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Jack Ma: अपने ही बिजनस स्कूल के प्रेजिडेंट का पद छोड़ेंगे चीनी अरबपति जैक मा, जानिए कारण
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Mon, 24 May 2021 02:29 PM IST
सार
अलीबाबा के संस्थापक जैक मा हुपान युनिवर्सिटी के प्रेजिडेंट का पद छोड़ने जा रहे हैं। मा ने 2015 में हुपान युनिवर्सिटी की स्थापना की थी।
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जैक मा: अलीबाबा समूह के संस्थापक
- फोटो : PTI
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विस्तार
चीनी अरबपति और दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा बिजनस स्कूल के प्रेजिडेंट का पद छोड़ने जा रहे हैं। जैक मा ने 2015 में हुपान युनिवर्सिटी की स्थापना की थी। यह चीन के बिजनस एग्जीक्यूटिव्स के लिए एक प्रतिष्ठित एकैडमी है। दरअसल चीनी अधिकारी उनके प्रभाव को कम करना चाहते हैं।
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इस स्कूल ने अपना नाम बदल दिया है और अपने पाठ्यक्रम में भी बदलाव करने जा रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुनर्गठन के बाद बनने वाले संस्थान में जैक मा को स्थान नहीं मिला है। चीनी नियामकों ने अलीबाबा की फिनटेक कंपनी की जांच की थी और उस पर भारी जुर्माना लगाया था। सूत्रों के अनुसार हुपान एक एलीट कम्युनिटी की तरह है। इसलिए यह सरकार के निशाने पर है। पिछले महीने ही एक रिपोर्ट में कहा गया था कि हुपान युनिवर्सिटी ने सरकार के दबाव के बाद नए छात्रों का पंजीकरण बंद कर दिया है।
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अलीबाबा पर 2.8 अरब डॉलर का जुर्माना
हाल में अलीबाबा ग्रुप पर 2.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया था। जैक मा को चीन में एक आइकॉन माना जाता रहा है। अलीबाबा के मामले में दिए 12 हजार शब्दों के विस्तृत आदेश में चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फॉर मार्केट रेगुलेशन (एसएएमआर) ने बाजार की परिभाषा भी दी है।
अलीबाबा पर जो जुर्माना लगा, वह 2019 में रहे उसके कुल राजस्व का चार फीसदी है। चीन के एंटीट्रस्ट (एकाधिकार विरोधी) कानून के तहत 10 फीसदी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस लिहाज से अलीबाबा पर हलका जुर्माना ही लगा। अलीबाबा कंपनी ने एसएएमआर के फैसले को स्वीकार कर लिया। उसे इसके खिलाफ अपील करने का अधिकार था, लेकिन उसने जुर्माना चुकाने का निर्णय कर लिया है।
जैक मा को भारी पड़ी चीनी सरकार की आलोचना
मालूम हो कि जैक मा ने अक्तूबर, 2020 में चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की आलोचना की थी। उन्होंने शंघाई में दिए भाषण में यह आलोचना की थी। जैक मा ने सरकार से आह्वान किया था कि वह ऐसे सिस्टम में बदलाव करे, जो कारोबार में नवाचारों के प्रयासों को दबाने का काम करते हैं। मा के इस भाषण के बाद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी मा पर बिगड़ गई थी। इसके बाद से मा के एंट ग्रुप सहित कई कारोबारों पर असाधारण प्रतिबंध लगाए जाने शुरू हो गए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद से ही जैक मा की कोई सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज नहीं हुई थी।