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निजीकरण: तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को 5000 करोड़ दे सकती है सरकार, रेगुलेटरी नियमों का पालन करने में होगी आसानी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Tue, 17 Aug 2021 02:54 PM IST
सार
सरकार नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी दे सकती है।
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इंश्योरेंस
- फोटो : pixabay
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विस्तार
केंद्र सरकार तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के निजीकरण से पहले इनमें और पूंजी डाल सकती है। इससे नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को लिस्टिंग से पहले रेगुलेटरी नियमों का पालन करने में आसानी होगी।
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5,000 करोड़ रुपये की पूंजी दे सकती है सरकार
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इनको लगभग 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी दे सकती है। इसको लेकर वित्त मंत्रालय जल्द फैसला ले सकता है। मालूम हो कि नीति आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस का निजीकरण करने का प्रस्ताव कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में विनिवेश के लिए बनाए गए सचिवों के कोर ग्रुप के पास भेज दिया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में जनरल इंश्योरेंस बिजनेस यानी नेशनलाइजेशन अमेंडमेंट एक्ट का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके जरिए सरकार इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 51 फीसदी से नीचे करेगी।
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खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए उठाया कदम
पिछले साल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीनों सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की विलय की प्रक्रिया को रोक दिया था। तीनों कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया था। सरकार ने इन कंपनियों में 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की मंजूरी दी थी, ताकि ये नियामकीय मानकों को पूरा कर सकें। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इन कंपनियों से अपनी शाखाओं को तर्कसंगत करने तथा गेस्ट हाउस जैसे बेवजह के खर्चों में कटौती करने को कहा है।
इस साल पांच बड़ी कंपनियों का होगा निजीकरण
हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा एलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य पूरा करेगी। इसी साल पांच बड़ी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा। एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम, बीईएमएल, शिपिंग कॉरपोरेशन और कंटेनर कॉरपोरेशन- इन पांचों सरकारी कंपनियों का निजीकरण इसी साल किया जाएगा।