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Sanjay Malhotra: मैं संजय हूं, लेकिन महाभारत का संजय नहीं... एमपीसी की बैठक के बाद ऐसा क्यों बोले RBI गवर्नर?

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Wed, 09 Apr 2025 03:39 PM IST
सार

Sanjay Malhotra: मैं संजय हूं, लेकिन महाभारत का संजय नहीं हूं...भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को एमपीसी के फैसलों की घोषणा के बाद यह बात कही। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने खुद के बारे में यह टिप्पणी क्यों की, आइए जानते हैं।

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I am Sanjay but not Sanjay of Mahabharat who can predict rate cuts, says RBI guv
संजय मल्होत्रा - फोटो : PTI
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विस्तार
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मैं संजय हूं, लेकिन महाभारत का संजय नहीं हूं...भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को एमपीसी के फैसलों की घोषणा के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि वे महाभारत के संजय नहीं हैं जो भविष्य में ब्याज दरों पर होने वाली कार्रवाई का पूर्वानुमान लगा सके और यह भी बता सके कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच ब्याज दरों में नरमी किस स्तर पर रुकेगी।

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मल्होत्रा की यह टिप्पणी एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान आई, जब उनसे पूछा गया कि क्या ब्याज दरों में और कटौती की संभावना है, क्योंकि उन्होंने आरबीआई गवर्नर का पद संभालने के बाद से लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। महाभारत में संजय को दिव्य दृष्टि प्राप्त थी और उन्होंने अपनी शक्ति का प्रयोग कर कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में हो रही घटनाओं का विवरण राजा धृतराष्ट्र को दिया था।
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मौद्रिक नीति और राजकोषीय नीति पर क्या बोले आरबीआई गवर्नर?

एमपीसी के फैसले के बाद आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति और राजकोषीय नीति जीडीपी व महंगाई के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, "यह एक संयुक्त प्रयास है...सरकार ने हाल ही में बजट में पूंजीगत व्यय में वृद्धि, कर छूट के संदर्भ में अनेक उपाय करके अपना योगदान दिया है तथा हमने रेपो दर में कमी की है तथा आगे के लिए रुख में बदलाव किया है, जिसका अर्थ है कि नीतिगत रेपो दर में कमी की दिशा है।"

संजय मल्होत्रा बोले- वृद्धि दर और महंगाई दर की गति को प्रबंधित करने की कोशिश में

उन्होंने कहा, "यह कहां तक पहुंचेगा... हम वास्तव में नहीं जानते। मैं संजय हूं, लेकिन मैं महाभारत का संजय नहीं हूं कि इतनी दूर तक देख सकूं। मेरे पास उनकी जैसी दिव्य दृष्टि नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "हम (सरकार के साथ मिलकर) अपने देश में विकास और मुद्रास्फीति की गतिशीलता को प्रबंधित करने की कोशिश करेंगे।" इससे पहले, दिन में मल्होत्रा ने लगातार दूसरी बार रेपो दर में कटौती की घोषणा की तथा भविष्य में और अधिक ढील दिए जाने का संकेत दिया, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अमेरिकी टैरिफ के कारण पड़ने वाले और अधिक दबाव के मद्देनजर अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का प्रयास कर रहा है।

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25 आधार अंकों की दर कटौती के बाद, प्रमुख नीतिगत दर घटकर 6 प्रतिशत हो गई। मुद्रास्फीति में कमी और तेल की कीमतों में गिरावट के बीच इस कदम से नवंबर 2022 के बाद से उधार लेने की लागत सबसे कम स्तर पर आ गई है। मल्होत्रा ने यह भी आश्वासन दिया कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती का लाभ तेजी से पहुंचाने के लिए पर्याप्त तरलता बनाए रखेगा।

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