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Income Tax Return: जानिए किसको आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना जरूरी है और क्यों?

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Updated Tue, 22 Jul 2025 12:55 PM IST
सार

यदि आपकी सभी आय का कुल योग विभिन्न धाराओं जैसे 80C, 80CCC, 80CCD, 80D, 80E, 80G, 80GGA, 80TTA/80TTB आदि के तहत कटौती से पहले, मूल छूट सीमा से अधिक है, तो आपको अपना ITR दाखिल करना होगा। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

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Income Tax Return: Know Who Needs to File ITR and Why?
आयकर रिटर्न - फोटो : एजेंसी
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विस्तार
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कई वेतनभोगी लोग यह मानते हैं कि यदि उनके वेतन से उचित टैक्स टीडीएस के रूप में काट लिया गया है, तो उन्हें अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अब कोई जरूरत नहीं है। यहां तक कि कई सेवानिवृत्त लोग भी यह महसूस करते हैं कि चूंकि बैंक ने पहले ही फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज पर टीडीएस काट लिया है, तो फिर उन्हें ITR दाखिल करने की क्या जरूरत। कुछ लोग मानते हैं कि उनके पास पैन कार्ड होने के कारण उन्हें अपना ITR दाखिल करना ही होगा। दोनों ही धारणाएं सही नहीं हैं। आयकर रिटर्न दाखिल करना और उचित कर दायित्व का निर्वाह करना दो अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं, और दोनों का अलग अलग ढंग से निर्वाह करना पड़ता है। आइए टैक्स एक्सपर्ट और निवेश सलाहकार बलवंत जैन से समझते हैं कि आयकर रिटर्न दाखिल करना किन-किन लोगों के लिए जरूरी है। 

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कुल सकल आय मूल छूट सीमा से अधिक होने पर

यदि आपकी सभी आय का कुल योग विभिन्न धाराओं जैसे 80C, 80CCC, 80CCD, 80D, 80E, 80G, 80GGA, 80TTA/80TTB आदि के तहत कटौती से पहले, मूल छूट सीमा से अधिक है, तो आपको अपना ITR दाखिल करना होगा। ये धाराएं आपके द्वारा किए गए विभिन्न निवेशों या भुगतानों जैसे PPF, NPS, ELSS, NSC, होम लोन के मूलधन की चुकौती, स्कूल फीस, जीवन बीमा प्रीमियम, मेडिक्लेम प्रीमियम, डोनेशन, एजुकेशन लोन पर ब्याज, जिन्हें एचआरए नहीं मिलता हैं, ऐसे व्यक्तियों द्वारा भुगतान किए गए किराए आदि के लिए उपलब्ध कटौतियों से संबंधित हैं. धारा 80TTA/80TTB बैंक खाते पर अर्जित ब्याज पर कटौती देती है। पुरानी कर व्यवस्था के तहत 31 मार्च 2025 को समाप्त वर्ष के लिए मूल छूट सीमा सामान्य व्यक्ति के लिए 2.50 लाख रुपए, 60 वर्ष से अधिक आयु के निवासी व्यक्ति के लिए 3 लाख रुपए और 80 वर्ष से अधिक आयु के निवासी व्यक्ति के लिए 5 लाख रुपए है. यदि आप नई कर व्यवस्था चुनते हैं, तो सभी व्यक्तियों के लिए मूल छूट सीमा 3 लाख रुपए है। ITR दाखिल करने के उद्देश्य के लिए मूल छूट सीमा की गणना करते समय, आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (दीर्घकालिक पूंजीगत लाभों) को भी शामिल करना होगा जिन पर आप छूट का दावा कर रहे हैं. यह छूट धारा 54, 54F, 54EC आदि के तहत हो सकती है। 

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भारत के बाहर संपत्ति रखने या हस्ताक्षर प्राधिकार होने पर

यदि आप आयकर कानून के तहत भारत में निवासी हैं और आपके पास भारत के बाहर किसी भी संपत्ति में  निवेश है, चाहे वह आपके नाम पर मालिक के रूप में हो या अन्य रूप में आपको अपना ITR दाखिल करना होगा। भारत के बाहर स्वामित्व वाली संपत्तियां स्थायी या चल हो सकती हैं। इसी तरह अगर आप भारत के बाहर किसी खाते के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं, तो भी आपको अपना ITR दाखिल करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि आप विदेश गए थे तब वहां एक बैंक खाता खोला था और वापस लौटते समय उसे बंद करना भूल गए या जानबूझकर बंद नही किया है, तो भी आपको ITR दाखिल करना होगा, भले ही उस बैंक खाते में कोई पैसा न बचा हो। इसी तरह, यदि आपने विदेशी कंपनियों के शेयरों, बांडों या म्यूचुअल फंड में निवेश किया है या आपके पास किसी विदेशी कंपनी के स्टॉक ऑप्शन (ESOPS) हैं तो भी आपको अपना ITR दाखिल करना होगा। 

निर्दिष्ट वस्तुओं पर व्यय निश्चित सीमा से अधिक होने पर

यदि आपने पूरे वर्ष के दौरान एक लाख रुपए से अधिक के बिजली के बिल का भुगतान किया है, तो आपको ITR दाखिल करना होगा। यह जरूरी नहीं कि बिजली का कनेक्शन आपके नाम पर हो। इसी तरह, यदि आपने विदेशी यात्राओं के लिए दो लाख रुपए से अधिक का खर्चा किया है, तो भी आपको अपना ITR भरना होगा, भले ही आपकी आय टैक्सेबल नही हैं। यह मायने नहीं रखता कि यह खर्चा आपने खुद आपके, आपके परिवार के सदस्यों या किसी अन्य व्यक्ति की यात्रा के लिए किया है।

बैंक खातों में निर्धारित सीमा से अधिक जमा होने पर

भले ही आपकी आय मूल छूट राशि से अधिक न हो परंतु यदि आपने अपने बैंक खाते में निर्धारित सीमा से अधिक रकम जमा की है तो भी आपको ITR दाखिल करने की आवश्यकता होगी। चालू खाते के मामले में यह सीमा एक या अधिक चालू खातों के लिए कुल मिलाकर एक करोड़ रुपए है, और बचत बैंक खाते के लिए यह सीमा एक या अधिक बचत बैंक खातों को मिलाकर पचास लाख रुपए है। कृपया ध्यान दें कि इस उद्देश्य के लिए विचार किए जाने के लिए जमा की जाने वालि रकम केवल नकद जमा ही नहीं हैं, बल्कि चेक, बैंक ड्राफ्ट या बैंक हस्तांतरण के माध्यम से आपके बैंक खाते में जमा की गई सभी राशियां शामिल हैं।

निश्चित सीमा से अधिक टर्नओवर/सकल प्राप्तियां और TDS/TCS होने पर

उपरोक्त मानदंडों की तरह यदि आप व्यवसाय में लगे हैं और आपकी सकल बिक्री का मूल्य साठ लाख रुपए से अधिक है और यदि आप पेशे में लगे हैं, और कुल प्राप्ति दस लाख रुपए से ज्यादा है तो आपको ITR दाखिल करना होगा। इसी तरह यदि पूरे वर्ष में आपके स्रोत पर काटे गए कर (TDS) या स्रोत पर एकत्रित कर (TCS) का कुल योग पच्चीस हजार रुपए से अधिक है तो भी आपको अनिवार्य रूप से ITR दाखिल करना होगा। यदि आपकी आयु साठ वर्ष से अधिक है, तो उस मामले में TDS/TCS के लिए पचास हजार रुपए की सीमा लागू होती है।

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