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सबकुछ ठीक: वोडा-आइडिया ने कर्मियों को दिलाया भरोसा, कंपनी में सुरक्षित है भविष्य

एजेंसी, नई दिल्ली। Published by: Jeet Kumar Updated Fri, 06 Aug 2021 07:24 AM IST
सार

वोडा आइडिया के पास निवेश जुटाने की गुंजाइश बेहद कम है और दिवालिया होने की स्थिति में बैंकों का 28,700 करोड़ कर्ज चुकाना मुश्किल होगा। सबसे ज्यादा असर एसबीआई पर होगा, जिसने कंपनी को 11 हजार करोड़ का कर्ज दिया है।
 

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Vodafone Idea assures employees future is secure in the company
vodafone idea - फोटो : amarujala
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विस्तार
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घाटे, कर्ज और बड़े बदलावों से गुजर रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया के हालिया घटनाक्रम से कर्मचारियों और निवेशकों में डर समा गया है। इसे दूर करने के लिए सीईओ रविंद्र ठक्कर ने अपने 9,500 कर्मचारियों को ई-मेल कर भरोसा दिलाया है कि कंपनी में सबकुछ ठीक चल रहा और भविष्य को लेकर डरने की जरूरत नहीं है।

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दरअसल, वोडा-आइडिया के प्रवर्तकों ने आगे कोई भी निवेश करने से इनकार कर दिया है। गैर-कार्यकारी चेयरमैन कुमार मंगल बिड़ला के बुधवार को पद छोड़ने के बाद निवेश और कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए। इस पर सीईओ ठक्कर ने सीधे कर्मचारियों से संवाद कर कंपनी के बोर्ड में हुए बदलावों की जानकारी दी।
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कहा, कंपनी का कारोबार सही चल रहा है और कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहेंगे। इससे पहले कुमार मंगलम ने सरकार को पत्र लिखकर कंपनी का भविष्य बचाने के लिए अपनी 27 फीसदी हिस्सेदारी देने की बात कही थी। अब उनके चेयरमैन पद से हटने के बाद वोडा आइडिया के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

यही कारण है कि बृहस्पतिवार को एक ही दिन में कंपनी के शेयर 25 फीसदी टूटकर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर चले गए। ब्यूरो

कंपनी दिवालिया हुई, तो एसबीआई सहित तीन बैंकों पर ज्यादा असर
वोडा आइडिया के पास निवेश जुटाने की गुंजाइश बेहद कम है और दिवालिया होने की स्थिति में बैंकों का 28,700 करोड़ कर्ज चुकाना मुश्किल होगा। सबसे ज्यादा असर एसबीआई पर होगा, जिसने कंपनी को 11 हजार करोड़ का कर्ज दिया है।

इसके अलावा यस बैंक ने 4 हजार करोड़ और इंडसइंड बैंक ने 3,500 करोड़ के कर्ज दिए हैं। अगर लोन बुक के लिहाज से देखा जाए, तो आईडीएफसी फस्र्ट बैंक के कुल कर्ज में वोडा आइडिया का हिस्सा 2.9 फीसदी है। इसके बाद यस बैंक के लोन बुक में हिस्सेदारी 2.4 फीसदी और इंडसइंड बैंक में 1.65 फीसदी है।

निवेश के लिए तरस रही वीआईएल
ब्रिटिश फर्म वोडाफोन समूह के सीईओ निक रीड 23 जुलाई को ही स्पष्ट कर दिया कि अब वे भारतीय ज्वाइंट वेंचर (वोडा आइडिया) में एक भी रुपये का निवेश नहीं करेंगे। कंपनी पर एजीआर, स्पेक्ट्रम, कर्ज और शुल्क आदि मिलाकर कुल 1.80 लाख करोड़ बकाया है, जबकि उसकी बाजार पूंजी 20 हजार करोड़ के आसपास है। ऐसे में कंपनी के लिए बकाया चुकाना और कारोबार जारी रखना बिना निवेश के बेहद मुश्किल होगा।

9 दिन में 53% टूटे शेयर
वोडाफोन के सीईओ की ओर से नया निवेश नहीं करने के बयान के बाद से ही कंपनी के शेयरों में गिरावट जारी है। पिछले नौ कारोबारी सत्र में यह 53% नीचे आ चुका है।

कुमार मंगलम के पद छोड़ने के बाद एक दिन में शेयर 25% तक गिर गए। बीएसई पर शेयर का मूल्य 4.55 रुपये आ गया। बाद में सुधार के साथ 1.49% टूटकर बंद हुआ। बीएसई पर अभी 5.94 रुपये का भाव है, जो 9 सत्र पहले 9.75 रुपये के भाव पर था।

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