FTA: एफटीए से भारतीय पेशवरों के लिए विदेशों में खुलेंगे नए अवसर, जानें वाणिज्य सचिव ने क्या बताया
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के मुताबिक, भारत के मुक्त व्यापार समझौतों में प्रोफेशनल सेवाओं को लेकर किए गए कानूनी प्रावधानों से भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, आर्किटेक्ट और अन्य प्रोफेशनल्स के लिए विदेशों में नए अवसर खुलेंगे। भारत के युवा और कुशल कार्यबल की वैश्विक मांग बढ़ रही है। आइए विस्तार से जानते हैं।
विस्तार
भारत सरकार के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा है कि भारत द्वारा किए गए मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) में प्रोफेशनल सेवाओं को लेकर किए गए कानूनी प्रावधान, भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर और आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल्स के लिए विदेशों में काम के नए रास्ते खोलेंगे।
उन्होंने बताया कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका युवा और कुशल कार्यबल है। दुनिया के कई देशों में प्रोफेशनल सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है और भारत इस जरूरत को पूरा कर सकता है। इस क्षमता का पूरा लाभ उठाने के लिए अग्रवाल ने वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि बदलती वैश्विक जरूरतों और तकनीकी विकास के अनुरूप पेशेवरों के कौशल को लगातार अपग्रेड करना बेहद जरूरी है।
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पेशेवर संगठनों से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन की अपील
वाणिज्य सचिव ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) जैसे पेशेवर संगठनों से भी अपील की कि वे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करें और उनमें सक्रिय भागीदारी निभाएं। इससे ज्ञान साझा करने, वैश्विक सहयोग बढ़ाने और भारतीय पेशेवरों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने में मदद मिलेगी।
भारतीय पेशवरों को वैश्विक बाजार तक पहुंच दिलाने के लिए ये चीजें बेहद जरूरी
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रोफेशनल सेवाओं को वैश्विक बाजार तक पहुंच दिलाने के लिए तीन चीजें बेहद जरूरी हैं हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल, घरेलू इकोसिस्टम में सुधार और एफटीए के तहत प्रोफेशनल सेवाओं पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रतिबद्धताएं।
बता दें कि भारत को कई एफटीए के तहत प्रोफेशनल सेवाओं के लिए अहम प्रतिबद्धताएं मिली हैं। इसमें हाल ही में हुआ भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता भी शामिल है, जिसके तहत भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए आसान नियम और वीजा सुविधा दी जाएगी।
इस समझौते के तहत योग प्रशिक्षक, शेफ, आयुष प्रोफेशनल्स, आईटी और शिक्षा क्षेत्र के शिक्षक, नर्स और केयरगिवर समेत करीब 5,000 भारतीय प्रोफेशनल्स को न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में सेवाएं देने के लिए प्रोफेशनल वीजा मिलेगा।
बैठकों में चार अहम मुद्दों पर चर्चा हुई
- भारतीय प्रोफेशनल्स को वैश्विक स्तर के लिए तैयार करना है।
- म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट्स (MRA) और समझौता ज्ञापनों (MoU) के जरिए अंतरराष्ट्रीय मोबिलिटी बढ़ाना है।
- विदेशों में प्रोफेशनल नेटवर्क और चैप्टर का विस्तार है।
- एफटीए के जरिए प्रोफेशनल सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना है।
एमआरए को लेकर चर्चाओं में यह सामने आया कि ऐसे समझौते करना और पहले से मौजूद समझौतों का सही इस्तेमाल करना बड़ी चुनौती है। इस पर जोर दिया गया कि एमआरए कितने कारगर हैं, इसे परखने के लिए साफ और मापने योग्य परिणाम तय किए जाएं।
बैठक में यह भी कहा कि भारत में विदेशी प्रोफेशनल्स के लिए ज्यादा खुलापन होना चाहिए, ताकि दोनों पक्षों के लिए फायदे की स्थिति बन सके। इसके अलावा डेटा प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खुलने से मिलने वाले अवसरों पर भी चर्चा हुई। आंकड़ों के अनुसार भारत का सेवाओं का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 390 अरब डॉलर रहा।