{"_id":"670f86fb76d022563c05e55e","slug":"sc-reserves-verdict-on-plea-against-nclat-order-transferring-jet-airways-to-winning-bidder-2024-10-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"Supreme Court: जेट एयरवेज मामले में एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित, जानें पूरा मामला","category":{"title":"Business Diary","title_hn":"बिज़नेस डायरी","slug":"business-diary"}}
Supreme Court: जेट एयरवेज मामले में एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित, जानें पूरा मामला
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Wed, 16 Oct 2024 02:57 PM IST
सार
Supreme Court: भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। अपीलकर्ता बैंकों व अन्य की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन. वेंकटरमन पेश हुए और कलरॉक गठजोड़ का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने किया।
विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य की उस याचिका पर अपना फैसला बुधवार को सुरक्षित रख लिया जिसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती दी गई थी।
Trending Videos
एनसीएलएटी ने बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखते हुए इसका स्वामित्व जालान कलरॉक गठजोड़ (जेकेसी) को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। अपीलकर्ता बैंकों व अन्य की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन. वेंकटरमन पेश हुए और कलरॉक गठजोड़ का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने किया।
एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी इस एयरलाइन की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने जेट एयरवेज की निगरानी समिति को 90 दिन के भीतर स्वामित्व हस्तांतरण पूरा करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा, एनसीएलएटी ने जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को गठजोड़ द्वारा प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) के रूप में भुगतान किए गए 150 करोड़ रुपये को समायोजित करने का भी निर्देश दिया था। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।