RBI CRR: 2.5 लाख करोड़ रुपए की 'संजीवनी' से बैंकों के कैसे बदलेंगे हालात? ग्राहकों को क्या फायदा होगा, जानें
RBI CRR: केंद्रीय बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो और रेपो रेट दोनों में कटौती करने का फैसला किया है। यह अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्व कदम है। सीआरआर में 100 आधार अंकों की कटौती की बात कही गई है, जिससे यह 4% से घटकर 3% रह जाएगी। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को घटाने के अलावा कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में भी कटौती करने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था में तरलता लाने के लिए सीआरआर को 100 आधार अंकों तक घटाने की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक का यह फैसलों देश के बैंकों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। जिससे सीआरआर 4 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत हो जाएगा। यह कटौती चार चरणों में लागू होगी और 1 सितंबर 2025 से प्रभावी हो जाएगी। आरबीआई को उम्मीद है कि इस कदम से नवंबर से पहले बैंकों के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त आएंगे। इसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा, क्योंकि बैंक इन पैसों का इस्तेमाल अपने ग्राहकों को ऋण देने में कर सकेंगे।
क्या है कैश रिजर्व रेशियो?
कैश रिजर्व रेशियो या सीआरआर वह न्यूनतम राशि होती है, जिसे बैंकों को आरबीआई के पास जमा रखनी होती है। हर बैंक को अपने पास रखे नकद जमा में से निर्धारित हिस्सा केंद्रीय बैंक के पास नकद रूप में जमा करना होता है। आसान भाषा में समझते हैं, जैसे बैंक के पास कुल 1000 रुपये हैं, अगर सीआरआर दर 4% है, जो बैंकों को अपनी राशि में से 40 रुपये रिजर्व बैंक के पास जमा करने होंगे। यह एक तरह से महंगाई और बैंकों में नकद की मात्रा को नियंत्रित करने का तरीका है।
चार चरणों में लागू होगा निर्णय
सीआरआर दर की कटौती चार चरणों में होगी। इसमें 25 आधार अंक हर बार घटाएं जाएंगे। यह कटौती इस साल 6 सिंतबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर को चरणबद्ध तरीके से होगी।
बैंकों को क्या होगा फायदा?
इस कटौती से नंवबर 2025 तक बैंकिंग प्रणाली में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि "इस फैसले से बैंकों की ऋण देने की क्षमता में काफी वृद्धि होगी।" बैंकों का अधिक फंड बचेगा, जिसे वे लोन, निवेश या अन्य व्यापारिक गतिविधियों में लगा सकते हैं। बैंकों में तरलता यानी नकदी बढ़ेगी। बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी।
ग्राहकों को कैसे मिलेगा लाभ?
- सस्ते लोन
बैंक के पास ज्यादा राशि होने से वह प्रतिस्पर्धा में कम ब्याज दरों पर लोन देने के लिए तैयार रहते हैं। इससे ग्राहकों को होम लोन पर्सनल लोन, कार लोन आदि में छूट मिल सकती है।
- लोन मिलने में आसानी
लोन पास करने की प्रक्रिया आसान हो जाती है, इससे खासकर छोटे व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों को राहत मिलेगी।
- कम ईमआई
ब्याज दरें घटने से ईमआई भी कम हो सकती है।
- आकर्षक ऑफर
बैंक ग्राहकों के लिए नई स्कीमें लाते हैं। फिक्सड डिपॉजिट या सेविंग्स पर आकर्षक ऑफर देते हैं।
- खर्च और निवेश में बेहतर अवसर
बाजार में खर्च और निवेश का अवसर बढ़ेगा, जब लोगों को सस्ते लोने मिलेंगे, तो वह घर या कार खरीदते हैं। अपना बिजनेस शुरू करते हैं। इससे नौकरियों और व्यापार के अवसर बढ़ते हैं और पूरी अर्थव्यवस्था में गति आती है।
पिछली बार मार्च 2020 में हुई थी सीआरआर में बड़ी कटौती
केंद्रीय बैंक ने सीआरआर में 1 प्रतिशत की इतनी बड़ी कटौती 27 मार्च 2020 को की थी। उस समय कोविड-19 महामारी के कारण बाजार को राहत देने के लिए एक ऑफ-पॉलिसी निर्णय में यह फैसला किया गया था। इसके बाद आरबीआई ने 4 मई, 2022 को ऑफ-साइकिल मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में सीआरआर को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था, जो उसी वर्ष 21 मई से प्रभावी हो गया था। फिर दिसंबर 2024 में सीआरआर को 50 आधार अंकों से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया था। ऐसा 25 आधार अंकों की दो बार की गई कटौती के जरिए किया गया। यह 14 दिसंबर, 2024 और 28 दिसंबर, 2024 से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी हुआ था। इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में 1.16 लाख करोड़ रुपये की नकदी आई और तरलता की स्थिति में सुधार हुआ।