Indigo Crisis Summary: हर महीने एक करोड़ यात्री, हर दिन 2200 से ज्यादा उड़ानें, फिर इंडिगो से कहां हो गई चूक?
Why Indigo Flights Are Cancelled: इंडिगो सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है। एयर इंडिया के मुकाबले इंडिगो के विमानों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा और उड़ानों की संख्या चार गुना से भी ज्यादा है। बड़ा सवाल यही है कि क्या विमानों का इतना बड़ा बेड़ा और इतनी ज्यादा उड़ानों की वजह से यह मौजूदा संकट पैदा हुआ है...
विस्तार
भारतीय विमानन क्षेत्र की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समय अपने इतिहास के सबसे बुरे परिचालन संकट से गुजर रही है। पिछले चार दिनों में एयरलाइन की समय की पाबंदी धड़ाम होकर सिंगल डिजिट पर आ गई है। इससे हजारों यात्रियों को देशभर के हवाई अड्डों पर मुसीबत झेलनी पड़ रही है। आखिर 400 से ज्यादा विमानों और करोड़ों यात्रियों का भरोसा जीतने वाली इंडिगो अचानक संकट में क्यों है? क्या यह सिर्फ क्रू की कमी है या इसके पीछे की कहानी कुछ और है? आइए विस्तार से समझते हैं हर पहलू...
1. पहले समझिए- इंडिगो कितनी बड़ी एयरलाइन है
संकट की गहराई को समझने के लिए इंडिगो के विशाल आकार के बारे में जानना जरूरी है। यह महज एक एयरलाइन नहीं, बल्कि भारतीय एविएशन की रीढ़ है। एयरलाइन के पास 434 विमानों का बेड़ा है। इसने 920 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर भी दे रखा है। इंडिगो हर दिन 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित करती है। 3.2 लाख से अधिक यात्रियों को हवाई सफर करवाती है। यह 128 गंतव्यों के लिए अपनी सेवाएं देती है।
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वित्त वर्ष 2025 के लिए एयरलाइन का राजस्व लगभग ₹80,803 करोड़ रुपये रहा। नवंबर 2024 से इंडिगो ने हर महीने लगातार एक करोड़ से अधिक यात्रियों को हवाई सफर कराया है। वित्त वर्ष 2025 में कुल 11.9 करोड़ यात्रियों ने इंडिगो से सफर किया, जो पिछले साल के मुकाबले 12.5% अधिक है।
2. स्थिति कब और कैसे बिगड़ी?
इंडिगो के लिए वर्तमान संकट अचानक नहीं आया, लेकिन बीते तीन-चार दिनों में इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई। सबसे ज्यादा असर एयरलाइन की यूएसपी यानी 'ऑन-टाइम परफॉर्मेंस' (ओटीपी) पर पड़ा है। इससे जुड़े आंकड़े चौकाने वाले हैं। वित्तीय वर्ष 2025 में एयरलाइन ने 73.8% की ओटीपी हासिल की थी।
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1 दिसंबर को ओटीपी गिरकर 50% पर आ गई। 2 दिसंबर को यह और गिरकर 35% पर पहुंच गई। 3 दिसंबर को हालात और खराब हो गए और ओटीपी 19.7% रह गई। 4 दिसंबर को एयरलाइन का सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया और ओटीपी ऐतिहासिक निचले स्तर 8.5% पर आ गई। जानकारों के अनुसार, मुख्य कारण नए एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों के दूसरे चरण का लागू होना और उसके बाद क्रू (पायलट और केबिन स्टाफ) की गंभीर कमी है।

3. नए एफडीटीएल नियम क्या हैं और दिक्कत कहां है?
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों की थकान को कम करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों में बदलाव किए थे। इसे दो चरणों में लागू किया गया। पहले फेज में क्रू के लिए साप्ताहिक आराम की अवधि बढ़ाई गई थी। इंडिगो ने इसे बिना किसी बड़ी परेशानी के लागू कर लिया था। दूसरे फेज में 'रेड आई' उड़ानों यानी देर रात की उड़ानों के लिए क्रू के इस्तेमाल पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए।
4. नए नियमों के बाद क्या बदला?
इस बदलाव के बाद अब रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच फ्लाइट क्रू के लिए 'नाइट लैंडिंग' की सीमा छह से घटाकर दो कर दी गई। इसका मतलब है कि एक पायलट जो पहले रात में छह लैंडिंग कर सकता था, अब केवल दो कर सकेगा। इसके लिए एयरलाइन को उसी काम के लिए अब अधिक पायलट्स की आवश्यकता पड़ेगी।
5. पायलट संगठनों ने क्या कहा?
एयरलाइन का कहना है कि वे नियमों के अनुकूल होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पायलट संगठनों ने मौजूदा हालात को 'कुप्रबंधन' करार दिया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स यानी एफआईपी ने आरोप लगाया है कि इंडिगो को नए नियमों की तैयारी के लिए दो साल का समय मिला था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने समय रहते भर्तियां नहीं कीं। उल्टा, 'हायरिंग फ्रीज' (भर्ती पर रोक) लगा दी।
एफआईपी के अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा ने कहा, "इंडिगो का नेटवर्क बहुत विशाल है, जिसने समस्या को कई गुना बढ़ा दिया। मौजूदा संकट का पहला और सबसे बड़ा कारण स्टाफ की कमी है।" वहीं, एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी एएलपीए ने इसे संसाधनों की खराब योजना का नतीजा बताया है। उनका आरोप है कि कुछ एयरलाइंस अब डीजीसीए पर दबाव बनाकर नियमों में ढील मांग रहे हैं, जबकि गलती वे खुद कर रहे हैं।
6. इंडिगो ने डीजीसीए से क्या गुहार लगाई?
