NPS: आपके नाम पहले से है घर तो नहीं कर सकेंगे निकासी, पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के जारी किए नए नियम
पीएफआरडीए के नए नियमों के तहत, आंशिक निकासी वही खाताधारक कर सकेगा, जो तीन साल तक एनपीएस योजना का सदस्य हो। इसके अलावा, 25 फीसदी से ज्यादा रकम एनपीएस खाते से नहीं निकाल सकेंगे।
विस्तार
पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत निकासी को लेकर नए नियम जारी किए हैं, जो एक फरवरी से लागू हो जाएंगे। इसके तहत, अगर आपके नाम पर पहले से एक घर मौजूद है, तो नया घर खरीदने या बनवाने के लिए एनपीएस खाते से आंशिक निकासी नहीं कर पाएंगे। सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि एनपीएस से अधिकतम आंशिक निकासी की सीमा क्या होगी और किन कार्यों के लिए पैसे निकाल सकते हैं।
इन कार्यों के लिए निकासी सुविधा
- बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए।
- बच्चों की शादी-विवाह के लिए।
- पहला घर खरीदने, होम लोन पुनर्भुगतान और अन्य के लिए भी निकासी कर सकते हैं।
- गंभीर बीमारी, इलाज और मेडिकल संबंधी अन्य खर्च के लिए।
- आपात स्थिति में भी निकासी संभव।
- किसी तरह का कारोबार शुरू करने या स्टार्टअप के लिए भी निकासी कर सकते हैं।
अन्य शर्तें...
पीएफआरडीए के नए नियमों के तहत, आंशिक निकासी वही खाताधारक कर सकेगा, जो तीन साल तक एनपीएस योजना का सदस्य हो। इसके अलावा, 25 फीसदी से ज्यादा रकम एनपीएस खाते से नहीं निकाल सकेंगे। निर्धारण के लिए योगदान पर मिले रिटर्न को नहीं जोड़ा जाएगा। एनपीएस खाताधारकों को अपने खाते से अधिकतम तीन बार ही पैसे निकालने की अनुमति होगी।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
नए सर्कुलर के मुताबिक, एनपीएस खाताधारक अपने पेंशन खाते में खुद की जमा की गई कुल रकम का अधिकतम 25 फीसदी हिस्सा ही निकाल सकता है। एनपीएस में अगर नियोक्ता की ओर से भी योगदान किया जाता है तो उसका कोई हिस्सा आप नहीं निकाल सकेंगे। आंशिक निकासी के लिए खाताधारक को सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी के प्रतिनिधि सरकारी नोडल अधिकारी के जरिये आवेदन करना होगा। इसमें निकासी की वजह और अन्य जानकारियां देनी होंगी। अगर खाताधारक बीमार है तो इसकी जगह पर परिवार का कोई सदस्या या नॉमिनी आवेदन कर सकता है।
तो पांच साल का अंतराल जरूरी
आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंकबाजार ने बताया कि एनपीएस दीर्घकालिक पेंशन योजना है। इसमें निवेश राशि का इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिए नहीं होना चाहिए। इसलिए, पीएफआरडीए ने नियम में बदलाव किया है। पूरी अवधि में तीनों बार आंशिक निकासी के दौरान पांच-पांच साल का अंतराल होना आवश्यक है। यह निकासी आपके पूरे योगदान का 25 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी।