Sabka Bima Sabki Raksha: 100% FDI से बीमा सेक्टर को कितनी मजबूती मिलेगी? जानें रिपोर्ट में क्या कहा गया
केयरएज रेटिंग्स के अनुसार सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक, 2025 से देश में बीमा कवरेज बढ़ने, संचालन दक्षता सुधरने और सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ अहम सुधार अभी बाकी हैं, फिर भी यह विधेयक बीमा क्षेत्र के लिए संतुलित और अहम सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
विस्तार
संसद से इस सप्ताह पारित सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक, 2025 से देश में बीमा कवरेज बढ़ाने, संचालन दक्षता सुधारने और बाजार को अधिक मजबूत बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी केयरएज रेटिंग्स के अनुसार, यह विधेयक 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' के दीर्घकालिक लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अहम कदम है।
विधेयक के जरिए बीमा अधिनियम, 1938, भारतीय जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 और IRDAI अधिनियम, 1999 में संशोधन किया गया है। इसके तहत बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी गई है, साथ ही बीमा नियामक IRDAI के अधिकारों को भी मजबूत किया गया है।
100% FDI से निवेश और तकनीक को बढ़ावा
सरकार का कहना है कि FDI सीमा को 100 प्रतिशत करने से बीमा क्षेत्र में पूंजी निवेश बढ़ेगा, अत्याधुनिक तकनीक और वैश्विक सर्वश्रेष्ठ प्रथाएं आएंगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका सीधा लाभ ग्राहकों को बेहतर उत्पादों और सेवाओं के रूप में मिलेगा।
रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर संजय अग्रवाल के मुताबिक, जिन बीमा कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी पहले ही 74 प्रतिशत के करीब है, उनके लिए यह अतिरिक्त सीमा नई पूंजी लाने और सॉल्वेंसी मजबूत करने में मददगार होगी।
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पॉलिसीधारकों की सुरक्षा पर जोर
विधेयक में पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए पॉलिसीहोल्डर्स एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड की स्थापना का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य बीमा जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही पॉलिसीधारकों का डेटा अब डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट, 2023 के अनुरूप एकत्र और सुरक्षित किया जाएगा।
इसके अलावा, कमीशन को विनियमित करने, शेयर ट्रांसफर के लिए सीमा बढ़ाने और प्रक्रियागत नियमों को सरल बनाने जैसे कदम भी विधेयक में शामिल हैं, जिससे परिचालन दक्षता में सुधार होगा।
कुछ सुधार अभी बाकी
रेटिंग्स ने यह भी कहा कि हालांकि विधेयक संतुलित सुधार लेकर आया है, लेकिन कंपोजिट लाइसेंसिंग, लचीले पूंजी मानदंड, कैप्टिव बीमाकर्ता, व्यापक उत्पाद वितरण और ओपन एजेंट आर्किटेक्चर जैसे कुछ अहम मुद्दे अभी भी इससे बाहर हैं।
कुल मिलाकर, बीमा कानून संशोधन विधेयक, 2025 को बीमा क्षेत्र के लिए एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। इसके जरिए बीमा कवरेज बढ़ाने, निवेश आकर्षित करने और पॉलिसीधारकों की सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं, जिससे 2047 तक ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ के लक्ष्य को गति मिलने की उम्मीद है।