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Air India Crash: 'शुरुआती जांच रिपोर्ट के कुछ पहलू गैरजिम्मेदाराना', सुप्रीम कोर्ट ने DGCA से मांगा जवाब

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Mon, 22 Sep 2025 12:54 PM IST
सार

Supreme court on Air India Crash probe: 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे पर एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के कुछ पहलू, जिनमें पायलटों की ओर से चूक का संकेत मिलता है 'गैरजिम्मेदाराना' थे। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने की है। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

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SC seeks response of Centre, DGCA on PIL seeking independent probe into June 12 AI crash
एअर इंडिया विमान हादसे की तस्वीर - फोटो : PTI
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विस्तार
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12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे पर एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के कुछ पहलू, जिनमें पायलटों की ओर से चूक का संकेत मिलता है 'गैरजिम्मेदाराना' थे। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने की है।

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निष्पक्ष और तेज जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र और डीजीसीए को नोटिस

अदालत ने इस मामले में स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र और नागरिक उड्डयन महानिदेशक को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 12 जुलाई को जारी विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट के कुछ पहलुओं पर ध्यान दिया।

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एनजीओ 'सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन' की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि दुर्घटना के बाद गठित जांच पैनल में तीन सदस्य विमानन नियामक से थे और इसमें हितों के टकराव का मुद्दा शामिल हो सकता है। उन्होंने विमान के उड़ान डेटा रिकॉर्डर से जानकारी जारी करने की मांग की, जिससे दुर्घटना के कारण का पता चल सके।

पीठ ने कहा कि इस मामले में गोपनीयता और निजता पर ध्यान देने की जरूरत है। पीठ ने कहा कि वह केवल दुर्घटना की स्वतंत्र, निष्पक्ष, और शीघ्र जांच के सीमित पहलू पर ही नोटिस जारी कर रही है। अदालत ने इस दौरान अंतिम रिपोर्ट जल्द से जल्द जारी करने की भी बात कही।

विमानन सुरक्षा एनजीओ FRAeS की ओर से दायर की गई है याचिका

यह याचिका कैप्टन अमित सिंह (FRAeS) के नेतृत्व वाले विमानन सुरक्षा एनजीओ की ओर से दायर की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि आधिकारिक जांच नागरिकों के जीवन, समानता और सच्ची जानकारी तक पहुंच के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।

याचिका में कहा गया है कि एएआईबी ने 12 जुलाई को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की। इसमें दुर्घटना के लिए "ईंधन कटऑफ स्विच" को "रन" से "कटऑफ" में स्थानांतरित करने को जिम्मेदार ठहराया गया। यह प्रभावी रूप से पायलट की गलती माना जाता है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाया गया। इसमें पूर्ण डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) आउटपुट, टाइम स्टैम्प के साथ पूर्ण कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) ट्रांसक्रिप्ट और इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग (ईएएफआर) डेटा के बारे में नहीं बताया गया है। याचिका के अनुसार, आपदा की पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ समझ के लिए ये जानकारी जरूरी हैं।

12 जून को हादसे का शिकार हो गया था एअर इंडिया का 787-8 विमान

12 जून को एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों और चालक दल सहित 265 लोगों की मौत हो गई। 241 मृतकों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली नागरिक, एक कनाडाई और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति ब्रिटिश नागरिक विश्वाशकुमार रमेश थे।

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