम हो गया। उन्होंने कहा, "समय बीतने के साथ भारत को आने वाले दिनों में समझौते की घोषणा के लिए शीर्ष उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है... लेकिन नई दिल्ली को सावधानी से कदम उठाना होगा।"

जीटीआरआई ने आगाह किया कि अमेरिका की ओर से समझौतों को दरकिनार करने और ब्रिक्स सदस्यों पर एकतरफा शर्तें थोपने की इच्छा जाहिर करने के बाद भारत को असंतुलित समझौते के जोखिमों के मुकाबले भागीदारी के सामरिक मूल्य को परखना होगा।

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