Report: गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग बढ़ाई, निफ्टी के 2026 तक 29000 पर पहुंचने का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग को न्यूट्रल से बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है। संस्था का कहना है कि कमाई की रफ्तार में सुधार और नीतिगत समर्थन भारत की आर्थिक वृद्धि को गति दे रहे हैं। इन सकारात्मक संकेतों से आने वाले महीनों में भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन में मजबूती देखी जा सकती है।
विस्तार
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने भारत को लेकर अपना दृष्टिकोण सुधारते हुए रेटिंग न्यूट्रल से बढ़ाकर ओवरवेट कर दी है। यह कदम अक्तूबर 2024 में की गई पिछली डाउनग्रेड के उलट है। इसमें कहा गया है कि आय में वृद्धि की गति में मजबूती और नीतिगत सहयोग देश की आर्थिक वृद्धि को समर्थन दे रहे हैं। गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि इन कारकों से भारतीय इक्विटी बाजार आने वाले महीनों में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
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निफ्टी के लिए 2026 के अंत तक 29000 का लक्ष्य
वैश्विक ब्रोकरेज ने बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी के लिए 2026 के अंत तक 29,000 का लक्ष्य रखा है। यह शुक्रवार के बंद से 14 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। सूचकांक में सालाना आधार पर 8.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन यह बढ़त अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रही है।
आय का चक्र अपने निचले स्तर पर पहुंचा
संस्थान के विश्लेषक सुनील कौल के नेतृत्व में जारी रिपोर्ट में कहा गया कि देश की कमाई में गिरावट का चक्र अब अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है और अब रिकवरी का दौर शुरू हो रहा है।
इन सुधारों का पड़ा असर
इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को वृद्धि समर्थक नीतियों से बल मिल रहा है। इनमें भारतीय रिजर्व बैंक की दरों में संभावित कटौती, तरलता में ढील, बैंकिंग विनियमन में सुधार, जीएसटी सुधार और राजकोषीय सख्ती की धीमी गति जैसे कदम शामिल हैं।
सितंबर तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे
गोल्डमैन सैक्स ने अपने नोट में बताया कि सितंबर तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं, जिससे कई सेक्टरों में कमाई के अनुमान को ऊपर की ओर संशोधित किया गया है। संस्था ने कहा कि आने वाले महीनों में वित्तीय सेवाएं, उपभोक्ता वस्तुएं, टिकाऊ सामान, ऑटोमोबाइल, रक्षा, तेल विपणन कंपनियां, इंटरनेट और दूरसंचार क्षेत्र इस रिकवरी की अगुवाई करेंगे। वहीं, आईटी, फार्मा, इंडस्ट्रियल्स और केमिकल्स जैसे निर्यात-उन्मुख सेक्टरों पर संस्था ने सतर्क रुख बनाए रखा है।
विदेशी और घरेलू निवेशकों का आंकड़ा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से 2024 के पीक के बाद से करीब 30 अरब डॉलर और 2025 में अब तक 17.4 अरब डॉलर की बिक्री के बावजूद, भारतीय बाजार में टर्नअराउंड के संकेत दिख रहे हैं। इसका बड़ा कारण घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से रिकॉर्ड 70 अरब डॉलर की इक्विटी खरीदारी है। इसे रिटेल और एसआईपी इनफ्लो का लगातार समर्थन मिला है।
वैल्यूएशन प्रीमियम में आई गिरावट
गोल्डमैन ने यह भी उल्लेख किया कि सितंबर 2024 की तुलना में भारत का वैल्यूएशन प्रीमियम अब काफी घट गया है। इससे यह अधिक टिकाऊ हो गया है, भले ही भारत अब भी अन्य उभरते बाजारों की तुलना में महंगा बना हुआ है।
ये भविष्य में बेहतर रिटर्न का आधार बनेंगे
रिपोर्ट में कहा गया कि भू-राजनीतिक और व्यापारिक जोखिमों के बीच घरेलू आत्मनिर्भरता, उपभोग में पुनरुद्धार, नई अर्थव्यवस्था के सेक्टर और उचित मूल्य पर तेजी से बढ़ते क्षेत्रों जैसे थीम्स भविष्य में बेहतर रिटर्न का आधार बनेंगे।
बता दें कि गोल्डमैन सैक्स का यह अपग्रेड एचएसबीसी के कदम के बाद आया है, जिसने सितंबर 2025 के अंत में भारत की रेटिंग में सुधार किया था, यह कहते हुए कि देश में कमाई का माहौल और नीतिगत समर्थन दोनों ही मजबूत हो रहे हैं।