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WPI Inflation: अक्तूबर में थोक महंगाई शून्य से नीचे, लगातार सातवें महीने गिरावट, खाने-पीने का सामान सस्ता
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 14 Nov 2023 01:34 PM IST
सार
खाद्य पदार्थों में अक्तूबर में महंगाई 2.53 प्रतिशत थी, जबकि उससे पिछले महीने यानी कि सितंबर में यह आंकड़ा 3.35 प्रतिशत था।
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महंगाई दर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सब्जियों, दूध व बिजली समेत अन्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी से थोक महंगाई अक्तूबर, 2023 में शून्य से 0.52 फीसदी नीचे रही। इस साल अप्रैल से यह लगातार सातवां महीना है, जब थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई शून्य से नीचे बनी हुई है। सितंबर, 2023 में थोक महंगाई शून्य से 0.26 फीसदी नीचे थी, जबकि अक्तूबर, 2022 में यह 8.67 फीसदी रही थी। डब्ल्यूपीआई महंगाई का शून्य से नीचे रहने का अर्थ कुल थोक कीमतों में सालाना आधार पर गिरावट है।
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मंगलवार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने खाद्य महंगाई घटकर 2.53 फीसदी पर आ गई। सितंबर में यह आंकड़ा 3.35 फीसदी था। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, डब्ल्यूपीआई अपस्फीति (सालाना महंगाई दर का शून्य से नीचे गिर जाना) सालाना आधार पर अक्तूबर में थोड़ा बढ़कर 0.5 फीसदी पहुंच गई। सितंबर में यह 0.3 फीसदी थी।
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स्थिर रुपये व कर नीति से नियंत्रण में मुद्रास्फीति
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज के प्रबंध निदेशक एवं ईएम (उभरते बाजार) एशिया अर्थशास्त्र के प्रमुख राहुल बाजोरिया ने कहा, कुल मिलाकर महंगाई मोटे तौर पर नियंत्रण में बनी हुई है। स्थिर रुपये, प्रबंधन योग्य ऊर्जा लागत और ईंधन कीमतों पर कर नीति से महंगाई को स्थिर सीमा में रखने में मदद मिल रही है। लचीली मांग और मजबूत आर्थिक विकास के साथ सब्जियों की अस्थिर कीमतों से महंगाई पर कुछ दबाव बना हुआ है। लेकिन, खुदरा और थोक दोनों के लिए मुख्य महंगाई के प्रबंधनीय बने रहने की गुंजाइश है।
घरेलू कीमतों में वृद्धि से निकट भविष्य में जोखिम
विशेषज्ञों का कहना है कि सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव, अधिकतर खाद्य पदार्थों की घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी और प्रतिकूल आधार प्रभाव से थोक महंगाई निकट भविष्य में बढ़ सकती है। इक्रा का अनुमान है कि 2023-24 के शेष महीनों में थोक महंगाई 3 फीसदी के नीचे ही बनी रहेगी।