EPFO: ग्राहकों की प्रोफाइल में सुधार आसान, खाता ट्रांसफर का झंझट भी खत्म; 2025 में कितना बदला ईपीएफओ? जानिए
EPFO: ईपीएफओ ने ग्राहकों की ओर से प्रोफाइल अपडेट करने की प्रक्रिया आसान कर दी है। अगर आपका यूएएन नंबर आधार से जुड़ा है तो आप अब अपने नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, माता-पिता के नाम, वैवाहिक स्थिति, जीवनसाथी की जानकारी और नौकरी शुरू और खत्म होने की तारीख जैसी अहम जानकारियां खुद ही अपडेट कर सकते हैं। आइए साल 2025 में ईपीएफओ में हुए पांच अहम बदलावों के बारे में जानते हैं।
विस्तार
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने साल 2025 में अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए कई बड़े और अहम बदलाव किए हैं। इनका मकसद कर्मचारियों को अधिक से अधिक सुविधा देना, प्रक्रियाओं को डिजिटल व आसान बनाने के साथ पारदर्शिता लाना है। ये बदलाव प्रोफाइल अपडेट करने, नौकरी बदलने पर पीएफ खाता ट्रांसफर करने या फिर अधिक पेंशन से जुड़ी नीतियों से जुड़े हैं।
आइए साल 2025 में इपीएफओ से जुड़े पांच बड़े बदलावों के बारे में जानते हैं।
1. प्रोफाइल अपडेट करना अब हुआ आसान
ईपीएफओ ने ग्राहकों की ओर से प्रोफाइल अपडेट करने की प्रक्रिया आसान कर दी है। अगर आपका यूएएन नंबर आधार से जुड़ा है तो आप अब अपने नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, माता-पिता के नाम, वैवाहिक स्थिति, जीवनसाथी की जानकारी और नौकरी शुरू और खत्म होने की तारीख जैसी अहम जानकारियां खुद ही अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए किसी दस्तावेज की भी जरूरत नहीं है और इसे ऑनलाइन ही किया जा सकता है। हालांकि, यदि ग्राहक का यूएएन 1 अक्तूबर 2017 से पहले का है, तो कुछ चीजों में बदलाव के लिए उन्हें नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत हो सकती है।
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2. नौकरी बदलते समय पीएफ ट्रांसफर की झंझट भी खत्म
अक्सर नौकरी बदलने पर पीएफ खाता ट्रांसफर करने में दिक्कत आती थी। लेकिन नए बदलावों के बाद अब यह झंझट भी खत्म हो गया है। 15 जनवरी 2025 को ईपीएफओ ने इससे जुड़े नए निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक कुछ मामलों में पीएफ ट्रांसफर के लिए न तो पुराने नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत है और न ही नए की। यह सुविधा उपलब्ध होगी यदि एक ही यूएएन से जुड़ी सदस्य आईडी का स्थानांतरण होता है और यूएएन आधार से जुड़ा हुआ है और 1 अक्तूबर 2017 के बाद जारी किया गया है। यदि दो अलग-अलग यूएएन को आधार से जोड़ा गया है और विवरण (नाम, जन्म तिथि, लिंग) समान होने चाहिए।
3. संयुक्त घोषणा की प्रक्रिया भी हुई सरल
ईपीएफओ ने 16 जनवरी 2025 को संयुक्त घोषणा (जेडी) की प्रक्रिया के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए। पहले इस बारे में एसओपी संस्करण 3.0 लागू था, जिसे अब हटा दिया गया है और सदस्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। जैसे- जिनका यूएएन आधार आधारित है- वे ऑनलाइन जेडी कर सकते हैं। जिनका यूएएन पुराना है लेकिन आधार से सत्यापित है- वे भी ऑनलाइन जेडी कर सकते हैं। जिनके पास यूएएन नहीं है, आधार सत्यापित नहीं है या सदस्य की मृत्यु हो गई है- उनके लिए भौतिक जेडी का प्रावधान है।
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4. सीपीपीएस-अब पेंशन भुगतान की नई व्यवस्था
1 जनवरी 2025 से ईपीएफओ ने एक नई व्यवस्था शुरू की है, जिसका नाम है सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS)। अब एनपीसीआई प्लेटफॉर्म के जरिए देश के किसी भी बैंक खाते में सीधे पेंशन भेजने की व्यवस्था की गई है। इससे क्षेत्रीय कार्यालयों के बीच पीपीओ ट्रांसफर की जरूरत खत्म हो जाएगी। साथ ही, अब नया पीपीओ जारी करते समय यूएएन-आधार लिंक होना भी जरूरी है। इससे आपको डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (जीवन प्रमाण) की सुविधा का लाभ उठाया जा सकेगा। अगर गलती से कोई क्लेम किसी दूसरे ऑफिस में भेज दिया गया है तो उसे वापस उसी ऑफिस में भेजा जाएगा जहां से क्लेम आया था।
5. अधिक पेंशन पर साफ हुई तस्वीर
ईपीएफओ ने 2025 में उन सदस्यों से जुड़ी नीति भी स्पष्ट कर दी है जो उच्च वेतन के आधार पर पेंशन ले रहे हैं या लेना चाहते हैं। विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों से प्राप्त सुझावों के आधार पर अब यह निर्णय लिया गया है कि सभी पेंशनभोगियों के लिए पेंशन की गणना एक समान तरीके से की जाएगी। छूट प्राप्त संस्थाओं को ट्रस्ट के नियमों का पूर्णतः पालन करना होगा। इसके साथ ही, बकाया राशि की वसूली और बकाया भुगतान की प्रक्रिया अलग-अलग संचालित होगी। इन कदमों का उद्देश्य नियमों में एकरूपता लाना, पारदर्शिता बनाए रखना और कानूनी प्रक्रिया का सही ढंग से पालन करना है।
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ईपीएफओ की सेवाएं आधुनिक और डिजिटल हुईं
ईपीएफओ की ओर से 2025 में किए गए इन पांच बड़े बदलावों से सेवाएं आधुनिक और डिजिटल हुई हैं। सुविधाएं कर्मचारियों के लिए अब सुगम हैं। अब प्रोफाइल अपडेट करना, पीएफ खाते को ट्रांसफर करना या पेंशन से जुड़े काम निपटाना पहले से कहीं ज्यादा आसान है। ईपीएफओ के ये नियम कर्मचारियों की सुविधा और भरोसे को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।