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'गुणवत्ता' के दम पर 12 क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाएगी सरकार, धाक जमाने के लिए दांव लगाने को तैयार

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: योगेश साहू Updated Fri, 14 Feb 2020 03:38 AM IST
सार

  • गोयल ने कहा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम क्षेत्रों पर जोर
  • 100 अरब डॉलर हो सकता है वस्त्र उद्योग का निर्यात अगले 10 वर्षों में, जो 37 अरब डॉलर है अभी 

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Central Government will increase exports in 12 regions on the basis of quality
केंद्रीय मंत्री पीयूश गोयल - फोटो : PTI
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विस्तार
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सरकार वैश्विक निर्यात में धाक जमाने के लिए ऐसे सेक्टरों पर दांव लगाने की तैयारी में हैं, जो प्रतिस्पर्धा देने में सक्षम हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वह कपड़ा जैसे 12-13 सेक्टरों पर जोर दे रहे हैं, जिनमें निर्यात बढ़ाने की पूरी संभावनाएं हैं और वे प्रतिस्पर्धा देने में पूरी तरह सक्षम हैं। कहा, निर्यात तब बढ़ता है, जब उत्पाद बेहतर हो और प्रतिस्पर्धा के लिहाज से उन्हें बढ़त हासिल हो।

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गोयल ने कहा, ‘अब हम 12 या 13 सेक्टरों के बारे में अपनी क्षमताओं पर ध्यान दे रहे हैं, जहां हमें लगता है कि भारत को प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल हो और उनका निर्यात बढ़ाने की पूरी संभावनाएं हैं।’ मानव निर्मित टेक्सटाइल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कई साल से इस पर ध्यान दे रहे हैं। भारत का हमेशा ही कॉटन टेक्सटाइल पर जोर रहा है, जहां दुनिया मानव निर्मित टेक्सटाइल की ओर रुख कर रही है।
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उन्होंने कहा, ‘हमने अब इस पर ध्यान दिया है कि हम कैसे क्रमबद्ध तरीके से मानव निर्मित टेक्सटाइल उद्योग को विकसित कर सकते हैं।’ गोयल ने कहा, उन्होंने टेक्सटाइल सेक्टर के लोगों को बताया है कि अगले 10 साल में इसके निर्यात को 37 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाने की संभावनाएं हैं। एजेंसी

ई-कॉमर्स कंपनी के घाटे पर उठाए सवाल
गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर सवाल उठाते हुए कहा, जब 5 हजार करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी को 6,000 करोड़ का घाटा होता है तो यह वास्तव में सही नहीं लगता। इसे पूरा करने के िलए एफडीआई लाना ही होगा। उन्होंने कहा, भारत में काम करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को एफडीआई नियमों का पालन करना होगा। अगर कंपनियां भारतीय नियमों और कानूनों के तहत देश में आती हैं तो उनका स्वागत है। इसी क्रम में मैंने पूर्व में मंत्री ने कहा था, अमेजन निवेश कर एहसान नहीं कर रही। 

घरेलू उत्पादन में क्षमता है, तभी दे रहे संरक्षण
भारत के संरक्षणवाद की होड़ में उतरने के सवाल पर वाणिज्य मंत्री ने कहा कि जहां देश में घरेलू क्षमता है तो वहां संरक्षण जरूरी है। अनुचित प्रतिस्पर्धा या घरेलू उत्पादन की ऊंची लागत के चलते ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं। गौरतलब है कि दिसंबर, 2019 में भारत का निर्यात 1.8 फीसदी गिरकर 27.36 अरब डॉलर रह गया। यह लगातार पांचवां महीना है, जब निर्यात में कमी दर्ज की गई है। इसकी वजह मुख्य रूप से प्लास्टिक, रत्न और आभूषण, चमड़ा उत्पाद और रसायन के निर्यात में बड़ी गिरावट रही है। 

उपहारों में दें स्वदेशी उत्पाद
वाणिज्य मंत्री ने लोगों से त्योहारों पर उपहार के रूप में स्वदेशी उत्पाद देने का आह्वान किया। कहा, स्वदेशी को प्रोत्साहन देना महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को अगले तीन साल तक स्वदेशी सामानों के प्रोत्साहन का संकल्प लेना चाहिए। 

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