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रिजर्व बैंक ने कहा: ग्राहकों से ज्यादा ब्याज नहीं वसूल सकते सूक्ष्म-वित्त ऋणदाता, कर्ज से जुड़े शुल्कों की तय हो सीमा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: दीपक चतुर्वेदी Updated Mon, 14 Mar 2022 06:24 PM IST
सार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि सूक्ष्म-वित्त ऋणों की कीमत, कवर, ब्याज दरों की अधिकतम सीमा और सभी अन्य शुल्कों के बारे में स्पष्टता लाने की जरूरत है। आरबीआई ने कहा कि इन कर्जों पर ब्याज दरें एवं अन्य शुल्क बहुत ऊंचे नहीं रखे जाने चाहिए। क्योंकि ये शुल्क और दरें केंद्रीय बैंक की निगरानी के दायरे में होंगी।

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RBI Said Microfinance lenders cannot charge usurious interest rate
आरबीआई - फोटो : पीटीआई
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि सूक्ष्म-वित्त ऋणदाता संस्थान ग्राहकों से ज्यादा ब्याज वसूल नहीं कर सकते हैं। एक सूक्ष्म-वित्त ऋण का आशय तीन लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवार को दिए जाने वाले गारंटी-मुक्त कर्ज से है। इसके साथ ही आरबीआई की ओर से इन ऋणदाताओं को कर्जों से जुड़े शुल्कों की एक सीमा भी तय करने को कहा गया है।

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आरबीआई की ओर से जारी नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी नियमित इकाइयों को निदेशक-मंडल की अनुमति वाली एक नीति लागू करनी चाहिए। इस नीति में सूक्ष्म-वित्त ऋणों की कीमत, कवर, ब्याज दरों की अधिकतम सीमा और सभी अन्य शुल्कों के बारे में स्पष्टता लाने की जरूरत है। आरबीआई ने कहा कि इन कर्जों पर ब्याज दरें एवं अन्य शुल्क बहुत ऊंचे नहीं रखे जाने चाहिए। क्योंकि ये शुल्क और दरें केंद्रीय बैंक की निगरानी के दायरे में होंगी।
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अपने नए दिशा-निर्देशों में आरबीआई ने कहा है कि प्रत्येक नियमित इकाई को एक संभावित कर्जदार के बारे में कीमत-संबंधी जानकारी एक फैक्टशीट के रूप में देनी होगी। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि कर्जदार अगर अपने कर्ज को समय से पहले चुकाना चाहता है तो उस पर किसी तरह की जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए। हालांकि, अगर किस्त के भुगतान में देरी होती है, तो सूक्ष्म-वित्त संस्थान ग्राहक पर जुर्माना लगा सकते हैं लेकिन वह भी पूरे कर्ज की राशि पर नहीं, बल्कि बकाया राशि पर ही लगाया जाएगा।

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