Share Market: भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर से बाजार में बंपर बढ़त; सेंसेक्स 2975 अंक चढ़ा, निफ्टी 24900 पार
Share Market: सोमवार को सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,429.90 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 916.70 अंक या 3.82 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,924.70 अंक पर बंद हुआ। आइए जानते हैं बाजार का हाल विस्तार से।


विस्तार
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की खबरों के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क सूचकांक आसमान छू गए। बाजार की बढ़त को अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के नरम पड़ने का भी फायदा मिला। दोनों देश इस समझौते पर पहुंचे हैं कि वे 90 दिनों की शुरुआती अवधि के लिए अपने पहले से घोषित पारस्परिक शुल्क और काउंटर टैरिफ वापस ले लेंगे। इस बीच - चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाएगा, और अमेरिका चीनी वस्तुओं पर लगभग 30 प्रतिशत कर लगाएगा।
2975 अंक उछला सेंसेक्स
सोमवार को सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,429.90 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 916.70 अंक या 3.82 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,924.70 अंक पर बंद हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम ने बाजार में तेज उछाल का मार्ग प्रशस्त किया है।" विजयकुमार ने कहा, "उच्च जीडीपी वृद्धि और वित्त वर्ष 26 में आय वृद्धि के पुनरुद्धार तथा मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में गिरावट जैसी घरेलू मैक्रोज़ बाजार में उछाल के फिर से शुरू होने के लिए शुभ संकेत हैं।"
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उन्होंने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निरंतर खरीदारी भी आज की तेजी का मुख्य कारण है। हालांकि, व्यापक सूचकांकों में उछाल के बीच, फार्मा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को अपेक्षाकृत झटका लगा है। फार्मा शेयरों ने इस खबर से संकेत लिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आज दिन में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसका उद्देश्य प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की लागत को 30-80 प्रतिशत तक कम करना है।
निफ्टी फार्मा सबसे कम बढ़त, बाकी सूचकांक 2 से 4 फीसदी उछले
निफ्टी फार्मा इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि अन्य क्षेत्रीय सूचकांक 2-4 प्रतिशत तक उछले। भारतीय शेयर बाजार में फार्मा सेक्टर के शेयरों ने अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की कीमतों में कटौती करने के उद्देश्य से ट्रम्प द्वारा प्रत्याशित कार्यकारी आदेश के कारण शुरुआती दबाव के बावजूद मजबूत लचीलापन दिखाया।
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विजयकुमार ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से अमेरिका में दवाओं की कीमतों में कमी करने की नवीनतम घोषणा से फार्मा शेयरों पर निकट भविष्य में दबाव पड़ सकता है।" विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका-चीन टैरिफ डील भारतीय दृष्टिकोण से थोड़ी निराशाजनक होगी क्योंकि भारत अन्य देशों से पहले अमेरिका के साथ जल्दी डील की उम्मीद कर रहा था।
टैरिफ प्रकरण में अब तक क्या-क्या हुआ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दर्जनों ऐसे देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाए थे जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है। बाद में, राष्ट्रपति ट्रम्प ने कई देशों की ओर से व्यापार सौदे के लिए अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत शुरू करने के बाद 90 दिनों के लिए टैरिफ को रोकने का फैसला किया। 9 अप्रैल से शुरू होने वाले इन 90 दिनों में, राष्ट्रपति ट्रम्प सभी देशों पर 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लगा रहे हैं। चीन के लिए, ट्रम्प ने संकेत दिया था कि टैरिफ 245 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। अमेरिका के लिए, चीनी ने 125 प्रतिशत टैरिफ का एलान किया था।