देश के विमानन क्षेत्र में संकट गहराने के बाद इंडिगो ने नियामक का दरवाजा खटखटाया। इंडिगो ने एयरबस ए320 ऑपरेशंस के लिए रात की ड्यूटी के नियमों से 10 फरवरी 2026 तक की छूट मांगी है। एयरलाइन ने तर्क दिया कि यात्रियों की असुविधा को कम करने और सुरक्षा मार्जिन बनाए रखने के लिए यह राहत जरूरी है। इस बीच, विमानन कंपनियों में चालक दल के सदस्यों के लिए साप्ताहिक विश्राम से जुड़े अपने हालिया सख्त निर्देशों को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है।
7. इंडिगो पर ही सबसे ज्यादा असर क्यों?
टाटा समूह की एयर इंडिया या अन्य एयरलाइनों के मुकाबले इंडिगो इस संकट से ज्यादा प्रभावित क्यों हुई? इसके तीन मुख्य कारण हैं।
- पहला- इंडिगो का लो-कॉस्ट मॉडल और हाई यूटिलाइजेशन। इंडिगो एक लो-कॉस्ट कैरियर है। इसका मुनाफा विमानों और क्रू के अधिकतम उपयोग पर निर्भर करता है। इसके विमान और क्रू अन्य भारतीय एयरलाइनों की तुलना में ज्यादा घंटे उड़ान भरते हैं।
- दूसरा- उड़ानों की अधिक संख्या है। इंडिगो के पास अन्य एयरलाइनों की तुलना में 'हाई-वॉल्यूम नाइट फ्लाइट्स' ज्यादा हैं। 400 से अधिक विमानों के साथ यह 90 घरेलू और 45 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ती है। ऐसे में रात के समय लैडिंग पर कैप लगने से एयरलाइन बुरी तरह प्रभावित हुई।
- तीसरा- लीन स्टाफिंग सिस्टम। इंडिगो कम से कम स्टाफ के साथ काम करने के मॉडल पर चलती है। इंडिगो के लिए 10% उड़ानें रद्द होने का मतलब है 230 उड़ानें, जो एक बहुत बड़ी संख्या है। वहीं, देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन एअर इंडिया, इंडिगो की तुलना में आधे से भी कम उड़ानें संचालित करती है, इसलिए उन पर प्रभाव कम दिखता है।
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8. शुक्रवार को हवाई अड्डों पर क्या स्थिति रही?
देश के हवाई अड्डों पर शुक्रवार (5 दिसंबर) को भी स्थिति खराब रही। दिल्ली हवाई अड्डे से सुबह की कई महत्वपूर्ण उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे यात्रियों में भारी रोष देखा गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 5 दिसंबर की आधी रात तक इंडिगो एयरलाइंस की सभी प्रस्थान उड़ानें रद्द कर दी गईं।
9. कौन-सा नियम वापस लिया गया?
डीजीसीए ने विमानन क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए चालक दल के सदस्यों के लिए साप्ताहिक विश्राम से जुड़े अपने हालिया सख्त निर्देशों को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया।नियामक का यह फैसला देश की विभिन्न एयरलाइनों को बड़ी राहत देगा। इंडिगो जैसे एयरलाइन इन नियमों के चलते परिचालन में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं। डीजीसीए ने साफ किया है कि यह कदम एयरलाइनों की ओर से परिचालन स्थिरता सुनिश्चित करने की मांग को देखते हुए उठाया गया है। उधर, अफरातफरी के बीच इंडिगो में उड़ानों में लगातार देरी और बड़े पैमाने पर रद्दीकरण के बाद यात्रियों से सार्वजनिक माफी मांगी है। एअरलाइन ने यात्रियों को टिकट कैंसिल करने पर रिफंड देने का भी दावा किया है।
10. अब आगे क्या?
इंडिगो के लिए मौजूदा संकट एक वेक-अप कॉल की तरह है। जिस 'लीन मॉडल' ने अब तक एयरलाइन को मुनाफे में रखा था, वही मॉडल अब कड़े सुरक्षा नियमों और स्टाफ की कमी के कारण जवाब दे गया। इस बीच, इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने बताया कि शनिवार को एयरलाइन की 1,000 से कम उड़ानें रद्द होने की आशंका है। 10 से 15 दिसंबर के बीच परिचालन पूरी तरह सामान्य हो जाएगा।" सीईओ ने शुक्रवार को 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द होने के कारण यात्रियों को हुई भारी असुविधा के लिए माफी भी मांगी।
उधर, डीजीसीए की ओर से चालक दल के सदस्यों के लिए साप्ताहिक विश्राम से जुड़े नियमों को वापस लेने पर एयरलाइन को मोटे तौर पर राहत मिल सकती है। पर पूरी व्यवस्था के पटरी पर लौटने में अभी थोड़ा समय लग सकता है। तब तक यात्रियों के लिए सलाह है कि हवाई अड्डे के लिए निकलने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति जरूर जांच लें, वरना उन्हें परेशानी झेलनी पड़ सकती है।