कोरोना के बीच आईटी सेक्टर में धूम: टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो को 17446 करोड़ रुपये का फायदा, अगले साल नौकरियों की बाढ़
- कोरोना काल में भी आईटी कंपनियों ने की बंपर कमाई
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस), इंफोसिस और विप्रो को 17,446 करोड़ रुपये का फायदा
- इंफोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख ने कहा कि ये पहली तिमाही में एक दशक में सबसे तेज ग्रोथ
विस्तार
भारत की तीन दिग्गज आईटी कंपनियों ने अपनी पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के कॉर्पोरेट नतीजे जारी कर दिए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों ने कोरोना काल में भी बंपर कमाई की है। वही अच्छी बात ये है कि आने वाले दिनों में देश में आईटी सेक्टर में नौकरियों की बाढ़ आने वाली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस), इंफोसिस और विप्रो को 17,446 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। ऐसे में इन कंपनियों ने चालू फाइनेंशियल ईयर मार्च 2021-अप्रैल 2022 में एक लाख पांच हजार फ्रेशर्स को नौकरी देने का वादा किया है।
इंफोसिस को 10 साल में सबसे ज्यादा प्रॉफिट
आईटी की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस को जून तिमाही में नौ हजार करोड़ रुपये का फायदा हुआ। गुरुवार को विप्रो ने भी पहली तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी को 3,243 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, जो पिछले साल पहली तिमाही में 2,390 करोड़ रुपये थी।
इसी तरह इंफोसिस ने भी पहली तिमाही में पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाया, जो 5,195 करोड़ रुपये रहा। इंफोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख ने कहा कि ये पहली तिमाही में एक दशक में सबसे तेज ग्रोथ है।
विप्रो ने तिमाही नतीजे जारी करते हुआ कहा कि जून तिमाही में उसका रेवेन्यू भी 12 फीसदी बढ़कर 18,252 करोड़ रुपये रहा, जो सालभर पहले 14,913 करोड़ रुपये था। इसके अलावा आईटी सर्विस से कुल रेवेन्यू 18,048 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में जून तिमाही के दौरान 129 नए कस्टमर जोड़े। कंपनी ने कहा कि वो जुलाई-सितंबर के दौरान छह हजार आईटी प्रोफेशनल्स को जॉब देगी, जबकि 2021-22 में 30 हजार फ्रेशर्स को जॉब देने की बात कही।
वर्क फ्रॉम होम कल्चर से आईटी कंपनियों को मिली बड़ी डील
बता दें कि कोरोना महामारी से कॉर्पोरेट्स में वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन एजुकेशन से आईटी कंपनियों की बिजनेस ग्रोथ की रफ्तार तेज हुई है। नतीजतन, कंपनियों के हाथ बड़ी डील लगी। एक्सचेंज को दी जानकारी के मुताबिक, इंफोसिस को जून तिमाही 19,381 करोड़ रुपये और टीसीएस को 60,381 करोड़ रुपये की डील मिली। इसके अलावा विप्रो को भी 5,325 करोड़ रुपये की आठ नई डील मिलीं।