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युवाओं की नई कार्यसंस्कृति: बेहतर तनख्वाह और मन मुताबिक नौकरी की मांग पर अड़ी; 82% AI को लेकर उत्साहित

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Thu, 06 Nov 2025 12:21 PM IST
सार

रैंडस्टैड इंडिया की ताजा रिपोर्ट द जेन-जी वर्कप्लेस ब्लूप्रिंट में यह बात सामने आई है कि भारत में युवा पेशेवर अपने करियर विकल्पों पर पुनर्विचार कर रहे हैं। वे अब नौकरी चुनते समय सिर्फ अच्छी सैलरी ही नहीं, बल्कि लचीलापन, उद्देश्य और संतुलित जीवनशैली को प्राथमिकता दे रहे हैं। आइए विस्तार से जनाते हैं।

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Young people insist on demanding better pay and customized jobs; 82% enthusiastic about AI
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
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विस्तार
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जेन-जी, आज दुनिया में चर्चा का सबसे गर्म मुद्दा बन चुके हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर क्यों? वजह है उनके सोचने का अलग तरीका, उनकी मांग और पसंद। यह पीढ़ी स्थापित मानकों पर सवाल उठाने वाली और बदलाव को नए नजरिए से देखने वाली है। इसी बीच रैंडस्टैड इंडिया की ताजा रिपोर्ट द जेन-जी वर्कप्लेस ब्लूप्रिंट ने बताया है कि यह नई पीढ़ी अपने ऑफिस से क्या चाहती है और किन हालातों से बिल्कुल भी समझौता नहीं करना चाहती है।

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युवा पेशेवर की प्राथिमकताएं

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में युवा पेशेवर अपने करियर विकल्पों पर पुनर्विचार कर रहे हैं। वे अब नौकरी चुनते समय सिर्फ अच्छी सैलरी ही नहीं, बल्कि लचीलापन, उद्देश्य और संतुलित जीवनशैली को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह रिपोर्ट 750 भारतयी युवाओं पर आधारित सर्वे से तैयार की गई है। इसमें उनके कार्य संबंधी प्राथमिकताओं, करियर दृष्टिकोण, रिटेंशन फैक्टर्स, एआई व सीखने के नजरिए का विश्लेषण किया गया है। रिटेंशन फैक्टर्स, वे कारक हैं जो कर्मचारियों या ग्राहकों को किसी संगठन को छोड़ने से रोकते हैं।

जेन-जी के लिए लचीलापन की परिभाषा

अध्ययन के अनुसार, जेन-जी के लिए लचीलापन सिर्फ घर से काम करने या ऑफिस टाइम में ढील भर नहीं है बल्कि इसका मतलब है अपनी सुविधा और जीवनशैली के हिसाब से काम करने की आजादी। वे ऐसी नौकरियां चाहते हैं जहां समय, लोकेशन और काम करने के तरीके में आजादी मिले। नके लिए यह मायने रखता है कि वे अपनी उत्पादकता के हिसाब से काम कर सकें, न कि सख्त दफ्तर की घड़ी के अनुसार। इसके अलावा, यात्रा के अवसर और विदेश से रिमोट वर्क करने की सुविधा भी युवा पेशेवरों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।


रैंडस्टैड इंडिया के एमडी और सीईओ विश्वनाथ पीएस ने कहा कि जो नियोक्ता आजीवन सीखने, समावेशिता और लचीलापन अपने कार्यस्थल में शामिल करेंगे, वे न केवल इस पीढ़ी की प्रतिभा को आकर्षित और बनाए रखेंगे, बल्कि भविष्य के लिए तैयार संगठनों का निर्माण करेंगे।

Young people insist on demanding better pay and customized jobs; 82% enthusiastic about AI
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock

कंपनियों की अपनी रणनीति और तौर-तरीके में बदलाव करने की जरूरत

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कार्यशक्ति में इस पीढ़ी की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में कंपनियों को अपनी टैलेंट रणनीतियों, कार्यसंस्कृति और कर्मचारी जुड़ाव के तरीकों में तेजी से बदलाव लाने की जरूरत है। रैंडस्टैड डिजिटल इंडिया के प्रबंध निदेश मिलिंद शाह ने कहा कि भारतीय जेन जी का 'फुल-टाइम जॉब के साथ साइड हसल' यानी फुल-टाइम नौकरी के साथ-साथ अतिरिक्त काम को प्राथमिकता देना। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को अब ऐसी संस्कृति बनानी होगी, जो तकनीकी दक्षता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता दोनों को साथ लेकर चले। जो कंपनियां इस संतुलन को अपनाएंगी, वे अगली पीढ़ी के शीर्ष तकनीकी प्रतिभाओं को हासिल करेंगी।

जेन-जी के बीच लोकप्रिय है एआई 

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 82% जेन-जी कार्यस्थल पर एआई के इस्तेमाल को लेकर उत्साहित हैं, और 83% पहले से ही समस्या-समाधान के लिए एआई टूल्स का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, 44 फीसदी युवाओं ने एआई के कारण भविष्य में नौकरियों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता भी जताई है, जो पिछली पीढ़ियों की तुलना में कहीं अधिक है। सीखने की आदतों में भी बदलाव दिख रहा है, 52% जेन जी कर्मचारी एआई टूल्स के जरिए खुद को अपस्किल कर रहे हैं, साथ ही ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग और पीयर लर्निंग को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।

पिछली पीढ़ियों से विपरित है जेन-जी की सोच

जेन-जी पिछली पीढ़ियों की तरह 'लंबी नौकरी अवधि' पर नहीं, बल्कि ऐसे नियोक्ताओं पर भरोसा करती है जो उनके विकास में निवेश करें और संतुलित जीवन की उनकी जरूरत का सम्मान करें। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बदलाव चुनौती नहीं, बल्कि संगठनों के लिए खुद को विकसित करने का अवसर है।


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