निवेश के मंत्र 26: गोल्ड ईटीएफ या फिजिकल गोल्ड, किसमें करें निवेश?
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- जानकार देते हैं गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने की सलाह
- पोर्टफोलियो में पांच से दस फीसद हिस्सा सोने में निवेश करें
- बाजार के जोखिम को कम करने के लिए सोने में निवेश सही
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विस्तार
फाइनेंशियल प्लानर की ओर से निवेशकों को हमेशा यही सलाह दी जाती है कि अपने पोर्टफोलियो में निवेश का कुछ हिस्सा सोने में जरूर करें। इससे पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन आ जाता है तो जोखिम का खतरा कम रहता है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बाद भी सोने के भाव से संतुलन बना रहता है।
सोने में निवेश को लेकर लोगों के बीच ये संदेह पाया जाता है कि निवेश फिजिकल गोल्ड में करें या गोल्ड ईटीएफ में। ज्यादातर विशेषज्ञ आपको गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह देंगे क्योंकि इन पर रिटर्न अच्छा मिल जाता है।
अगर आप निजी उपयोग के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपके फिजिकल सोना खरीदना अच्छा विकल्प हो सकता है लेकिन अगर आपके लक्ष्य बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं।
क्या होते हैं गोल्ड ईटीएफ?
ईटीएफ यानि कि एक्सचेंड एंड ट्रेडेड फंड, ये फंड सीधा सोने में ऑनलाइन तरीके से निवेश करते हैं। ईटीएफ फंड किसी सामान्य स्टॉक की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड किए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम है जो निवेशकों से पैसा इकट्ठा कर सीधा गोल्ड बुलियन में 99.5 फीसद शुद्धता के साथ निवेश करती है।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश आसाना है, इसे आप जब चाहे तब खरीद और बेच सकते हैं। जब निवेशक गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश करता है तो फंड के जरिए उतनी राशि का सोना खरीद लिया जाता है और कस्टोडियन में स्टोर कर दिया जाता है।
जब निवेशक इन यूनिट्स को ट्रेड करता है तो उसके खाते में उतनी राशि का सोना ना आकर नकद आता है। निवेशक को ध्यान में रखना होगा कि वह निवेश तो सोने में कर रहा है लेकिन निकासी के समय सोने की बजाय नकद खाते में आता है।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश की सलाह?
अगर अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना है और जोखिम की मात्रा कम करनी है तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश एक अच्छा विकस्प आपके लिए बन सकता है। आर्थिक संकट या उतार-चढ़ाव के दौर में गोल्ड ईटीएफ में निवेश फायदा पहुंचा सकता है।
गोल्ड ईटीएफ में टैक्स वैसे ही लगता है जैसे सोने की खरीद और बिक्री पर लगता है। अगर निवेशक को गोल्ड ईटीएफ के ट्रेड पर मुनाफा हुआ है तो उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। इस तरह के निवेश में छोटी और लंबी दोनों अवधि के लिए टैक्स लगता है।
गोल्ड ईटीएफ पर दो तरह से टैक्स लगता है एक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन। अगर निवेशक ने 36 महीने यानि कि तीन साल से ज्यादा फंड में निवेश किया है तो उसे 20 फीसद एलटीसीजी के साथ इंडेक्सेशन भी देना होगा।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश क्यों करें?
जो निवेशक में सोने में रुचि और जानकारी रखते हैं वो गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। जो निवेशक कमोडिटी में निवेश नहीं करना चाहते लेकिन पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड चाहिए वो इस फंड में निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड ईटीएफ में सिर्फ 0.5 से एक फीसद तक का ही ब्रोकरेज लगता है। हालांकि जानकार ये सलाह देते हैं कि पूरे पोर्टफोलियो का पांच से दस फीसद हिस्सा ही सोने में निवेश करना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ में निवेश के क्या फायदे हैं...
- गोल्ड ईटीएफ को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी आसान है
- सोने की कीमतें स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक होती हैं जिससे निवेशकों के बीच पारदर्शिता बनी रहती है
- फंड को खरीदने और बेचने पर कोई एंटी और एग्जिट लोड नहीं लगता है, सिर्फ ब्रोकरेज देनी होती है
- गोल्ड ईटीएफ पर कोई वैल्थ टैक्स नहीं लगता है
- कोई निवेशक एक यूनिट यानि कि एक ग्राम खरीद कर निवेश शुरू कर सकता है