कामकाजी दंपत्ति लेता है होम लोन, तो मिलते हैं कई फायदे
अपना घर खरीदना हरेक व्यक्ति का सपना होता है। लेकिन बड़े डाउन पेमेंट और ज्यादा ईएमआई होने की वजह से कई लोग अपने इस सपने को पूरा करने का प्रयास टाल देते हैं। लेकिन आज भी लोग इस तरीके को अपनाकर अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।
ऐसे पूरा होगा सपना
अगर पति के साथ ही पत्नी भी कहीं नौकरी करती है तो फिर वो दोनों सयुंक्त तौर पर होम लोन ले सकते हैं। इसके कई सारे फायदे हैं। अगर महिला घर या फ्लैट में पहली को-ऑनर है तो फिर कई तरह के लाभ मिलते हैं, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
ब्याज दर कम
पति-पत्नी साथ में लोन लेते हैं तो फिर इससे बैंक या फिर हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां उनको ज्यादा राशि पर लोन देती हैं। वहीं पत्नी का नाम को-ऑनर में पहले होने पर ब्याज दर भी कम लगती है।
स्टांप ड्यूटी में छूट
महिलाओं को घर की रजिस्ट्री कराते वक्त भी स्टांप ड्यूटी में राज्य सरकारें दो फीसदी की छूट देती हैं। इससे एक करोड़ रुपये की संपत्ति पर कम से कम दो लाख रुपये का फायदा होता है।
टैक्स में तीन लाख रुपये की बचत
कामकाजी दंपत्ति को होम लोन की मूल राशि पर 1.5 लाख रुपये से ज्यादा की कर में छूट मिलती है। यह छूट आयकर कानून के सेक्शन 80सी के अंतर्गत दी जाती है। इसका फायदा पति-पत्नी साथ में उठा सकते हैं। इससे तीन लाख रुपये का फायदा हो सकता है।
होम लोन ब्याज पर चार लाख रुपये
इसी तरह ब्याज पर भी दोनों को अलग-अलग छूट लेने का भी प्रावधान है। ईएमआई पर प्रति व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में दो लाख रुपये की छूट ले सकता है। हालांकि दोनों की सालाना आय टैक्सेबल होनी चाहिए। वहीं होम लोन की ईएमआई संयुक्त खाते से जा रही हो।
एचआरए, होम लोन पर मिलेगी रिटर्न में छूट
एचआरए पर टैक्स छूट का फायदा सिर्फ नौकरीपेशा लोगों को ही मिलेगा, बिजनेस करने वालों को नहीं। इसका फायदा उठाने के लिए कर्मचारी को उस घर के किराये पर खर्च करना जरूरी होगा, जिसमें वह रह रहा है। अगर घर में उसके बजाय कोई और शख्स रह रहा है तो किराये पर एचआरए का फायदा उस कर्मचारी को नहीं मिलेगा।
इस तरह एक साथ मिलेगी दोनों छूट
अगर आप किसी शहर में नौकरी करते हैं लेकिन आपने मकान किसी और शहर में लिया है, जिसके लिए बैंक से होम लोन ले रखा है। ऐसी परिस्थिति में आप अपने लोन की ईएमआई पर टैक्स छूट का दावा करने के साथ वेतन में मिल रहे एचआरए पर भी लाभ ले सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर आप उसी शहर में नौकरी करते हैं, जहां आपने मकान खरीदा है लेकिन अभी वह निर्माणाधीन है तो ऐसी स्थिति में भी आयकर कानून आपको एचआरए और होम लोन पर टैक्स छूट का लाभ उठाने की स्वतंत्रता देता है।
हालांकि, करदाता मकान का निर्माण पूरा होने तक सिर्फ मूल भुगतान पर ही छूट का हकदार होगा। इसी तरह, वह घर जिसे आपने खरीदा है आपके कार्यालय से बहुत दूर है तो ऐसे मामलों में भी आयकर अधिनियम व्यक्ति को एचआरए और होम लोन के लाभ का दावा करने की अनुमति देता है, जिसमें होम लोन पर मूलधन और ब्याज भुगतान दोनों शामिल हैं।
छूट के लिए गलत दावा न करें
एचआरए और होम लोन की साथ छूट लेने के लिए कानून का दुरुपयोग न करें। लिहाजा अगर आप अपने मकान से किराये के रूप में आय लेते हैं, तो एचआरए का दावा न करें। हालांकि, अगर आप अपने आईटीआर में मकान से मिले किराये का खुलासा करते हैं तो होम लोन के साथ एचआरए ले सकते हैं।
दावा करने में सावधानी बरतें
आयकरदाताओं को एचआरए और होम लोन के मूलधन और ब्याज पर टैक्स छूट का दावा करते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए। आयकर कानून में विशेष परिस्थितिओं में ही दोनों तरह का दावा साथ करने की अनुमति है। अगर सही जानकारी न हो तो आपका दावा न सिर्फ गलत साबित होगा, बल्कि कर चोरी का भी मामला बन सकता है। -अतुल गर्ग, सीए