भारत-इस्राइल FTA: उद्योग मंत्री नीर बरकत बोले- संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल न करने पर सहमत हैं दोनों देश
भारत और इस्राइल के बीच एफटीए को लेकर बड़ी अपडेट आई है।इस्राइल के अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री नीर बरकत ने कहा कि एफटीए वार्ताओं के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल न करने पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपार अवसर हैं।
विस्तार
भारत और इस्राइल के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस्राइल के अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री नीर बरकत ने यह कहा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने 20 नवंबर को समझौते पर बातचीत शुरू करने के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
दोनों देशों ने संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल ने करने का फैसला किया
बरकत ने कहा कि एफटीए वार्ताओं के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल न करने पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपार अवसर हैं। हम व्यापार में भारी वृद्धि देखेंगे।
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भारत में अब बड़े अवसर मौजूद
उन्होंने कहा कि बहुत सी इस्राइली कंपनियां भारत में अपना विस्तार करने में रुचि रखती हैं, जो उनके लिए एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य कर सकती हैं।
भारत और इस्राइल के बीच हुए व्यापार के आंकड़े
भारत और इस्राइल मई 2010 से इसी तरह के समझौते पर बातचीत कर रहे थे। आठ दौर की बातचीत हुई, लेकिन बाद में बातचीत रुक गई। आखिरी दौर अक्तूबर 2021 में हुआ था। 2024-25 के दौरान, इस्राइल को भारत का निर्यात 2023-24 के 4.52 अरब डॉलर से 52 प्रतिशत घटकर 2.14 अरब डॉलर रह गया। पिछले वित्त वर्ष में आयात भी 26.2 प्रतिशत घटकर 1.48 अरब डॉलर रह गया। वहीं द्विपक्षीय व्यापार 3.62 अरब डॉलर रहा।
एशिया में भारत इस्राइल का दूसरा बड़ा साझेदार
भारत एशिया में इस्राइल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। द्विपक्षीय वस्तु व्यापार में मुख्य रूप से हीरे, पेट्रोलियम उत्पाद और रसायनों का प्रभुत्व है, हाल के वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और उच्च तकनीक उत्पादों, संचार प्रणालियों और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में व्यापार में वृद्धि देखी गई है।
भारत से इस्राइल को प्रमुख निर्यात वस्तुओं में मोती और कीमती पत्थर, ऑटोमोटिव डीजल, रासायनिक और खनिज उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, प्लास्टिक, वस्त्र, परिधान, आधार धातुएं और परिवहन उपकरण व कृषि उत्पाद शामिल हैं।
आयात में मोती और कीमती पत्थर, रासायनिक और खनिज/उर्वरक उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, पेट्रोलियम तेल, रक्षा, मशीनरी और परिवहन उपकरण शामिल हैं। सितंबर में दोनों देशों ने दोतरफा निवेश को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए।