Home Loan: होम लोन के भारी ब्याज से राहत चाहते हैं, तो जरूर अपनाएं खास तरीका; एसआईपी में करें निवेश
निवेश सलाहकारों का कहना है कि होम लोन के भारी ब्याज से बचने के लिए ईएमआई शुरू होने के साथ एसआईपी में निवेश करना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। अगर आप ईएमआई के 12 से 15 फीसदी के बराबर रकम हर माह एसआईपी में डालते हैं, तो होम लोन खत्म होते-होते आपके पास उस पर लगने वाले भारी भरकम ब्याज जितना पैसा जमा हो जाएगा।
विस्तार
कोविड-19 काल के बाद से मकान की कीमतों में भारी तेजी देखने को मिली है। दिल्ली, नोएडा, गुरूग्राम या देश के किसी भी बड़े शहर में मकान खरीदना अब चुनौती बन गई है। अगर होम लोन लेकर मकान खरीदते हैं, तो मूल कर्ज से ज्यादा आपको ब्याज चुकाना पड़ता है।
निवेश सलाहकारों का कहना है कि होम लोन के भारी ब्याज से बचने के लिए ईएमआई शुरू होने के साथ एसआईपी में निवेश करना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। अगर आप ईएमआई के 12 से 15 फीसदी के बराबर रकम हर माह एसआईपी में डालते हैं, तो होम लोन खत्म होते-होते आपके पास उस पर लगने वाले भारी भरकम ब्याज जितना पैसा जमा हो जाएगा।
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होम लोन से अधिक होती है ब्याज की राशि
अगर आप 20 साल की अवधि के लिए 8.25 फीसदी ब्याज दर पर 50 लाख रुपये का होम लोन ले रहे हैं, तो हर महीने 42,603 रुपये की ईएमआई बनेगी। कर्ज अवधि खत्म होते-होते आपको ब्याज के रूप में 52.24 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान करना होगा। यह राशि मूल कर्ज से अधिक है। इस तरह, आप बैंक को कुल 1.02 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करेंगे।
ऐसे समझें ब्याज और बचत का पूरा गणित
- होम लोन की गणना
- कुल कर्ज : 50 लाख रुपये
- कर्ज की अवधि : 20 साल
- ब्याज दर : 8.25 फीसदी
- ईएमआई : 42,603 रुपये
- ब्याज : 52,24,788 रुपये
- इस तरह, बैंक को होने वाला कुल भुगतान : 1.02 करोड़ रुपये
एसआईपी का लेखाजोखा
- मासिक निवेश : 6,390 रुपये
- अवधि : 20 साल, रिटर्न : 12%
- कुल निवेश : 15,33,600 रुपये
- कुल रिटर्न : 43,44,289 रुपये
- इस तरह, 20 साल के बाद आपके पास एसआईपी के रूप में जमा फंड : 58,77,889 रुपये
तो पूरी तरह कर्जमुक्त हो सकता है आपका घर
उपरोक्त गणना से स्पष्ट है कि एसआईपी में धीरे-धीरे निवेश कर आपने 20 साल में होम लोन पर चुकाए गए ब्याज से ज्यादा रकम जमा कर ली। अगर आप अपनी आरि्थक सि्थति के हिसाब से एसआईपी में मासिक निवेश की रकम बढ़ाने में सक्षम हैं, तो पूरा घर कर्जमुक्त हो सकता है।
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रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का मिलता है लाभ
एसआईपी बड़े काम की चीज है। इसकी मदद से आप ब्याज की पूरी रकम बचा सकते हैं। इसमें निवेश का प्राथमिक फायदा रुपी कॉस्ट एवरेजिंग के लाभ में निहित है। बाजार में गिरावट के दौरान निवेशकों को अधिक संख्या में म्यूचुअल फंड यूनिट मिलते हैं, जिससे उनकी औसत लागत घटती है। बाजार में जब सुधार होता है, तो निवेशकों को एकतरफा तेजी वाले बाजार की तुलना में अधिक रिटर्न मिलता है। -स्वीटी मनोज जैन, निवेश एवं टैक्स विशेषज्ञ