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CCI IndiGo Crisis Probe: क्या इंडिगो ने प्रतिस्पर्धा के मानकों को ठेंगा दिखाया? आयोग के अधिकारी कर रहे जांच
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रिया दुबे
Updated Fri, 12 Dec 2025 01:27 PM IST
सार
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के हालिया परिचालन संकट ने अब प्रतिस्पर्धा नियामक का ध्यान भी खींच लिया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इस मामले में यह पड़ताल शुरू की है कि कहीं एयरलाइन की गतिविधियां प्रतिस्पर्धा मानकों के विरुद्ध तो नहीं गईं।
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इंडिगो फ्लाइट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। इंडिगो संकट के बीच अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) यह जांच कर रहा है कि क्या एयरलाइन ने प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आयोग मामले की प्राथमिक समीक्षा कर रहा है। इंडिगो, जिसका घरेलू बाजार में 65% से अधिक हिस्सा है, ने 2 दिसंबर से सैकड़ों उड़ानें रद्द कीं, जिससे हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4 प्रभुत्व के दुरुपयोग से संबंधित है, जो शोषणकारी या बहिष्करणकारी हो सकता है। शोषणकारी का तात्पर्य अत्यधिक मूल्य निर्धारण जैसे कृत्यों से है, जबकि बाजार पहुंच से वंचित करना बहिष्करणकारी खंड के अंतर्गत आता है।
इन मानदंडों के तहत, सीसीआई सबसे पहले उपलब्ध जानकारी की विस्तृत जांच करता है ताकि इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके कि प्रतिस्पर्धा मानदंडों के उल्लंघन के प्रथम दृष्टया सबूत हैं या नहीं। जब उल्लंघनों के प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद होते हैं, तभी नियामक इस मामले की जांच का आदेश देता है। किसी इकाई का प्रभुत्व होना प्रतिस्पर्धा-विरोधी नहीं है, लेकिन अगर प्रभुत्व का दुरुपयोग होता है, तो यह प्रतिस्पर्धा के मानदंडों का उल्लंघन करता है।
अन्य कारकों के अलावा, 1 नवंबर से लागू होने वाले नए उड़ान ड्यूटी मानदंडों को लागू करने में उचित योजना की कमी को इंडिगो में परिचालन संबंधी व्यवधानों का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
सीसीआई बाजार में प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकने के साथ-साथ निष्पक्ष व्यापार के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। अन्य शक्तियों के अलावा, नियामक विभिन्न क्षेत्रों में अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए दंड लगा सकता है और निषेधाज्ञा जारी कर सकता है।
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इन पहलुओं की होगी जांच
उन्होंने बताया कि एयरलाइन की समग्र प्रभुत्व की स्थिति, विशेष मार्गों पर प्रभुत्व और क्या प्रभुत्व का दुरुपयोग हो रहा है, जैसे विभिन्न पहलुओं की जांच की जाएगी। अधिकारी ने आगे बताया कि इंडिगो के खिलाफ अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है और सीसीआई स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच कर रही है कि क्या प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन हुआ है।प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4 प्रभुत्व के दुरुपयोग से संबंधित है, जो शोषणकारी या बहिष्करणकारी हो सकता है। शोषणकारी का तात्पर्य अत्यधिक मूल्य निर्धारण जैसे कृत्यों से है, जबकि बाजार पहुंच से वंचित करना बहिष्करणकारी खंड के अंतर्गत आता है।
इन मानदंडों के तहत, सीसीआई सबसे पहले उपलब्ध जानकारी की विस्तृत जांच करता है ताकि इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके कि प्रतिस्पर्धा मानदंडों के उल्लंघन के प्रथम दृष्टया सबूत हैं या नहीं। जब उल्लंघनों के प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद होते हैं, तभी नियामक इस मामले की जांच का आदेश देता है। किसी इकाई का प्रभुत्व होना प्रतिस्पर्धा-विरोधी नहीं है, लेकिन अगर प्रभुत्व का दुरुपयोग होता है, तो यह प्रतिस्पर्धा के मानदंडों का उल्लंघन करता है।
अन्य कारकों के अलावा, 1 नवंबर से लागू होने वाले नए उड़ान ड्यूटी मानदंडों को लागू करने में उचित योजना की कमी को इंडिगो में परिचालन संबंधी व्यवधानों का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
सीसीआई बाजार में प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकने के साथ-साथ निष्पक्ष व्यापार के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। अन्य शक्तियों के अलावा, नियामक विभिन्न क्षेत्रों में अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए दंड लगा सकता है और निषेधाज्ञा जारी कर सकता है।
डीजीसीए ने एयरलाइन की निगरानी बढ़ाई
इस बीच डीजीसीए उड़ान व्यवधानों की जांच करने के साथ-साथ इंडिगो के संचालन की निगरानी भी बढ़ा रहा है। वहीं इस बात को लेकर चिंताएं हैं कि क्या एयरलाइन की प्रमुख स्थिति भी एक कारण हो सकती है।
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