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टेली घनत्व में देश में सबसे फिसड्डी नीतीश कुमार का बिहार, इसी राज्य से आते हैं टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद

अमित शर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Harendra Chaudhary Updated Mon, 16 Nov 2020 07:19 PM IST
सार

दिल्ली के 272.09 फीसदी के बाद हिमाचल प्रदेश (149.63 फीसदी), केरल 128.93 फीसदी, पंजाब 125.34 फीसदी, महाराष्ट्र 105.94 फीसदी, तमिलनाडु 104.60 फीसदी, कर्नाटक 103.59 फीसदी के साथ सौ फीसदी टेली घनत्व से ऊपर हैं...

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telephone regulatory authority of india TRAI released the Data, Bihar is the biggest loser in tele density
Mobile Tower India - फोटो : AmarUjala
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पूरे देश में टेली घनत्व जुलाई केे 116.4 करोड़ ग्राहकों से बढ़कर अगस्त 2020 में 116.78 करोड़ या 86.23 फीसदी पर पहुंच गया है। पूरे भारत की दृष्टि से ग्राहकों की संख्या में 0.33 फीसदी की वृद्धि हुई है। टेली घनत्व के मामले में दिल्ली पूरे देश में टॉप पर है, जहांं टेली घनत्व 272.09 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं नीतीश कुमार का बिहार इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है जहां कुल टेली घनत्व राष्ट्रीय औसत से बहुत नीचे 52.62 फीसदी पर अटका हुआ है। टेली घनत्व के मामले में उत्तर प्रदेश बिहार के बाद दूसरे स्थान (66.93 फीसदी) पर है।

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ट्राई के अनुसार दिल्ली के आंकड़े राष्ट्रीय स्तर से बहुत ज्यादा होने के पीछे यहां के टेली सर्कल में गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरूग्रााम के कुछ भाग का शामिल होना एक प्रमुख कारण हो सकता है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में शैक्षिक, वाणिज्यिक गतिविधियों में इंटरनेट तकनीकी की ज्यादा भागीदारी भी इसका एक प्रमुख कारण हो सकती है।

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ये राज्य राष्ट्रीय औसत से आगे

टेली घनत्व में देश के कई राज्य राष्ट्रीय औसत 86.23 फीसदी से बहुत आगे हैं। दिल्ली के 272.09 फीसदी के बाद हिमाचल प्रदेश (149.63 फीसदी), केरल 128.93 फीसदी, पंजाब 125.34 फीसदी, महाराष्ट्र 105.94 फीसदी, तमिलनाडु 104.60 फीसदी, कर्नाटक 103.59 फीसदी के साथ सौ फीसदी टेली घनत्व से ऊपर हैं।


इसके अलावा आंध्र प्रदेश 97.38 फीसदी, गुजरात 96.64 फीसदी, हरियाणा 94.60 फीसदी और जम्मू-कश्मीर 86.43 फीसदी के साथ राष्ट्रीय औसत से आगे हैं। वहीं, बिहार और यूपी के अलावा मध्यप्रदेश 67.07 फीसदी, असम 68.12 फीसदी, ओडीशा 76.18 फीसदी और पश्चिम् बंगाल 82.43 फीसदी के साथ राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं।

क्या कहता है विपक्ष

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता डॉक्टर नवल विक्रम ने अमर उजाला से कहा कि नीतीश कुमार पिछले 15 वर्ष से बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। केंंद्र की भाजपा सरकार में इस समय टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद भी बिहार से ही हैं और केंद्र की सरकार भी सत्ता में 6 साल से ज्यादा समय गुजार चुकी है। लेकिन इसके बाद भी बिहार विकास के इस सबसे महत्वपूर्ण पैमाने पर देश में सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है। यह बिहार के विकास का दावा करने वाले नीतीश कुमार और केंद्र की कलई खोल देता है।

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