Tobacco Bill: स्वास्थ्य सुरक्षा उपकर बिल लोकसभा में पारित, वित्त मंत्री इस पर क्या बोलीं जानिए
स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 आज लोकसभा में पारित हो गया, जिसके तहत पान मसाला और अन्य अवगुण वस्तुओं पर नया सेस लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है।
विस्तार
लोकसभा ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 पारित कर दिया। इसका उद्देश्य व्यापक रूप से अवगुण या पाप वस्तुओं जैसे पान मसाला से स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अतिरिक्त धन जुटाना है। स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 पान मसाला जैसे उत्पादों के निर्माण पर नया सेस लगाने का अधिकार देता है। सरकार जरूरत पड़ने पर किसी अन्य उत्पाद को भी इस सेस के दायरे में ला सकेगी।
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विधेयक पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य का विषय है और रक्षा केंद्रीय सूची में है। हमें आज की जरूरतों के अनुरूप रक्षा के लिए संसाधन जुटाने की जरूरत है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि एसी वस्तुएं सस्ती न हों। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में उनकी जिम्मेदारी धन जुटाना है; उन्होंने यह बात कुछ सदस्यों द्वारा पूछे गए उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उन्होंने पूछा था कि रक्षा बजट के लिए पान मसाला पर कर क्यों लगाया जाना चाहिए। उन्होंने पूछा कि कोई भी सदस्य पान मसाले पर कम कर नहीं चाहेगा। पैसे का इस्तेमाल किसी भी चीज के लिए किया जा सकता है, लेकिन राजस्व इकट्ठा करना जायज है।
राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए सेस लगाया गया था
जीएसटी शुरू होने के समय (1 जुलाई 2017) राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति उपकर लगाया गया था, जिसकी अवधि 5 साल तय की गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर मार्च 2026 कर दिया गया, ताकि कोविड काल में राज्यों को मुआवजा देने के लिए केंद्र द्वारा लिए गए कर्ज की भरपाई हो सके। यह कर्ज दिसंबर 2025 के आसपास पूरा चुक जाने की उम्मीद है, जिसके बाद क्षतिपूर्ति उपकर पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर 2025 को फैसला किया था कि तंबाकू और पान मसाला पर क्षतिपूर्ति उपकर तब तक जारी रहेगा जब तक कर्ज पूरा नहीं चुक जाता। दूसरी ओर, अन्य लग्जरी सामानों पर क्षतिपूर्ति उपकर सितंबर 2025 में खत्म हो गया, जब जीएसटी ढांचे में बदलाव कर केवल दो दरें, 5% और 18% रखी गईं। बहुत महंगे उत्पादों, एरेटेड ड्रिंक्स और अन्य अवगुण वस्तुओं पर 40% की दर तय की गई।
अब सरकार की ओर से लाए गए केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2025 और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 यह सुनिश्चित करेंगे कि क्षतिपूर्ति उपकर खत्म होने के बाद भी तंबाकू और पान मसाला पर टैक्स का कुल भार पहले जैसा ही बना रहे, ताकि सरकार को राजस्व का नुकसान न हो और इन उत्पादों पर सख्त कर नीति जारी रहे।
क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने से उन उत्पादों पर 40% जीएसटी और उत्पाद शुल्क लागू
क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद, तंबाकू और संबंधित उत्पादों की बिक्री पर 40 प्रतिशत जीएसटी और उत्पाद शुल्क लगेगा, जबकि पान मसाला पर 40 प्रतिशत जीएसटी और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर लगेगा। वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर 28% जीएसटी के साथ अलग-अलग दरों पर क्षतिपूर्ति सेस लगता है, जिसे अब नए ढांचे से प्रतिस्थापित किया जाएगा।