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RBI: सिंगापुर बना भारतीय एफडीआई का शीर्ष गंतव्य, अप्रैल-जून 2025 तिमाही में मिला 2.2 अरब डॉलर निवेश
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रिया दुबे
Updated Wed, 16 Jul 2025 06:30 PM IST
सार
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून 2025 तिमाही में सिंगापुर को भारत से सबसे अधिक 2,217.57 मिलियन अमरीकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। शीर्ष पांच विदेशी एफडीआई गंतव्यों में मॉरिशस, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन शामिल है। भारत एफडीआई प्रवाह में वैश्विक स्तर पर 16वें स्थान पर है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : ANI
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विस्तार
अप्रैल-जून 2025 तिमाही के दौरान भारत से सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सिंगापुर को मिला। इस अवधि में सिंगापुर को भारत से कुल 2,217.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) एक देश की कंपनी या व्यक्ति द्वारा दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक हितों में किया गया निवेश है।
ये भी पढ़ें: Textile Industry: जापानी कंपनियां भारत के कपड़ा क्षेत्र में निवेश करने को इच्छुक, AEPC ने जताया अनुमान
शीर्ष पांच विदेशी एफडीआई गंतव्य
आंकड़ों के अनुसार शीर्ष पांच विदेशी एफडीआई गंतव्यों में मॉरिशस, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन शामिल है। भारतीय कंपनियों और निवेशकों ने इन चार देशों में संचयी रूप से (इक्विटी और ऋण संयुक्त रूप से) मॉरिशस में 1,007.48 मिलियन डॉलर, अमेरिका में 1,004.35 मिलियन डॉलर, संयुक्त अरब अमीरात 450.47 मिलियन डॉलर और ब्रिटेन में 337.99 मिलियन डॉलर का निवेश किया। अन्य प्रमुख गंतव्य जहां भारतीयों ने तिमाही के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश किया, इनमें जर्मनी, आईएफएससी गिफ्ट सिटी, नीदरलैंड और ओमान शामिल थे।
भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था में ग्रीनफील्ड निवेश
इससे पहले, 26 जून को आरबीआई ने कहा था कि भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था में ग्रीनफील्ड निवेश के लिए वैश्विक दक्षिण में शीर्ष गंतव्य के रूप में उभरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2020 और 2024 के बीच डिजिटल अर्थव्यवस्था क्षेत्रों में ग्रीनफील्ड निवेश में कुल 114 अरब डालर प्राप्त हुए। यह ग्लोबल साउथ के सभी देशों में सबसे अधिक है और वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका को उजागर करता है।
एफडीआई प्रवाह में भारत 16वें स्थान पर
आरबीआई के अनुसार भारत एफडीआई प्रवाह में वैश्विक स्तर पर 16वें स्थान पर है। इसमें कहा गया है कि अप्रैल 2025 में सकल आवक एफडीआई 8.8 अरब डॉलर थी, जो मार्च 2025 में 5.9 अरब डॉलर और अप्रैल 2024 में 7.2 अरब डॉलर की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
अप्रैल 2025 में 3.9 अरब डॉलर का एफडीआई निवेश हुआ
भारत में विनिर्माण और व्यावसायिक सेवा क्षेत्र प्रमुख योगदानकर्ता रहे, जिनका अप्रैल में एफडीआई प्रवाह में लगभग आधा हिस्सा रहा। इन गतिविधियों के परिणामस्वरूप, भारत में अकेले अप्रैल 2025 में 3.9 अरब डॉलर का शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ। यह आँकड़ा अप्रैल 2024 के शुद्ध निवेश के दोगुने से भी अधिक है, जो निवेशकों के बेहतर विश्वास और मजबूत आर्थिक जुड़ाव का संकेत देता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भी भारतीय बाजारों में भी विश्वास दिखाना जारी रखा है।
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शीर्ष पांच विदेशी एफडीआई गंतव्य
आंकड़ों के अनुसार शीर्ष पांच विदेशी एफडीआई गंतव्यों में मॉरिशस, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन शामिल है। भारतीय कंपनियों और निवेशकों ने इन चार देशों में संचयी रूप से (इक्विटी और ऋण संयुक्त रूप से) मॉरिशस में 1,007.48 मिलियन डॉलर, अमेरिका में 1,004.35 मिलियन डॉलर, संयुक्त अरब अमीरात 450.47 मिलियन डॉलर और ब्रिटेन में 337.99 मिलियन डॉलर का निवेश किया। अन्य प्रमुख गंतव्य जहां भारतीयों ने तिमाही के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश किया, इनमें जर्मनी, आईएफएससी गिफ्ट सिटी, नीदरलैंड और ओमान शामिल थे।
भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था में ग्रीनफील्ड निवेश
इससे पहले, 26 जून को आरबीआई ने कहा था कि भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था में ग्रीनफील्ड निवेश के लिए वैश्विक दक्षिण में शीर्ष गंतव्य के रूप में उभरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2020 और 2024 के बीच डिजिटल अर्थव्यवस्था क्षेत्रों में ग्रीनफील्ड निवेश में कुल 114 अरब डालर प्राप्त हुए। यह ग्लोबल साउथ के सभी देशों में सबसे अधिक है और वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका को उजागर करता है।
एफडीआई प्रवाह में भारत 16वें स्थान पर
आरबीआई के अनुसार भारत एफडीआई प्रवाह में वैश्विक स्तर पर 16वें स्थान पर है। इसमें कहा गया है कि अप्रैल 2025 में सकल आवक एफडीआई 8.8 अरब डॉलर थी, जो मार्च 2025 में 5.9 अरब डॉलर और अप्रैल 2024 में 7.2 अरब डॉलर की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
अप्रैल 2025 में 3.9 अरब डॉलर का एफडीआई निवेश हुआ
भारत में विनिर्माण और व्यावसायिक सेवा क्षेत्र प्रमुख योगदानकर्ता रहे, जिनका अप्रैल में एफडीआई प्रवाह में लगभग आधा हिस्सा रहा। इन गतिविधियों के परिणामस्वरूप, भारत में अकेले अप्रैल 2025 में 3.9 अरब डॉलर का शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ। यह आँकड़ा अप्रैल 2024 के शुद्ध निवेश के दोगुने से भी अधिक है, जो निवेशकों के बेहतर विश्वास और मजबूत आर्थिक जुड़ाव का संकेत देता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भी भारतीय बाजारों में भी विश्वास दिखाना जारी रखा है।