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Hardeep Puri: 'भारत एकमात्र ऐसा देश जहां बीते तीन साल में पेट्रोल, डीजल के दाम घटे', बोले हरदीप पुरी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 29 Jul 2024 10:30 PM IST
सार
Hardeep Puri: राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) और डीलरों के बीच ‘मार्जिन’ के संबंध में बातचीत को प्रोत्साहित कर रही है।
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हरदीप पुरी
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां नवंबर 2021 से अप्रैल 2024 के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। यह दावा केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को किया।
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राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) और डीलरों के बीच ‘मार्जिन’ के संबंध में बातचीत को प्रोत्साहित कर रही है।
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पुरी ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान पेट्रोल और डीजल को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि नियंत्रण मुक्त करने का मतलब है कि बाजार में उस ‘कमोडिटी’ की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित नहीं की जाती हैं।
पुरी ने कहा, ‘‘कहीं कीमतें अधिक हैं और कहीं कम हैं। यह बिल्कुल विपरीत है। भारत में आज कीमतें सबसे कम हैं और यह एकमात्र देश है, जहां कीमतें वास्तव में कम हुई हैं।’’
उन्होंने कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए बहुत ही साहसिक, महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी निर्णयों को जाता है। मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में पेट्रोल की कीमत में 13.65 प्रतिशत और डीजल की कीमत में 10.97 प्रतिशत की कमी आई है।’’
उन्होंने कहा कि फ्रांस में पेट्रोल की कीमत में 22.19 प्रतिशत, जर्मनी में 15.28 प्रतिशत, इटली में 14.82 प्रतिशत, स्पेन में 16.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पुरी ने यह भी बताया कि भारत में कीमतों में गिरावट आई है, जबकि पड़ोसी देशों में दरें बढ़ी हैं। मंत्री ने तेल बॉन्ड जारी करने के लिए संप्रग सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, ‘‘1.41 लाख करोड़ रुपये के तेल बॉन्ड जारी किए गए थे। आज हमें उस तरह के दूरदर्शी निर्णय के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये वापस करने पड़ रहे हैं।’’
डीलरों के ‘मार्जिन’ में वृद्धि पर पुरी ने कहा कि यह तेल विपणन कंपनियों और उन डीलरों के बीच एक वाणिज्यिक संविदात्मक स्थिति है, जिन्हें वे उस अनुबंध के हिस्से के रूप में नियुक्त करते हैं।
एक जुलाई, 2024 की स्थिति के अनुसार देश में 90,639 खुदरा दुकानें हैं, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हैं और बाकी निजी क्षेत्र की कंपनियों की हैं।
उन्होंने कहा ‘‘हम इस पर नज़र रख रहे हैं, ओएमसीज और डीलरों के बीच चर्चा चल रही है। पिछली बार मार्जिन में वृद्धि 2017 में की गई थी। यह मामला अभी विचाराधीन है, लेकिन हम ओएमसीज और डीलरों के बीच बातचीत को प्रोत्साहित कर रहे हैं और हम चाहेंगे कि वे किसी निष्कर्ष पर पहुंचें ।’’
डीजल में इथेनॉल मिलाने को अनिवार्य बनाने की फिलहाल कोई कोई योजना नहीं
सरकार ने सोमवार को कहा कि डीजल के साथ इथेनॉल का मिश्रण अभी प्रायोगिक चरण में है और फिलहाल इसे अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि शुरुआती परीक्षणों में ईंधन टैंकों में जमाव और अन्य प्रतिकूलताएं दिखाई दी हैं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने डीजल के साथ इथेनॉल के मिश्रण को अनिवार्य करने की केंद्र की योजना के बारे में राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘डीजल के साथ इथेनॉल के मिश्रण का मुद्दा अभी भी प्रायोगिक चरण में है और मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि फिलहाल इसे अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है।’’
मंत्री के अनुसार, इसका कारण यह है कि तेल विपणन कंपनियों ने ‘ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ और चुनिंदा मूल उपकरण निर्माताओं के साथ मिलकर डीजल में 7 प्रतिशत तक इथेनॉल का परीक्षण किया है।
पुरी ने बताया, ‘‘प्रारंभिक परीक्षणों से पता चला है कि 5 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण से फ्लैशपॉइंट 15 डिग्री सेल्सियस तक घट जाएगा और हमें सामग्री की अनुकूलता की आवश्यकता है। साथ ही, ईंधन की स्थिरता और ऑक्सीकरण स्थिरता भी आवश्यक है.. इसके अलावा कई अन्य प्रभाव होंगे।’’
मंत्री ने यह भी बताया कि पेट्रोल के साथ इथेनॉल का मिश्रण अब 20 प्रतिशत तक के स्तर पर पहुंच गया है। पुरी ने कहा, ‘‘हमने 2014 में पेट्रोल में 1.4 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के साथ शुरुआत की थी। आज हम 15 प्रतिशत के आंकड़े पर पहुंच गए हैं। हम 400 करोड़ लीटर इथेनॉल मिला रहे हैं। अब, अगर हमें डीजल को कम करना है, तो हम इथेनॉल मिश्रण वर्ष 2025 के अंत तक इसे 1,000 करोड़ लीटर तक ले जाने की योजना बना रहे हैं।’’
उन्होंने हालांकि आगाह किया ‘‘ऐसा करने के लिए, डीजल के मामले में, हमें बहुत सावधान रहना होगा ताकि यह सुरक्षा, उपकरणों के साथ कोई दिक्कत पैदा न करे।’’
उन्होंने कहा कि वर्तमान में इथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,364 करोड़ लीटर है जो देश के अधिकांश राज्यों में फैली हुई है। इनमें इथेनॉल अधिशेष वाले राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षमता मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त है।