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RBI: आरबीआई आगे ब्याज दरों में कटौती से पहले 'वेट एंड वॉच' मोड में रहेगा, बोले गवर्नर संजय मल्होत्रा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Wed, 16 Jul 2025 06:22 PM IST
सार

RBI: मुद्रास्फीति में गिरावट के रुझान के साथ, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बेंचमार्क रेपो दर में कटौती कर रही है और एक तटस्थ रुख अपना रही है। इससे आगे चलकर एमपीसी को दर घटाने या बढ़ाने का लचीलापन मिलता है। इस बारे में केंद्रीय बैंक ने क्या कहा है, आइए जानते हैं।

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RBI Governor Malhotra Signals 'Wait and Watch' Approach on Future Rate Cuts
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा - फोटो : PTI
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विस्तार
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भारतीय रिजर्व बैंक भविष्य में ब्याज दर में कटौती पर निर्णय लेने से पहले स्थिति पर रखते हुए वेट एंड वॉच के मोड में रहेगा। केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह बात कही है। मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि वृद्धि और मूल्य स्थिरता दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

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रेपो रेट में फरवरी से अब तक हुई है 100 आधार अंकों की कटौती

मुद्रास्फीति में गिरावट के रुझान के साथ, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बेंचमार्क रेपो दर में कटौती कर रही है और एक तटस्थ रुख अपना रही है। इससे आगे चलकर एमपीसी को दर घटाने या बढ़ाने का लचीलापन मिलता है। केंद्रीय बैंक ने फरवरी से अब तक रेपो दर में कुल मिलाकर 100 आधार अंकों की कटौती की है। एक मीडिया हाउस को दिए साक्षात्कार में मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई के मोर्चे पर आंतरिक आकलन किया जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह 3 प्रतिशत होगी या नहीं, क्योंकि ये गणनाएं अभी भी प्रक्रिया में हैं।

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उन्होंने कहा, "हम निश्चित रूप से अपने नवीनतम अनुमान पेश करेंगे और एमपीसी, हमेशा की तरह, भविष्य में उभरती स्थिति को ध्यान में रखेगी और फिर यह निर्णय लेगी कि अर्थव्यवस्था को वास्तव में किस प्रकार की नीति दर की आवश्यकता है।"

मल्होत्रा बोले- जरूरत पड़ने पर निश्चित रूप से नीतिगत दरों में होगी कटौती

आरबीआई गवर्नर ने कहा, " जरूरत पड़ने पर निश्चित रूप से नीतिगत दरों में कटौती की जा सकती है, लेकिन यह ऐसी चीज है जिसके लिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।" उनके अनुसार, कोई यह नहीं कह सकता कि महंगाई विकास के आंकड़ों से अधिक महत्वपूर्ण है।

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गवर्नर ने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, हम मुख्य रूप से मूल्य स्थिरता पर ध्यान देते हैं- यह हमारा मुख्य लक्ष्य, हमारा प्राथमिक उद्देश्य है- और फिर हम विकास पर भी ध्यान देते हैं। दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि हम अभी किसी भी संख्या पर अधिक जोर दे रहे हैं।"

अगले महीने की शुरुआत में होनी है एमपीसी की बैठक

रिजर्व बैंक की दर निर्धारण समिति एमपीसी की बैठक अगले महीने की शुरुआत में होने वाली है। मल्होत्रा ने स्वीकार किया कि ब्याज दरों में कटौती का प्रभाव अभी भी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके पास मई तक के आंकड़े हैं।

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उन्होंने कहा, "जून में हमने 50 आधार अंकों की कटौती की थी। इसलिए अभी लंबा सफर तय करना है, 100 आधार अंकों तक। 100 आधार अंकों के मुकाबले, अब भी, मेरे पास जून के आंकड़े नहीं हैं, लेकिन मई तक यह 24 आधार अंकों पर था। मेरा मानना है कि इसमें सुधार हुआ है, लेकिन अब भी हमें काफी दूरी तय करनी है।"

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