NPS: सरकारी एवं प्राइवेट कर्मियों के लिए एनपीएस में अंशदान जमा करना हुआ आसान, QR कोड से ट्रांसफर होगी राशि
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पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण 'पीएफआरडीए' ने एनपीएस खातों में निवेश करने सब्सक्राइबर यानी अभिदाताओं को अब क्यूआर कोड के माध्यम से अंशदान जमा करने की सुविधा प्रदान की है। सरकारी और निजी, सभी तरह के अंशदाता इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। पीएफआरडीए द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि एनपीएस अभिदाता, अब डी-रेमिट-आधारित क्विक रिस्पांस 'क्यूआर' कोड का उपयोग कर अपने एनपीएस खाते में अंशदान जमा कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि जिन अभिदाताओं ने डी-रेमिट सक्षम किया है, केवल वे ही एनपीएस में क्यूआर कोड आधारित भुगतान प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं। अभिदाता, सीआरए की वेबसाइट पर डी-रेमिट आईडी/वर्चुअल आईडी बना सकते हैं। पीएफआरडीए ने क्यूआर कोड द्वारा अंशदान जमा करने की प्रक्रिया भी बताई है।
पीएफआरडीए द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि वर्तमान में अभिदाताओं को डी-रेमिट का उपयोग कर सीधे अपने बैंक खाते से अंशदान जमा करने का विकल्प प्रदान किया गया है। डी-रेमिट आईडी में 15 अंक होते हैं, जिन्हें अभिदाता के बचत बैंक खाते से स्वैच्छिक अंशदान जमा करते समय इंटरनेट बैंकिंग में लाभार्थी के रूप में जोड़ा जाता है। डी-रेमिट की सुविधा और इसके लाभों को पीएफआरडीए द्वारा दिनांक 12 मई 2020 और दिनांक एक अक्तूबर 2020 के परिपत्रों के माध्यम से प्रदान किया गया है।
डी-रेमिट विकल्प का अभिदाताओं द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 10 लाख डी-रेमिट आईडी बनाए जा चुके हैं। डी-रेमिट के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के अभिदाताओं ने इस सुविधा के लांच होने के बाद से अब तक सामूहिक रूप से लगभग 2700 करोड़ रुपये का अंशदान जमा किया है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि अपने कार्य दिवस और निपटान दिवस पर सुबह साढ़े नौ बजे तक ट्रस्टी बैंक द्वारा प्राप्त योगदान उसी दिन की एनएवी के लिए पात्र हैं।
एनपीएस अभिदाता अब डी-रेमिट आधारित क्विक रिस्पांस 'क्यूआर' कोड का उपयोग कर अपने एनपीएस खातों में अंशदान जमा कर सकते हैं। अभिदाता क्यूआर कोड को स्कैन कर किसी भी यूपीआई सक्षम एप्लिकेशन द्वारा अंशदान जमा कर सकते हैं। प्रत्येक अभिदाता के लिए एक विशिष्ट क्यूआर कोड होता है, जिसे भुगतान की खातिर ऑफलाइन भी रखा जा सकता है। टियर-1 और टियर-2 खातों के लिए क्यूआर कोड अलग अलग होते हैं।
जिन अभिदाताओं ने डी-रेमिट सक्षम किया है, केवल वे ही एनपीएस में क्यूआर कोड आधारित भुगतान प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं। अभिदाता, सीआरए की वेबसाइट पर डी-रेमिट आईडी/वर्चुअल आईडी बना सकते हैं।
क्यूआर कोड से यूं होगा एनपीएस अंशदान जमा
कैम्स सीआरए: अभिदाता ई लॉगिन पेज पर जाकर लेनदेन मेनू में योगदान पर क्लिक करें। इसके बाद योगदान आरंभ करें। वर्चुअल खाता स्थिति का चयन करने के बाद क्यूआर कोड प्रदर्शित होगा। किसी भी भुगतान यूपीआई ऐप के द्वारा क्यूआर कोड को स्कैन किया जा सकता है।
केफिन सीआरए: सब्सक्राइबर ई-एनपीएस के लॉगिन पेज पर जाकर लेनदेन मेनू में 'आगामी अंशदान' पर क्लिक करें। इसके बाद भुगतान प्रणाली के लिए 'यूपीआई' का चयन करें। वहां खाते के आधार पर क्यूआर कोड प्रदर्शित होगा। किसी भी भुगतान यूपीआई एप द्वारा क्यूआर कोड को स्कैन करें।
प्रोटियन सीआरए: अभिदाता ई-एनपीएस अंशदान पेज पर जाकर स्वयं को सत्यापित कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से अभिदाता अपने एनपीएस खाते में लॉगिन कर ऑन लाइन लेनदेन टैब के तहत ऑनलाइन अंशदान का विकल्प चुन सकते हैं। उसी तिथि पर निवेश करने का विकल्प चुनें। अभिदाता के लिए एक विशिष्ट क्यूआर कोड प्रदर्शित होगा। किसी भी भुगतान यूपीआई ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड को स्कैन करें।