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बड़ा कदम: दूरसंचार PLI योजना के तहत 3345 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मिली मंजूरी
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Thu, 14 Oct 2021 03:00 PM IST
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सार
दूरसंचार विभाग ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत अगले साढ़े चार सालों में 3,345 करोड़ रुपये के निवेश वाले 31 प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

दूरसंचार क्षेत्र
- फोटो : iStock
विस्तार
दबाव में चल रहे दूरसंचार क्षेत्र को उबारने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग ने गुरुवार को उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत अगले 4.5 सालों में 3,345 करोड़ रुपये के निवेश वाले 31 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
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इस संदर्भ में संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने कहा कि, 'अगले साढ़े चार सालों में 3,345 करोड़ रुपये का निवेश सिर्फ एक शुरुआत है। सरकार उद्योग की मदद कर रही है।'
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योजना के लिए इन कंपनियों का हुआ चयन
मालूम हो कि उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना के लिए चुनी गई कंपनियों में नोकिया इंडिया, एचएफसीएल, डिक्सन टेक्नालॉजीज, फ्लेक्सट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन, कोरल टेलीकॉम, वीवीडीएन टेक्नालॉजीज, आकाशस्थ टेक्नालॉजीज और जीएस इंडिया शामिल हैं।
40,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की उम्मीद
डॉट ने 24 फरवरी 2021 को दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना को पांच वर्षों में 12,195 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अधिसूचित किया था। भारत में दूरसंचार गियर विनिर्माण योजना के तहत 2.44 लाख करोड़ रुपये के उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने और लगभग 40,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने की उम्मीद है।
वहीं मामले में कोरल टेलीकॉम के प्रबंध निदेशक राजेश तुली ने कहा कि, 'यह सभी पीएलआई योजनाओं में पहली योजना है, जिसमें एमएसएमई भी शामिल है। इसके बिना हम बहुत कमजोर होते।'
सितंबर में दूरसंचार क्षेत्र को मिली थी राहत
पिछले महीने ही केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि दूरसंचार क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने पैकेज को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार टेलीकॉम उद्योग के लिए एक लंबी अवधि के राहत पैकेज पर काम कर रही थी। बता दें कि देश में कुछ टेलीकॉम कंपनियां इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं। देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों में से एक भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का भारी एजीआर बकाया है।
टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि क्षेत्र में नौ बड़े स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हुए हैं। एजीआर बकाए की परिभाषा में बदलाव किया जाएगा। कंपनियों के मासिक ब्याज दर को सालाना कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त पेनाल्टी पर भी राहत दी गई है। स्पेक्ट्रम की अवधि भी 20 साल से बढ़कर 30 साल हो गई है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स बकाए को लेकर मोरेटोरियम की सुविधा ले सकेंगे। ये चार साल तक के लिए दिया गया है। जो टेलीकॉम ऑपरेटर मोरेटोरियम का विकल्प चुनते हैं, उन्हें सरकार को ब्याज भी देना होगा। इसके लिए ब्याज दर एमसीएलआर रेट के साथ दो फीसदी है।