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Economy: 2047 तक विनिर्माण में पावरहाउस बन जाएगा भारत, पांच क्षेत्र बढ़ा सकते हैं अर्थव्यवस्था की रफ्तार

अमर उजाला ब्यूरो/एजेंसी Published by: नितिन गौतम Updated Fri, 12 Dec 2025 05:43 AM IST
सार

60 फीसदी वैश्विवक टीकों का आपूर्तिकर्ता, फार्मा क्षेत्र मजबूत बना हुआ है। इसमें भारत वैश्विक जेनेरिक दवाओं का 20 फीसदी व वैश्विक टीकों का 60 फीसदी आपूर्ति करता है।

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indian economy will manufacturing powerhouse in 2047 claim report
भारतीय अर्थव्यवस्था। - फोटो : amarujala
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विस्तार
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घरेलू विनिर्माण को लेकर भारत की नई रणनीति से इस क्षेत्र का योगदान 2047 तक देश की जीडीपी में बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगा। अभी यह करीब 17 फीसदी है। नई रणनीति के दम पर भारत 2047 तक विनिर्माण क्षेत्र में वैशि्वक पावरहाउस बन जाएगा। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) एवं वेंचर कैपिटल फर्म जेड47 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की विनिर्माण रणनीति असेंबली आधारित विकास से हटकर टेक्नोलॉजी आधारित मूल्य सृजन की ओर बढ़ रही है। रिपोर्ट में पांच उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है, जो 2047 तक भारत को 30 लाख करोड़ डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। ये क्षेत्र हैं, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर, रक्षा, ऊर्जा, फार्मा और ऑटोमोटिव एवं इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र।
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सेमीकंडक्टर की बढ़ेगी मांग, रक्षा बजट दोगुना
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये क्षेत्र मजबूत विकास, उद्योग को प्रोत्साहन और स्पष्ट नीति/निवेश योजना का संयोजन करते हैं। यह 2047 तक घरेलू अर्थव्यवस्था में विनिर्माण की हिस्सेदारी को करीब 25 फीसदी तक बढ़ाने के लक्ष्य के अनुरूप हैं। भारत में सेमीकंडक्टर की मांग 2022 के 33 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 117 अरब डॉलर होने का अनुमान है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में  वृद्धि हुई है। आज बिकने वाले 99.2 फीसदी स्मार्टफोन भारत में बनते हैं। एक दशक पहले यह 26 फीसदी था। वैश्विक तनाव बढ़ने से देश का रक्षा क्षेत्र शीर्ष रणनीतिक प्राथमिकता बन गया है। रक्षा बजट 10 वर्षों में दोगुना होकर 6.81 लाख करोड़ हो गया है। इससे आयात में गिरावट आई है।
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घरेलू उद्योग को मिले 92 फीसदी अनुबंध
रक्षा क्षेत्र में 2024-25 में 92 फीसदी अनुबंध घरेलू उद्योग को मिले हैं। तेजस, प्रचंड व आईएनएस विक्रांत जैसे स्वदेशी प्लेटफॉर्म क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। ऑटो उद्योग का जीडीपी में 7.1 फीसदी योगदान है। यह विनिर्माण का मुख्य आधार है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में वृद्धि हुई है। इनकी बिक्री 2016 में 50,000 से बढ़कर 2024 में 20 लाख हो गई है।

नवीकरणीय ऊर्जा में रिकॉर्ड वृद्धि
भारत ने 2024-25 में नवीकरणीय ऊर्जा में रिकॉर्ड 29.5 गीगावॉट की वृद्धि दर्ज की। इससे कुल नवीकरणीय ऊर्जा 220 गीगावॉट तक पहुंच गई। भारत को भविष्य में प्रतिवर्ष 50-70 गीगावॉट घंटे की बैटरी क्षमता की जरूरत हो सकती है, जिससे सेल, सामग्री और रिसाइक्लिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण के अवसर पैदा होंगे।

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फार्मा क्षेत्र 
60 फीसदी वैश्विवक टीकों का आपूर्तिकर्ता...फार्मा क्षेत्र मजबूत बना है। इसमें भारत वैश्विक जेनेरिक दवाओं का 20 फीसदी व वैश्विक टीकों का 60 फीसदी आपूर्ति करता है। एपीआई और प्रमुख प्रारंभिक सामग्रियों पर उच्च आयात निर्भरता है। यह महत्वपूर्ण मॉलिक्यूल में 60-70 फीसदी तक है, जो जोखिम पैदा करती है।

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