Maritime Week: '2047 तक देश को जहाज बनाने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल करना लक्ष्य', मैरीटाइम वीक में गडकरी
India Maritime Week: मुंबई में आयोजित मैरीटाइम वीक 2025 में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जहाजों के निर्माण और उसके मरम्मत के साथ हमारा लक्ष्य 2047 तक शीर्ष पांच जहाज निर्माण देश में से एक बनने का है। गडकरी ने आगे क्या कहा, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
 
                            विस्तार
भारत ने विश्व स्तर पर पांच जहाज निर्माण देशों में से एक बनने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए केंद्र सरकार जहाज निर्माण और मरम्मत को तेज गति से प्रोतत्साहन दे रही है। मुंबई आयोजित मैरीटाइम वीक 2025 में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जहाजों के निर्माण और उसके मरम्मत के साथ हमारे लक्ष्य 2047 तक शीर्ष पांच जहाज निर्माण देश में से एक बनने का है। इसलिए इस क्षेत्र के लिए एक वित्तीय संस्थान बनाने की जरूरत है, जो समुद्री उद्योग के विकसित करने और उसके गति को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता कर सके। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था का मूल्य लगभग एक ट्रिलियन डॉलर यानी 84 लाख करोड़ रुपये का है। यह क्षेत्र बंदरगाहों, नौवहन और लॉजिस्टिक्स में निवेश के व्यापक अवसर प्रदान करता है।
 
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समुद्री क्षेत्र में नई व्यवस्था अपनाने की जरूरत
सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा टोल ऑपरेट ट्रांसफर, इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट्स (इनविट्स) और सावर्जनिक निजी भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल की मिली सफलता से तुलना करते हुए उन्होंने कहा इन पहलों की वजह से 1.4 लाख करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिली है। इसी तरह से समुद्री क्षेत्र में नई व्यवस्था को अपनाने की जरूरत है। इससे हम समुद्री परियोजनाओं में तेजी ला सकते है।
22700 करोड़ के समझौते ज्ञापन पर हुआ हस्ताक्षर
पोर्ट डेवलपमेंट को वित्तीय सहायता देने वाली वित्तीय संस्था सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए इस कार्यक्रम में पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण (पीपीए) और ओडिशा मैरीटाइम बोर्ड (ओएमबी) ने केंद्रपाड़ा जिले में महानदी के मुहाने पर 22,700 करोड़ रुपये के निवेश से एक विशाल जहाज निर्माण क्लस्टर के विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। पीपीए, ओएमबी और सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने गंजम जिले के बहुदा मुहाना में 21,500 करोड़ रुपये की लागत से एक बारहमासी उपग्रह प्रमुख बंदरगाह के निर्माण के लिए समझौता किया। सागरमाला फाइनेंस के जीएम प्रोजेक्ट अमीत ने बताया कि हमने यह समझौता देश में शिपयार्ड और शिपिंग डेवलपमेंट के लिए किया है।  निकट भविष्य में मछुहारों के लिए फाइनेंस स्कीम पेश करेंगे, जो गहरे समुद्रों में जाकर फिशिंग करते हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
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इस स्कीम से क्या होगा फायदा?
इस स्कीम के तहत अगर कोई मछुआरा अपना वेस्ल  (आधुनिक नौका) खरीदाना चाहता है तो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों के वित्तपोषण की लागत का 60 प्रतिशत लोन के रूप में मुहैया करावाया जाएगा। साथ ही, पात्र मछुहारों को निशुल्क जहाज भी दिया जाएगा, जिसकी लगात 100 करोड़ रुपये होगी। यह लोन वहां के शिपयार्ड या उन स्थानीय संस्थाओं के जरिए दिया जाएगा जिससे ये मछुआरे जुड़े हुए हैं या संस्था के तहत काम करते हैं। उनका कहना है कि फिलहाल मछुहारों को लोन देने के लिए एक पायलेट प्रोजेक्ट भारत सरकार के बंदरगाह, जहाजरानी व जलमार्ग मंत्रालय के साथ मिलकर रत्नागिरी में 20 कलस्टर के साथ चलाया जा रहा है। इसका काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हम गुवाहाटी में नदी आधारित धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित कर रहे हैं। यह जलमार्गों के माध्यम से सात मंदिरों को आधुनिक बुनियादी ढांचे से जोड़ेगा, जिसमें पहुंच में सुधार हो सके और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, इसकी लागत 40 से 45 करोड़ रुपये है। सागरमाला फाइनेंस के अधिकारी के अनुसार संस्था भविष्य में  वॉटर मेट्रो योजनाओं को भी फाइनेंस करने की तैयारी कर रही है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                 



