Telecom: पांच लाख से ज्यादा 5G टावर, देश के 99.9% जिलों में नेटवर्क; क्या टेलीकॉम में भारत ने छलांग लगा दी?
दूरसंचार विभाग की 2025 की वार्षिक समीक्षा के मुताबिक यह साल भारत के टेलीकॉम सेक्टर के लिए ऐतिहासिक रहा। देश में इंटरनेट कनेक्शन 100 करोड़ के पार पहुंच गए, 5G सेवाएं लगभग पूरे देश में फैल गईं और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ी मजबूती मिली। आइए विस्तार से जानते हैं।
विस्तार
दूरसंचार विभाग (DoT) ने वर्ष 2025 का समापन टेलीकॉम सेक्टर की ऐतिहासिक उपलब्धियों के साथ किया है। संचार मंत्रालय की ओर से जारी वर्षिक समीक्षा में कनेक्टिविटी, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वदेशी तकनीक के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट और मोबाइल कनेक्शन में रिकॉर्ड वृद्धि, 5G सेवाओं का देशव्यापी विस्तार और स्वदेशी टेलीकॉम तकनीक के विकास ने 2025 को भारत के डिजिटल सफर का मील का पत्थर बना दिया।जनवरी 2025 में नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) 2.0 की शुरुआत इस साल की सबसे बड़ी पहलों में शामिल रही। इसका उद्देश्य भारत के डिजिटल परिवर्तन को और तेज करना है।
इंटरनेट और ब्रॉडबैंड में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
वर्ष 2025 में भारत में इंटरनेट कनेक्शनों की संख्या 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई, जो 2014 के मुकाबले लगभग चार गुना है। ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन भी करीब 100 करोड़ तक पहुंच गए। प्रति वायरलेस उपभोक्ता औसत मासिक डेटा खपत बढ़कर 24 जीबी हो गई, जिससे भारत दुनिया के सबसे ज्यादा डेटा इस्तेमाल करने वाले देशों में शामिल हो गया है। अक्तूबर 2025 तक मोबाइल ब्रॉडबैंड की औसत स्पीड 130 एमबीपीएस से अधिक दर्ज की गई।
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5G रोलआउट बना साल की पहचान
वर्षांत समीक्षा के अनुसार, 5G सेवाएं अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंच चुकी हैं। देश के 99.9 प्रतिशत जिलों में 5G उपलब्ध है और लगभग 85 प्रतिशत आबादी को इसका कवरेज मिल चुका है। टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं ने देशभर में 5.08 लाख से अधिक 5G बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) स्थापित किए हैं।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रामीण कनेक्टिविटी मजबूत
2019 के बाद से ऑप्टिकल फाइबर केबल की लंबाई दोगुने से अधिक हो गई है, जिससे बैकएंड डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ी मजबूती मिली है। ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन कनेक्शन 2014 के बाद से करीब 43 प्रतिशत बढ़े हैं, जो शहरी इलाकों की तुलना में लगभग दोगुनी रफ्तार है। सितंबर 2025 तक देश की कुल टेली-डेंसिटी 86.65 प्रतिशत पर पहुंच गई।
स्वदेशी 4G तकनीक में ऐतिहासिक उपलब्धि
2025 की एक बड़ी उपलब्धि भारत का दुनिया का पांचवां देश बनना रहा, जिसने अपनी स्वदेशी 4G टेक्नोलॉजी स्टैक विकसित की। यह तकनीक सी-डीओटी, तेजस नेटवर्क्स और टीसीएस के सहयोग से विकसित की गई और बीएसएनएल द्वारा तैनात की गई है। यह नेटवर्क पूरी तरह सॉफ्टवेयर-ड्रिवन है और भविष्य में 5G में अपग्रेड किया जा सकता है।
6G, साइबर सुरक्षा और नागरिक सेवाओं पर फोकस
वार्षिक समीक्षा में भारत 6G मिशन के तहत हुई प्रगति का भी जिक्र किया गया है, जिससे भारत भविष्य की वैश्विक टेलीकॉम स्टैंडर्ड्स में सक्रिय भूमिका निभाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
नागरिक-केंद्रित सुधारों के तहत ‘संचार साथी’ पोर्टल और मोबाइल ऐप को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। 21 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध इस ऐप के 1.5 करोड़ से अधिक डाउनलोड दर्ज किए गए, जबकि पोर्टल पर 22 करोड़ से ज्यादा विजिट्स हुईं। वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए शुरू किया गया फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) अब बैंकों से जुड़ चुका है और इसके जरिए करीब 450 करोड़ रुपये की संभावित ठगी रोकी गई है।
आपदा प्रबंधन और मैन्युफैक्चरिंग में भी मजबूती
प्राकृतिक आपदाओं और सुरक्षा स्थितियों के दौरान संचार सेवाएं सुचारू रखने में डीओटी की भूमिका अहम रही। स्वदेशी सेल ब्रॉडकास्टिंग तकनीक के जरिए चक्रवात जैसी आपदाओं के दौरान रियल-टाइम अलर्ट सफलतापूर्वक भेजे गए। वहीं, टेलीकॉम उपकरणों के लिए लागू पीएलआई योजना के तहत कुल बिक्री 96,000 करोड़ रुपये से अधिक रही, जबकि निर्यात 19,000 करोड़ रुपये को पार कर गया।