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Jet Airways: मालिकाना हक जालान कलरॉक को सौंपने पर NCLAT ने बरकरार रखा फैसला; जानिए फैसले की प्रमुख बातें
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Tue, 12 Mar 2024 06:36 PM IST
सार
जेट एयरवेज के मालिकाना हक मामले में राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने फैसला बरकरार रखा है। एनसीएलएटी ने मंगलवार को पारित फैसले में बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखा। कंपनी के स्वामित्व को जालान कलरॉक कंसोर्टियम को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी गई।
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NCLAT
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने जेट एयरवेज के मालिकाना हक मामले में फैसला बरकरार रखा है। स्वामित्व जालान कलरॉक कंसोर्टियम को हस्तांतरित किया जाएगा। एनसीएलएटी ने यह भी निर्देश दिया है कि ऋणदाता जेट एयरवेज के शेयर एसआरए (जालान कलरॉक) को जारी कर कंपनी को मालिकाना हक 30 दिनों के भीतर सौंप देंगे। दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने साफ किया कि जेट एयरवेज की समाधान योजना बरकरार रहेगी। एनसीएलएटी पीठ ने जेट एयरवेज की निगरानी समिति को 90 दिनों के भीतर स्वामित्व हस्तांतरण पूरा करने का निर्देश दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है मुकदमा; एनसीएलएटी का फैसला अंतिम
इससे पहले ऋणदाताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) को इस मुद्दे पर निर्णय लेने के निर्देश दिए थे। एनसीएलएटी ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं से बनी प्रबंध समिति को सफल समाधान आवेदक (एसआरए) बनाया। इस मामले में जालान कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) एसआरए है। एनसीएलएटी ने प्रस्तावित अचल संपत्तियों पर 30 दिनों के भीतर सिक्योरिटी तैयार करने का निर्देश भी दिया।
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150 करोड़ रुपये समायोजित करने का निर्देश भी दिया
NCLAT ने जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को कंसोर्टियम की तरफ से भुगतान किए गए 150 करोड़ रुपये को समायोजित करने का भी निर्देश दिया। गौरतलब है कि जेट एयरवेज के ऋणदाता और सफल बोली लगाने वाले जालान कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) के बीच एक साल से अधिक समय से कानूनी लड़ाई हो रही है। कंपनी ने बंद पड़ी विमानन कंपनी के प्रबंधन के हस्तांतरण को लेकर मुकदमा दायर किया है।
इस फैसले पर जेट एयरवेज ने क्या कहा?
एनसीएलएटी ने कहा कि हैंडओवर की तारीख से 30 दिनों के भीतर, जालान कलरॉक और ऋणदाताओं को स्वीकृत समाधान योजना के अनुसार लेनदारों को सभी भुगतान पूरे करने होंगे। मालिकाना हक एसआरए को सौंपने के बाद, जेट एयरवेज नियामक अनुमोदन के अधीन व्यवसाय और परिचालन शुरू कर सकता है। इस घटनाक्रम पर जेट एयरवेज ने कहा, एनसीएलएटी ने बिना किसी बदलाव के मूल रूप से स्वीकृत समाधान योजना के कार्यान्वयन की बात कही है। प्राधिकरण ने ऋणदाताओं को विशिष्ट और तत्काल कार्यान्वयन के निर्देश भी दिए हैं।
100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश; 350 करोड़ की वित्तीय प्रतिबद्धता पूरी
जालान कलरॉक कंसॉर्टियम (जेकेसी) ने अदालत की तरफ से अनुमोदित समाधान योजना के मुताबिक 350 करोड़ रुपये की कुल वित्तीय प्रतिबद्धता को पूरा कर लिया है। एनसीएलएटी के समक्ष जेट एयरवेज ने बताया था कि प्रस्तावित प्रमोटरों - जालान-कलरॉक कंसोर्टियम ने 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश पूरा कर लिया है। एयरलाइन ने यह भी कहा था कि वह 2024 से परिचालन फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है। ऋणदाता के साथ विवाद के बीच कंपनी दिवालिया हो गई और 2021 में JKC ने जेट एयरवेज का मालिकाना हक पाने के लिए बोली लगाई। अप्रैल 2019 से ही जेट एयरवेज की विमानन सेवाएं ठप हैं।