सस्ता कर्ज: घर खरीदने का सपना होगा पूरा, 8 फीसदी से कम ब्याज पर होम लोन लेने का अवसर; EMI भी होगी सस्ती
आरबीआई की ओर से रेपो दर में लगातार दो बार में 0.50 फीसदी की कटौती ने मकान खरीदारों को महंगे होम लोन से कुछ राहत दी है। कई बैंकों की होम लोन की ब्याज दरें अब 8 फीसदी से नीचे पहुंच गई हैं। होम लोन पर अजीत सिंह की रिपोर्ट---
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होम लोन की किस्त प्रभावित करने वाले कारक
क्रेडिट स्कोर: बैंक कर्ज लेने की योग्यता निर्धारित करने के लिए क्रेडिट स्कोर देखते हैं। 750 से अधिक क्रेडिट स्कोर को आम तौर पर अच्छा माना जाता है। 750 से कम क्रेडिट स्कोर को खराब माना जाता है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर औसत से कम है, तो बैंक अधिक ब्याज ले सकते हैं।
बेंचमार्क दर: बेंचमार्क यानी रेपो दर में कोई भी बदलाव आपके होम लोन की ब्याज दर पर प्रभाव डाल सकता है, बशर्ते आपकी ब्याज दर फ्लोटिंग हो।
फिक्स्ड और फ्लोटिंग दर: दोनों होम लोन की ब्याज संरचना अलग-अलग होती है। फिक्स्ड रेट लोन की ब्याज दरें फ्लोटिंग दरों की तुलना में थोड़ी अधिक होती हैं। हालांकि, फ्लोटिंग रेट लोन कभी भी कम या ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि वे बाजार की स्थितियों पर समय के साथ बदलते रहते हैं। जब बात होम लोन की आती है, तो आमतौर पर बड़ी लोन राशि पर ज्यादा ब्याज और छोटे लोन पर कम ब्याज देना पड़ सकता है।
| बैंक का नाम | ब्याज दर (%) | मासिक किस्त (₹) |
|---|---|---|
| केनरा बैंक | 7.80% | ₹24,720 |
| बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 7.85% | ₹24,810 |
| सेंट्रल बैंक | 7.85% | ₹24,810 |
| यूनियन बैंक | 7.85% | ₹24,810 |
| इंडियन बैंक | 7.90% | ₹24,900 |
| इंडियन ओवरसीज बैंक | 7.90% | ₹24,900 |
कर्ज की अवधि: 20 साल
सोर्स: संबंधित बैंकों की वेबसाइट
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फ्लोटिंग दर पर लोन लेना बेहतर
अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो फ्लोटिंग दर पर लें, क्योंकि इस साल रेपो दर में दो बार और कटौती हो सकती है। इससे कर्ज और सस्ता हो सकता है। फिक्स्ड दर पर यह फायदा नहीं मिलेगा। -जयेश जैन, वित्तीय सलाहकार